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पेलिकन

Lokesh Pal November 13, 2024 03:46 5 0

संदर्भ 

नवंबर 2024 के पहले सप्ताह में तेलिनेलापुरम पक्षी अभयारण्य (Telineelapuram Bird Sanctuary) में साइबेरिया से पेलिकन (Pelicans) का आना शुरू हो गया और ये पक्षी अगले वर्ष मार्च 2025 के अंत तक यहाँ रहेंगे।

पेलिकन (Pelicans) के बारे में 

  • आवास स्थान: मुख्य रूप से तटीय क्षेत्रों, झीलों और आर्द्रभूमि को आवास के रूप में उपयोग करते हैं।
  • भारत में पेलिकन की आबादी आवास स्थान के नुकसान, प्रदूषण और मानवीय व्यवधान के कारण कम हो गई है।

स्पॉट-बिल्ड पेलिकन (ग्रे पेलिकन) [Spot-billed Pelican (Grey Pelican)]

  • आवास: झीलों, जलाशयों और नदियों जैसे उथले निचले मीठे जल के निकाय।
  • आहार: मुख्य रूप से मछली, क्रस्टेशियन और उभयचर।
  • व्यवहार: ये सामाजिक पक्षी के रूप में व्यवहार करते हैं और अक्सर बड़े झुंड में देखे जाते हैं।
  • जीवन चक्र: मानसून के मौसम में प्रजनन करते हैं, बड़े सामुदायिक घोंसलों में अंडे देते हैं।
  • संरक्षण स्थिति
    • IUCN की रेड लिस्ट में: निकट संकटग्रस्त (Near Threatened)
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची IV (Schedule IV)

प्रवास करके भारत आने वाले पेलिकन के प्रकार 

  • स्पॉट-बिल्ड पेलिकन (Spot-billed Pelican): यह प्रजाति भारत में आम तौर पर देखी जाती है, इन्हें अक्सर तेलिनेलापुरम पक्षी अभयारण्य, आंध्र प्रदेश और कोलेरू झील, आंध्र प्रदेश में देखा जाता है।
  • ग्रेट व्हाइट पेलिकन (Great White Pelican): ये प्रजाति राजस्थान के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) में देखी जाती है; यह एक बड़ा सफेद पेलिकन है, जो कभी-कभी प्रवास करता है।
  • डेलमेटियन पेलिकन (Dalmatian Pelican): कभी-कभी ओडिशा के चिल्का झील में देखा जाता है; यह एक बड़ा पेलिकन है, जिसके पंखों पर काले रंग के विशिष्ट धब्बे होते हैं।

फ्लाईवे (Flyway) के बारे में

  • फ्लाईवे एक भौगोलिक क्षेत्र है, जिसके भीतर एक या एक से अधिक प्रवासी प्रजातियाँ अपना वार्षिक चक्र पूरा करती हैं, यानी प्रजनन, मोल्टिंग, स्टेजिंग और गैर-प्रजनन।
  • 3 फ्लाईवे [मध्य एशियाई फ्लाईवे (Central Asian Flyway- CAF), पूर्वी एशियाई ऑस्ट्रेलियन फ्लाईवे (East Asian Australasian Flyway- EAAF) और एशियाई पूर्वी अफ्रीकी फ्लाईवे (Asian East African Flyway- AEAF)] से प्रवासी पक्षी भारत आते हैं।
    • मध्य एशियाई फ्लाईवे (Central Asian Flyway- CAF): यह मार्ग रूसी संघ (साइबेरिया) के सबसे उत्तरी प्रजनन क्षेत्र से लेकर पश्चिम एवं दक्षिण एशिया, मालदीव और ब्रिटिश हिंद महासागर क्षेत्र के सबसे दक्षिणी गैर-प्रजनन (शीतकालीन) क्षेत्रों तक फैला हुआ है।

प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) या बॉन कन्वेंशन (Bonn Convention)

  • उद्देश्य: प्रवासी प्रजातियों और उनके आवासों के संरक्षण के उद्देश्य से वर्ष 1979 में हस्ताक्षरित एक अंतरराष्ट्रीय संधि जो वर्ष 1983 से लागू है।
  • सदस्य देश: वर्ष 2024 तक, 131 देश कन्वेंशन के पक्षकार हैं।
    • भारत भी वर्ष 1983 से CMS का एक पक्षकार रहा है।
  • भारत ने वर्ष 2020 में 13वें पक्षकारों के सम्मेलन (COP13) सहित कई CMS बैठकों की मेजबानी की है।
  • भारत ने साइबेरियन क्रेन, समुद्री कछुए, डुगोंग और रैप्टर जैसी विशिष्ट प्रजातियों के संरक्षण के लिए CMS के साथ कई समझौता ज्ञापनों (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

बर्डलाइफ इंटरनेशनल (BirdLife International) के बारे में

  • संरक्षण संगठनों (NGOs) की वैश्विक साझेदारी जो पक्षियों, उनके आवासों और वैश्विक जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रयास करती है, प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में स्थिरता की दिशा में लोगों के साथ कार्य करती है।
  • इसे वर्ष 1922 में अंतरराष्ट्रीय पक्षी संरक्षण परिषद (International Council for Bird Protection) के रूप में स्थापित किया गया था।
  • प्रकाशन
    • ‘वर्ल्ड बर्डवॉच’ (World Birdwatch)।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के लिए पक्षियों के लिए आधिकारिक रेड लिस्ट प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
  • महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (Important Bird Areas- IBA) की सूची भी प्रकाशित करता है।

IBA के पदनाम के लिए मानकीकृत मानदंड

  • वैश्विक रूप से संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों की महत्त्वपूर्ण संख्या: IBA में वैश्विक रूप से संकटग्रस्त के रूप में वर्गीकृत एक या अधिक पक्षी प्रजातियों की पर्याप्त आबादी होनी चाहिए।
  • प्रतिबंधित-सीमा या बायोम-प्रतिबंधित प्रजातियों की उपस्थिति: पदनाम उन साइटों पर विचार करता है, जो प्रतिबंधित-सीमा या बायोम-प्रतिबंधित प्रजातियों की एक शृंखला का सामूहिक रूप से समर्थन करने वाले स्थानों के संग्रह का हिस्सा हैं।
  • प्रवासी या समूह पक्षियों की असाधारण रूप से बड़ी संख्या होना।

तेलिनेलापुरम पक्षी अभयारण्य (Telineelapuram Bird Sanctuary)

  • तेलिनेलापुरम एक नामित महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) है और सर्दियों में प्रजनन के लिए स्पॉट-बिल्ड पेलिकन के लिए यह प्रमुख स्थान है।
  • स्थान: श्रीकाकुलम (Srikakulam) जिला, आंध्र प्रदेश, भारत।
  • वन्यजीव: मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से स्पॉट-बिल्ड पेलिकन के लिए जाना जाता है, जो सर्दियों में प्रजनन के लिए यहाँ आते हैं। अन्य पक्षी प्रजातियों में पेंटेड स्टॉर्क, ओपन-बिल्ड स्टॉर्क और विभिन्न जल पक्षी शामिल हैं।
  • जल निकाय: यह अभयारण्य तट के पास अवस्थित है, जहाँ खारे जल निकायों और बंगाल की खाड़ी तक पहुँच है।
  • वनस्पति: इस अभयारण्य में मैंग्रोव वन, तटीय आर्द्रभूमि और कृषि भूमि का मिश्रण है।

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