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पीएम श्री योजना

Lokesh Pal July 18, 2024 02:06 151 0

संदर्भ

केंद्र ने तीन विपक्षी शासित राज्यों में विद्यालयी शिक्षा के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम के लिए वित्तीय आवंटन बंद कर दिया है, जिन्होंने पीएम श्री (पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना को लागू करने से इनकार कर दिया है।

संबंधित तथ्य

  • समग्र शिक्षा योजना, जिसके लिए पश्चिम बंगाल, पंजाब और दिल्ली में वित्तीय आवंटन बंद कर दिया गया है, यह योजना बच्चों के मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन का समर्थन करती है।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 की तीसरी और चौथी तिमाही तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए समग्र शिक्षा निधि, जो क्रमशः दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल के लिए 330 करोड़ रुपये, 515 करोड़ रुपये और 1,000 करोड़ रुपये है, जारी नहीं की गई है।
  • हालाँकि शिक्षा मंत्रालय ने कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है, परंतु राज्य पीएम श्री (पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) को लागू किए बिना समग्र शिक्षा निधि प्राप्त नहीं कर सकते, जो कि कार्यक्रम का हिस्सा है।

पीएम श्री (पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना

  • परिचय
    • वर्ष 2022 में स्वीकृत इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 को प्रदर्शित करने के लिए 14,500 स्कूलों को विकसित करना और अपने क्षेत्र के अन्य स्कूलों के लिए उदाहरण बनना है। 
    • यह योजना देश भर में केंद्र सरकार और राज्य और स्थानीय सरकारों द्वारा संचालित मौजूदा प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से संबंधित है।
  • उद्देश्य
    • इसके अंतर्गत विद्यालयों का उद्देश्य प्रत्येक छात्र के लिए समावेशी माहौल बनाना, उनका कल्याण सुनिश्चित करना तथा सुरक्षित एवं समृद्ध शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है।
    • इसका लक्ष्य विविध प्रकार के शिक्षण अनुभव प्रदान करना तथा सभी छात्रों के लिए अच्छे भौतिक बुनियादी ढाँचे और उपयुक्त संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करना है।
    • पीएम श्री स्कूल का व्यापक उद्देश्य छात्रों को इस तरह से विकसित करना है कि वे सक्रिय, उत्पादक और योगदान देने वाले नागरिक बन सकें।
    • यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो समानता, समावेशिता और बहुलवाद की विशेषता वाले समाज के निर्माण का प्रयास करती है।
  • वर्तमान स्थिति
    • पीएम श्री डैशबोर्ड ऑनलाइन में वर्तमान में 10,077 स्कूल सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 839 केंद्रीय विद्यालय और 599 नवोदय विद्यालय हैं।
      • ये दोनों केंद्र द्वारा संचालित हैं।
      • शेष 8,639 विद्यालय राज्य या स्थानीय सरकारों द्वारा चलाए जाते हैं।
  • वित्तीय आवंटन
    • केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2026-27 तक पाँच वर्ष के लिए 27,360 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत घोषित की थी, जिसमें से केंद्र 18,128 करोड़ रुपये वहन करेगा। 
    • पाँच वर्ष की अवधि के अंत में, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन स्कूलों द्वारा हासिल किए गए बेंचमार्क को बनाए रखना जारी रखना होगा”। 
    • सरकार द्वारा फरवरी में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 6,207 पीएम श्री स्कूलों के लिए 3,395.16 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, जिसमें केंद्र का हिस्सा 2,520.46 करोड़ रुपये और राज्यों का 874.70 करोड़ रुपये था।
  • विद्यालयों की चयन प्रक्रिया
    • पीएम श्री स्कूलों का चयन “चुनौती मोड” के माध्यम से किया जाता है – जो स्कूल कुछ न्यूनतम मानदंडों (अच्छी स्थिति में एक पक्की इमारत, बाधा रहित प्रवेश, लड़कों और लड़कियों के लिए कम-से-कम एक शौचालय) को पूरा करते हैं, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 
    • उनका मूल्यांकन कुछ मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिसमें बुनियादी ढाँचा, शिक्षण स्टाफ और अधिगम परिणाम शामिल हैं। 
    • शहरी क्षेत्रों के स्कूलों को कम-से-कम 70% अंक प्राप्त करने चाहिए; ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को 60% अंक प्राप्त करने चाहिए। 
    • राज्यों को मंत्रालय को अनुशंसित स्कूलों की एक सूची भेजनी होती है और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति अंतिम सूची तैयार करती है। 
    • प्रति ब्लॉक/शहरी स्थानीय निकाय से अधिकतम दो स्कूल (एक प्राथमिक विद्यालय और एक माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय) का चयन किया जा सकता है।
    • राज्य, केंद्रशासित प्रदेश या केंद्रीय विद्यालय संगठन/नवोदय विद्यालय समिति को शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसमें NEP के प्रावधानों को “संपूर्ण राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में संपूर्ण रूप से” लागू करने की प्रतिबद्धता हो तथा चयनित विद्यालय के नाम के आगे पीएम श्री लगाना होगा।
  • समग्र शिक्षा
    • पीएम श्री योजना को राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर समग्र शिक्षा के लिए उपलब्ध मौजूदा प्रशासनिक ढाँचे के माध्यम से लागू किया जाना है, जिसे सरकार “स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए एक व्यापक कार्यक्रम (प्री-स्कूल से कक्षा 12 तक) के रूप में वर्णित करती है।
    • इस योजना को स्कूली शिक्षा के लिए समान अवसरों और समान शिक्षण परिणामों के संदर्भ में स्कूल की प्रभावशीलता में सुधार लाने के व्यापक लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है।
    • समग्र शिक्षा, जिसे वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में प्रस्तावित किया गया था, ने पूर्ववर्ती सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (TE) योजनाओं को समाहित कर लिया।
      • इस योजना को केंद्र और राज्यों द्वारा 60:40 के अनुपात में वित्तपोषित किया जाता है, 11 पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर, जिन्हें लागत का केवल 10% वहन करना होता है।

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