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पोलावरम परियोजना

Lokesh Pal July 21, 2025 03:00 14 0

संदर्भ

केंद्र सरकार ने पोलावरम परियोजना एवं अन्य व्यापक अंतरराज्यीय जल विवादों के समाधान के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच एक उच्चस्तरीय तकनीकी पैनल गठित करने का निर्णय लिया है।

संबंधित तथ्य

  • तकनीकी समिति में राज्यों और केंद्र दोनों के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे।
  • इस समिति का कार्य जल-बँटवारे संबंधी विवादों का आकलन करना और न्यायसंगत, तकनीकी रूप से सुदृढ़ तथा सतत् समाधान सुझाना है।

राज्यों के बीच हुए समझौते

  • टेलीमेट्री उपकरण: दोनों राज्य पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए कृष्णा बेसिन में वास्तविक समय आधारित जल प्रवाह निगरानी प्रणालियाँ स्थापित करने पर सहमत हुए।
  • बाँध रखरखाव: श्रीशैलम बाँध की संरचनात्मक सुरक्षा और जल प्रबंधन दक्षता सुनिश्चित करने के लिए रखरखाव संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु तत्काल कदम उठाए जाएँगे।
  • बोर्ड स्थानांतरण: प्रशासनिक दक्षता और निष्पक्षता के लिए कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (KRMB) कार्यालय को हैदराबाद से विजयवाड़ा/अमरावती स्थानांतरित किया जाएगा।

पोलावरम परियोजना के बारे में

  • परिचय: पोलावरम परियोजना गोदावरी नदी पर निर्मित एक प्रमुख बहुउद्देशीय सिंचाई अवसंरचना है, जो आंध्र प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में विस्तृत है।
    • इसके सामरिक महत्त्व के कारण केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है।

  • विकासकर्ता: यह परियोजना केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत, केंद्र सरकार के वित्त पोषण और समर्थन से आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
    • कार्यान्वयन और समन्वय की देख-रेख के लिए पोलावरम परियोजना प्राधिकरण (PPA) का गठन किया गया है।
  • प्रमुख इंजीनियरिंग विशेषताएँ
    • इस परियोजना में मुख्य नदी मार्ग पर एक मृदा-सह-चट्टान युक्त बाँध, एक गेटयुक्त कंक्रीट स्पिलवे तथा जलाशय से जल का प्रवाह सुनिश्चित करने हेतु बाईं एवं दाईं ओर मुख्य नहरों तक पहुँचने के लिए संपर्क मार्गों का निर्माण शामिल है।
    • इस परियोजना को 50 लाख क्यूसेक तक के बाढ़ प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है और इसकी निर्वहन क्षमता चीन के थ्री गॉर्जेस बाँध से भी अधिक होने की संभावना है।
    • यह संरचना 1000 वर्ष में एक बार आने वाली बाढ़ को झेलने के लिए बनाई गई है, जिससे दीर्घकालिक सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित होती है।
  • उद्देश्य और लक्ष्य
    • इस परियोजना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में 4,36,825 हेक्टेयर की सकल सिंचाई क्षमता सृजित करना है।
    • इससे 960 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन होगा, जिससे क्षेत्र की ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी।
    • इसकी योजना 611 गाँवों के 28.5 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने की है।
    • इस परियोजना के अंतर्गत कृष्णा नदी बेसिन में 80 TMC जल का अंतरण प्रस्तावित है, जिससे विभिन्न नदी बेसिनों के मध्य जल संकट को दूर करने में सहायता मिलेगी।
    • यह मौसमी नदी प्रवाह को नियंत्रित करके गोदावरी बेसिन में बाढ़ के जोखिम को भी कम करेगा।
  • सामरिक महत्त्व: पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों में जल सुरक्षा, कृषि, बाढ़ नियंत्रण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है।

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