//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
July 17, 2024 02:35
888
0
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने विकलांग व्यक्तियों के अपमानजनक चित्रण के लिए फिल्म ‘आँख मिचौली’ (Aankh Micholi) पर प्रतिबंध लगाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्मों एवं वृत्तचित्रों सहित दृश्य मीडिया में विकलांग व्यक्तियों (PwDs) के प्रति रूढ़िवादिता एवं भेदभाव को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश निर्धारित किए।
पीठ ने फिल्म निर्माताओं से दृश्य मीडिया में विकलांग लोगों का प्रतिनिधित्व करते समय निम्नलिखित सात बिंदुओं का पालन करने की अपेक्षा की है:-
विकलांग व्यक्तियों में दीर्घकालिक शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या संवेदी विकार होते हैं, जो विभिन्न बाधाओं के साथ मिलकर समाज में दूसरों के साथ समान आधार पर उनकी पूर्ण और प्रभावी भागीदारी में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
मोटे तौर पर दो मॉडल हैं, जिनके अंतर्गत दिव्यांगता अधिकारों को देखा जाता है, जिन्हें चिकित्सा एवं सामाजिक मॉडल कहा जाता है।
दिव्यांगजनों की सहायता के लिए वैश्विक स्तर पर निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
भारतीय संविधान के तहत भारत सरकार दिव्यांगों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए बाध्य है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा उन्हें समर्थन, उत्थान और सशक्त बनाने के लिए निम्नलिखित कार्य किए गए हैं:
विभिन्न अधिकारों और कानूनों के बावजूद, उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:
भारत को दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने तथा भारत की वृद्धि और विकास के लिए उनके कौशल का उपयोग करने के लिए उनके सामने आने वाली विभिन्न उपरोक्त चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments