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ब्रह्मांड में जल की उत्पत्ति

Lokesh Pal March 27, 2025 05:29 54 0

संदर्भ

हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने ब्रह्मांड में जल की उत्पत्ति के बारे में कुछ नई जानकारियाँ प्रदान की हैं, जो वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती देती हैं।

अध्ययन के बारे में

  • प्रकाशित: यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
  • विधि: शोधकर्ताओं ने अप्रत्यक्ष तरीकों के उपयोग के आधार पर 3D सिमुलेशन मॉडल शुरू किए, जैसे किपापुलेशन III सुपरनोवा’ (ब्रह्मांड के सबसे पुराने तारे पूरी तरह से हाइड्रोजन और हीलियम से निर्मित हैं) पर संख्यात्मक प्रयोग, जिसमें जल के संकेतों का पता लगाने का प्रयास किया गया। 
    • शोधकर्ता का उद्देश्य यह जानना था कि तारों से उत्सर्जित आयनकारी पराबैंगनी विकिरण किस प्रकार तारों को गर्म करता है तथा उनके जीवनकाल में आसपास की गैसों को कैसे दूर करती हैं।
  • संचालित: यह शोध ‘यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ’ के ‘कॉस्मोलॉजी एंड ग्रेविटेशन संस्थान’, इंग्लैंड द्वारा संचालित किया गया।
  • अध्ययन का केंद्रण: शोधकर्ताओं ने जल से समृद्ध गैस के सघन समूह का निर्माण करने वाले दो प्रकार के सुपरनोवा पर ध्यान केंद्रित किया।
    • कोर-कॉलेप्स सुपरनोवा (Core-Collapse Supernovae): यह तब होता घटित है, जब किसी बड़े तारे का स्वयं के वजन के कारण पतन हो जाता है।
    • युग्म-अस्थिरता सुपरनोवा (Pair-Instability Supernovae): यह तब घटित होता है, जब किसी तारे का आंतरिक दाब अचानक कम हो जाता है, जिससे उसका पतन हो जाता है।
  • निष्कर्ष
    • ब्रह्मांड के सबसे पुराने तारे (पापुलेशन III) जल के स्रोत बन गए क्योंकि उनकी परमाणु अग्नि सुपरनोवा नामक विशाल विस्फोटों में मंद हो गई।
    • समयरेखा: जल निर्माण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ बिग बैंग के बाद प्रथम सुपरनोवा विस्फोट के साथ लगभग 50 मिलियन से 1 बिलियन वर्ष के बीच मौजूद थीं।
    • तारकीय अवशेष: ये ‘बिग पापुलेशन-III’ श्रेणी के तारे जब विस्फोटित हुए, तो अपने तारकीय अवशेषों के रूप में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य तत्त्व पीछे रह गए, जिससे जल के निर्माण के लिए परिस्थितियाँ उत्पन्न हुई।
    • ऑक्सीजन का निर्माण: इन सुपरनोवा में उत्पादित ऑक्सीजन हाइड्रोजन के साथ मिलकर जल का निर्माण करती है।
      • ऑक्सीजन केवल उन विशाल तारों में नाभिकीय दहन के अंतिम चरण के दौरान बनती है, जिनमें विस्फोट होना निश्चित है।
    • सांद्रता: इन प्रारंभिक सुपरनोवा में उत्पादित जल की कुल मात्रा गैस के सघन क्षेत्रों में अत्यधिक केंद्रित थी, जिन्हें ‘क्लाउड कोर’ के रूप में जाना जाता है, जिन्हें तारों एवं ग्रहों का उत्पत्ति स्थान माना जाता है।
  • महत्त्व
    • जल संबंधी मॉडलिंग: यह पहली बार है, जब प्राचीन ब्रह्मांड में जल का मॉडल तैयार किया गया है।
    • ग्रह निर्माण: पहली आकाशगंगाओं के निर्माण से भी पहले और बिग बैंग के 100-200 मिलियन वर्ष बाद आवास योग्य ग्रहों का निर्माण शुरू हो गया होगा।
    • जीवन की संभावना: यह शोध ब्रह्मांड में संभावित जीवन के उद्भव की समयरेखा को बहुत पीछे ले जाता है।
    • पूर्व शोध को मान्य करना: यह निष्कर्ष पिछले शोध को प्रमाणित करता है कि पृथ्वी के इतिहास के आरंभ में कम-से-कम कुछ जल धूमकेतुओं द्वारा उत्पन्न किया गया था।
      • वे इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि जल के अणु अपने अंतरतारकीय उद्गम से अपरिवर्तित बने रहते हैं, जब वे ब्रह्मांड में अन्य ग्रहों पर पहुँचते हैं।

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