100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

प्लूटोनियम समस्थानिक

Lokesh Pal June 25, 2024 03:53 144 0

संदर्भ

हाल ही में प्रॉम्प्ट फिशन न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रम (PFNS) पर किया गया अमेरिकी अध्ययन भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के दूसरे चरण की प्रक्रिया में नवीनता लाने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रॉम्प्ट फिशन न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रम (Prompt Fission Neutron Spectrum- PFNS)

  • परिचय: PFNS का तात्पर्य प्लूटोनियम-240 (Pu-240) के नाभिक में न्यूट्रॉन के जुड़ने से लेकर स्थिर होने की प्रक्रिया के बीच होने वाले ऊर्जा उत्सर्जन से है।
  • पिछला अध्ययन: अब तक केवल एक अध्ययन में 0.85 मेगा-इलेक्ट्रॉन वोल्ट (MeV) पर Pu-240 द्वारा उत्प्रेरित विखंडन के संबंध में PFNS की जाँच गई थी। किंतु हाल ही में, अमेरिकी शोधकर्ताओं ने 0.85 MeV से अधिक ऊर्जा स्तर वाले न्यूट्रॉन का उपयोग करके दूसरा अध्ययन किया।
  • नवीनतम निष्कर्ष: अध्ययन में बताया गया है कि पूर्वानुमानित और मापी गई PFNS के बीच महत्त्वपूर्ण असमानता है, जो रिएक्टर निर्माताओं और परमाणु अध्ययनकर्ताओं के लिए उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

समस्थानिक (Isotope)

  • परिचय: समस्थानिक एक ही तत्त्व के अलग-अलग परमाणु होते हैं, जिनमें प्रोटॉन की संख्या समान होती है अर्थात् परमाणु संख्या (Z) समान होती है, किंतु न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग होती है, जिसका अर्थ है कि उनकी द्रव्यमान संख्या (A- Atomic Weight) बदलती रहती है। 
  • उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन तीन प्राकृतिक रूपों में पाया जाता है- 1H, 2H, और 3H।

प्रायोगिक निष्कर्ष

  • शोध: लॉस एलामोस न्यूट्रॉन साइंस सेंटर (LANSCE) के वैज्ञानिकों ने 0.01 से 800 MeV तक की ऊर्जा वाले न्यूट्रॉन की उपस्थिति में Pu-240 नमूने का प्रयोग शोध के लिए किया।
  • खोज: इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कणों का पता लगाने के लिए तरल सिंटिलेटर का उपयोग किया गया, साथ ही अल्फा कण उत्सर्जन को कम करने के लिए Pu-240 के छोटे नमूने का प्रयोग किया गया।
  • मापन का उद्देश्य: शोधकर्ताओं ने न्यूट्रॉन और अन्य विखंडन उत्पादों की ऊर्जा को मापने पर ध्यान केंद्रित किया, विशेष रूप से न्यूट्रॉन-प्रेरित विखंडन डेटा पर जोर दिया गया।

प्लूटोनियम-240 और इसका विखंडन 

  • न्यूट्रॉन का जुड़ाव: Pu-239 नाभिक से न्यूट्रॉन के जुड़ने पर या तो विखंडन की प्रक्रिया होती है अथवा Pu-239 त्वरित प्रक्रिया के फलस्वरूप Pu-240 में परिवर्तित हो जाता है। आमतौर पर Pu-240 का उपयोग परमाणु रिएक्टरों और परमाणु हथियार परीक्षणों में किया जाता है।
  • Pu-240 की प्रकृति: जब Pu-240 न्यूट्रॉन से जुड़ता है तो आमतौर पर Pu-241 में परिवर्तित हो जाता है। Pu-240 के विखंडन उत्पादों की ऊर्जा अनिश्चित होती है। 
    • वर्तमान मॉडल इस ऊर्जा उत्पादन का अनुमान लगाने के लिए जटिल गणनाओं का इस्तेमाल करता है। 
  • प्लूटोनियम उत्पादन: प्लूटोनियम के उत्पादन के लिए परमाणु रिएक्टरों में यूरेनियम-238 का इस्तेमाल किया जाता है। प्लूटोनियम-239 एक विखंडनीय पदार्थ है, जिसका उपयोग परमाणु हथियारों में किया जाता है। Pu-239 और Pu-240 दोनों ही परमाणु रिएक्टर संचालन और परमाणु बम विस्फोटों के उप-उत्पाद हैं।

विखंडन और संलयन

  • परमाणु विखंडन (Nuclear Fission): किसी न्यूट्रॉन के बड़े परमाणु से टकराने के परिणामस्वरूप परमाणु विखंडन की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में परमाणु उत्तेजित होकर  दो छोटे परमाणुओं में विखंडित हो जाता है, जिन्हें विखंडन उत्पाद के रूप में जाना जाता है। यह प्रक्रिया एक शृंखला के रूप में होती है क्योंकि अतिरिक्त न्यूट्रॉन लगातार प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, परमाणु की विखंडन प्रक्रिया में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जन होता है।
    • यूरेनियम और प्लूटोनियम को परमाणु रिएक्टरों में विखंडन ईंधन के रूप में महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसे शुरू एवं नियंत्रण करना आसान होता है। इन रिएक्टरों में विखंडन से प्राप्त ऊर्जा जल को वाष्प में परिवर्तित कर देती है।
    • फिर वाष्प की मदद से टरबाइन घूमता  है, परिणामस्वरूप कार्बन-मुक्त बिजली का उत्पादन होता है।
  • संलयन (Fusion): परमाणु संलयन की प्रक्रिया में दो परमाणु आपस में मिलकर एक भारी परमाणु का निर्माण करते हैं। उदाहरण के लिए, दो हाइड्रोजन परमाणु मिलकर हीलियम का निर्माण करते हैं। सूर्य से ऊर्जा उत्पादन के लिए संलयन की प्रक्रिया जिम्मेवार है, जिसमें विखंडन से कहीं ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होती है।

भारत के प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर के लिए PFNS अध्ययन की प्रासंगिकता

  • PFBR का उपयोग: CANDU रिएक्टर के इस्तेमाल होने वाले ईंधन में Pu-240 की मात्रा होती है, जिसका उपयोग PFBR करता है। PFBR से पुनर्संसाधित ईंधन में भी Pu-240 होता है।
  • महत्त्व: रिएक्टर की दक्षता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए Pu-240 की विखंडनीय प्रकृति को समझना महत्त्वपूर्ण है।

Pu-240 की विशेषताएँ

  • Pu-239 का निर्माण: परमाणु रिएक्टर में U-238 द्वारा न्यूट्रॉन को अवशोषित करने के बाद Pu-239 का निर्माण होता है। जैसे-जैसे Pu-239 अधिक न्यूट्रॉन से जुड़ता है, समय के साथ Pu-240 में परिवर्तित हो जाता है।
  • तत्काल विखंडन: Pu-240 स्वतः विखंडन की प्रक्रिया से गुजरता है, जिसमें अल्फा कणों का उत्सर्जन होता है। इसे हथियार-निर्माण के लिए उपयुक्त प्लूटोनियम के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जहाँ इसकी सांद्रता आमतौर पर 7% से कम होती है।
  • रिएक्टर-ग्रेड (Reactor-Grade): 19% से अधिक Pu-240 युक्त प्लूटोनियम को रिएक्टर-ग्रेड के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

भारत का तीन चरणीय परमाणु कार्यक्रम

  • चरण I: दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (Pressurized Heavy Water Reactors- PHWRs)
    • दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) का उपयोग तीन चरणीय परमाणु ऊर्जा विकास के पहले चरण में किया जाता है।
    • यह रिएक्टर बिजली के अलावा उप-उत्पाद के रूप में प्लूटोनियम-239 का निर्माण करता है।
  • चरण II: फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (Fast  Breeder Reactor- FBR)
    • भारत के तीन चरणीय परमाणु ऊर्जा विकास के दूसरे चरण के रूप में फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (FBR) का उपयोग किया जाता है।
    • ईंधन की प्रकृति और प्रकार
      • ईंधन का प्रकार: पहले चरण के उपयोग हुए ईंधन से प्राप्त प्लूटोनियम-239 और प्राकृतिक यूरेनियम से निर्मित मिश्रित ऑक्साइड (MOX) ईंधन का उपयोग FBRs में  किया जाता है।
      • विखंडन प्रक्रिया: FBR में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्लूटोनियम-239 का विखंडन किया जाता है।
      • निरंतर प्रक्रिया हेतु ईंधन: FBR अपनी खपत से अधिक ईंधन का उत्पादन करने में सक्षम हैं क्योंकि यूरेनियम-238 मिश्रित ऑक्साइड ईंधन में प्लूटोनियम-239 के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
  • चरण III: थोरियम आधारित रिएक्टर
    • भारत के तीन-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के तीसरे चरण में यूरेनियम-233 और थोरियम-232 द्वारा संचालित रिएक्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

परमाणु रिएक्टरों की विशेषताएँ

  • ईंधन आपूर्ति: थर्मल ब्रीडर रिएक्टर के रूप में वर्गीकृत रिएक्टरों में प्रारंभिक ईंधन के बाद प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले थोरियम ईंधन का उपयोग किया जाता है।
  • ईंधन: रिएक्टर में इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य ईंधन थोरियम-232 है, जिसे यूरेनियम-233 में परिवर्तित किया जाता है ताकि बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन किया जा सके।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.