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पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना

Lokesh Pal February 29, 2024 05:54 167 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय विदेश सचिव ने नेपाली समकक्ष से मुलाकात की और बहुआयामी सहयोग पर वार्ता की, हालाँकि इस वार्ता में पंचेश्वर परियोजना पर कोई चर्चा नहीं हुई।

संबंधित तथ्य

पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना

  • पृष्ठभूमि
    • परियोजना का विवरण: पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना (PMP) नेपाल और भारत की सीमा पर महाकाली नदी पर विकसित की जाने वाली एक द्वि-राष्ट्रीय जलविद्युत परियोजना है।
    • विद्युत उत्पादन:  महाकाली संधि के अनुसार, भारत और नेपाल में महाकाली नदी के दोनों ओर 3,240 मेगावाट क्षमता के समान आकार के भूमिगत पॉवर हाउस बनाए जाएँगे।
    • अतिरिक्त लाभ: इसके अतिरिक्त, पंचेश्वर परियोजना नेपाल और भारत दोनों में कृषि भूमि के विशाल क्षेत्र को सिंचाई के लिए जल पूर्ति के साथ ही बाढ़ नियंत्रण का लाभ भी प्रदान करेगी।
  • विवाद के प्रमुख बिंदु 

विवाद का घटनाक्रम

  • 1990 के दशक में परियोजना की शुरुआत हुई।
  • वर्ष 2014 में, दोनों देशों ने समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
  • वर्ष 2018 में, नेपाल ने परियोजना पर अपनी सहमति वापस ले ली।
  • वर्ष 2022 में, दोनों देशों ने फिर से बातचीत शुरू हुई। 

    • परियोजना का लक्ष्य: पंचेश्वर परियोजना का लक्ष्य 6,480 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना (दोनों देशों में समान रूप से विभाजित) और नेपाल तथा भारत को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना है।
    • वार्ता : लाभ साझाकरण पर असहमति के कारण वार्ता रुकी हुई है।
    • विद्युत,सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण: जबकि विद्युत समान रूप से विभाजित है, परंतु भारत को सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण लाभों का बड़ा हिस्सा प्राप्त है।
    • नेपाल का दृष्टिकोण: नेपाल हिमालयी जल संसाधन को एक मूल्यवान वस्तु (सफेद सोना“) मानता है और जल के बढ़ते आर्थिक महत्त्व तथा समान लाभ की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
    • भारत की चिंताएँ: भारत की चिंताएँ मौजूदा जलसंधियों (जैसे- सिंधु जलसंधि) पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव से जुड़ी हैं।

नेपाल का भौगोलिक स्वरूप

  • स्थल-रुद्ध: नेपाल उत्तर में चीन और अन्य सभी तरफ से भारत से घिरा हुआ है। इसका अर्थ है इसका कोई समुद्री तट नहीं है।
  • स्थलाकृति: दक्षिण में तराई क्षेत्र से लेकर दुनिया के 14 सबसे ऊँचे पर्वत शिखरों (माउंट एवरेस्ट सहित) वाले हिमालय तक, नेपाल विविध भू-स्वरूपों का देश है।
  • तीन मुख्य क्षेत्र: तराई का उपजाऊ मैदान, विभिन्न संस्कृतियों से भरा पहाड़ी क्षेत्र, और ऊँचे, बर्फीले हिमालयी क्षेत्र।
  • जलवायु: दक्षिण में उपोष्णकटिबंधीय, पहाड़ी क्षेत्र में समशीतोष्ण और हिमालय में उप-ध्रुवीय जलवायु।
  • नदियाँ: कोसी, और करनाली नदियाँ, सिंचाई और जलविद्युत के महत्त्वपूर्ण स्त्रोत हैं।

भारत नेपाल द्विपक्षीय संबंध

  • प्रस्तावना
    • गहरे संबंध: दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक संबंध हैं।
    • भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 की ‘भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि’ के माध्यम से दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को एक मजबूत आधार प्रदान किया गया।
  • सहयोग के क्षेत्र
    • व्यापार और अर्थव्यवस्था
      • व्यापारिक साझेदार: भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (वित्त वर्ष 2022-23 में $8.64 बिलियन)।
      • विदेशी निवेश: भारत नेपाल में विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत है (वर्ष 2022-23 में $555.44 मिलियन)।
      • डिजिटल लेनदेन की सुविधा के लिए नेपाल में RuPay भुगतान प्रणाली का शुभारंभ।
    • भारत, नेपाल को अपने परिवहन मार्गों के माध्यम से तीसरे देशों (भारत के अतिरिक्त अन्य देशों) के साथ व्यापार करने के लिए पारगमन सुविधाएँ प्रदान करता है।
  • कनेक्टिविटी
    • दोनों देशों के बीच सीमा पार आवाजाही में सुधार के लिए सड़क, रेल और हवाई संपर्क का विकास किया जा रहा है। जैसे जयनगर-कुर्था लाइन और प्रस्तावित रक्सौल-काठमांडू रेल लाइन।
  • विकास सहायता
    • मानवीय सहायता:  नेपाल में वर्ष 2015 में आए भूकंप के बाद के पुनर्निर्माण के लिए भारत ने $500 मिलियन की सहायता प्रदान की।
    • शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास: शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक विकास के लिए विभिन्न पहलें।
  • रक्षा और सुरक्षा
    • रक्षा सहयोग:सूर्य किरणजैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास रक्षा सहयोग को मजबूत करते हैं।
    • सीमा प्रबंधन और आपदा प्रबंधन: सीमा प्रबंधन और आपदा प्रबंधन में सहयोग।
  • चुनौतियाँ और अवसर
    • सीमा विवाद: खुली सीमाओं को लेकर परस्पर विवाद।
    • जलविद्युत और जल बँटवारा
    • मतभेद: भारत और नेपाल के बीच अधिकांश जलविद्युत परियोजनाओं की क्षमता और जल संसाधनों के उपयोग या बँटवारे से जुड़े मतभेद इनकी प्रगति में एक प्रमुख बाधा रही है।
    • संधि: वर्ष 1996 की महाकाली संधि जल बँटवारे का आधार है।
    • चीन का प्रभाव: नेपाल का चीन के साथ बढ़ता जुड़ाव, जिससे भारत को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है ।
    • राजनीतिक अस्थिरता: नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता द्विपक्षीय समझौतों की निरंतरता को प्रभावित करती है।

आगे की राह

  • सम्मान और संवेदनशीलता: भारत और नेपाल के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों के लिए, दोनों देशों को एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समझ के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
  • आर्थिक विकास
    • साझा समृद्धि: साझा समृद्धि के लिए बुनियादी ढाँचे, व्यापार और निवेश को प्राथमिकता देना।
    • पंचेश्वर परियोजना: 6,480 मेगावाट बिजली पैदा करने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने वाली बहुउद्देशीय परियोजना।
  • लोक-केंद्रित दृष्टिकोण
    • सांस्कृतिक संबंध: सांस्कृतिक संबंधों, शैक्षिक आदान-प्रदान और पर्यटन को मजबूत करना।

जन-जन संपर्क: लोगों के बीच संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देना।

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