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प्लास्टिक समाधान: वैश्विक प्लास्टिक संधि

Lokesh Pal May 08, 2024 06:15 1036 0

संदर्भ

प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्लास्टिक संधि के तहत चौथे दौर की वार्ता  समाप्त हो गई।

संबंधित तथ्य

  • उद्देश्य: वार्ता, अब अपने चौथे दौर में वर्ष 2024 के अंत तक एक कानूनी दस्तावेज को अंतिम रूप देना चाहती है।
  • समय-सीमा: यह संधि प्लास्टिक उत्पादन पर अंकुश लगाने, कुछ रसायनों पर प्रतिबंध लगाने और पुनर्चक्रण  को बढ़ावा देने के लिए समय-सीमा निर्धारित करती है।
  • नए सिरे से वार्ता : नवंबर में दक्षिण कोरिया के ‘बुसान’ (Busan) में वार्ता का एक और दौर होने वाला है।

  • अंतर सरकारी वार्ता समिति (INC)
    • इस संधि को विकसित करने के लिए INC की स्थापना की गई थी। 
      • इसने वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में कार्य करना प्रारंभ किया।
    • समिति का लक्ष्य वर्ष 2024 के अंत तक वार्ता के सभी चरणों को पूर्ण करना है।
  • कई सत्र संपन्न हुए हैं
    • INC-1: ‘पुंटा डेल एस्टे’, (Punta del Este) उरुग्वे में आयोजित (28 नवंबर से 2 दिसंबर, 2022)।
    • INC-2: पेरिस, फ्राँस में आयोजित (29 मई से 2 जून, 2023)।
    • INC-3: नैरोबी, केन्या में आयोजित (13 से 19 नवंबर, 2023)।
    • INC-4: ओटावा, कनाडा में आयोजित (23 से 29 अप्रैल, 2024)।
    • INC-5: बुसान, कोरिया गणराज्य के लिए निर्धारित (25 नवंबर से 1 दिसंबर, 2024)।

वैश्विक प्लास्टिक संधि

  • यह प्लास्टिक के संबंध में कानूनी रूप से बाध्यकारी एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
  • इस संधि के लिए प्रस्ताव, मार्च 2022 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-5.2) के पुनः प्रारंभ हुए पाँचवे सत्र के दौरान पारित किया गया था।
    • उद्देश्य: इस समझौते का उद्देश्य प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करना है।
      • यह डिजाइन, उत्पादन और निपटान सहित प्लास्टिक के पूरे जीवन चक्र को संबोधित करता है।
  • सदस्य: इसमें संयुक्त राष्ट्र के 175 से अधिक देश शामिल हैं।

वैश्विक स्तर पर समझौते की पहुँच में चुनौतियाँ

  • तेल उत्पादकों पर आर्थिक प्रभाव: सऊदी अरब, अमेरिका और रूस जैसे देश, जो तेल उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर हैं, को डर है कि प्लास्टिक उत्पादन पर सख्त प्रतिबंध उनकी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि को धीमा कर सकते हैं।
  • विशिष्ट कमी लक्ष्य का अभाव: प्लास्टिक कटौती के लिए वर्ष 2040 का प्रस्तावित वर्ष विवाद का विषय है। 
    • कुछ राष्ट्र निकट समय सीमा का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य अधिक क्रमिक दृष्टिकोण के लिए जोर देते हैं।
  • मतदान बनाम आम सहमति: यह संधि विवादों को हल करने के लिए मतदान प्रक्रिया पर बहस का प्रावधान करती है।
    • इस वार्ता में शामिल है कि क्या विवादास्पद मुद्दों को बहुमत से तय किया जाना चाहिए या सभी देशों से समझौते की आवश्यकता है (प्रभावी रूप से प्रत्येक को वीटो देना)।

प्लास्टिक प्रदूषण में वैश्विक असमानता

गैर-लाभकारी संगठन ‘EA अर्थ एक्शन’ की एक रिपोर्ट दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण के वितरण में असंतुलन पर प्रकाश डालती है।

प्रमुख बिंदु

  • ब्राजील, चीन, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सामूहिक रूप से दुनिया के 60% प्लास्टिक अपशिष्ट में योगदान करते हैं।
    • यह दूसरों की तुलना में इन देशों द्वारा वहन किए जाने वाले प्लास्टिक प्रदूषण के एक महत्त्वपूर्ण बोझ को इंगित करता है।

  • विकासशील देशों की आवश्यकताएँ: भारत, कई विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए, प्लास्टिक के विकल्पों को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण की माँग करता है। 
    • यह जलवायु वार्ता में उपयोग किए जाने वाले “सामान्य परंतु विभेदित उत्तरदायित्व” सिद्धांत को प्रतिध्वनित करता है।
  • असमान प्लास्टिक प्रदूषण बोझ: प्लास्टिक प्रदूषण में कमी के मुद्दे, क्योंकि सभी देश प्लास्टिक प्रदूषण में समान योगदान नहीं देते हैं। 
    • इसलिए विभिन्न राष्ट्रों की अलग-अलग क्षमताओं को संबोधित करने की आवश्यकता है।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में भारत के प्रयास और चुनौतियाँ

  • प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम (2021): वर्ष 2022 में भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण को संबोधित करने के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम (Plastic Waste Management Amendment Rules- 2021) को लागू करके एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया।
  • चुनौतियाँ
    • प्रतिबंध का सीमित दायरा: नियमों ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक की 19 श्रेणियों पर प्रतिबंध लगा दिया; हालाँकि’, प्लास्टिक की बोतलें, यहाँ तक कि 200 मिलीलीटर से कम और बहुस्तरीय पैकेजिंग बॉक्स, जैसे दूध के डिब्बे, शामिल नहीं थे।
    • असंगत प्रवर्तन: प्रतिबंध के बावजूद प्रवर्तन पूरे देश में असंगत बना हुआ है, कई ‘आउटलेट’ एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को बेचना जारी रखे हुए हैं।
    • वहनीय विकल्पों की आवश्यकता: प्लास्टिक विकल्पों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए उन्हें उपभोक्ताओं और व्यवसायों हेतु वहनीय बनाने हेतु अधिक निवेश की आवश्यकता है।

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