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Lokesh Pal
October 06, 2025 03:03
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अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर बल दिया कि खेलों को समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ होना चाहिए और उन्हें राष्ट्रीय जीवन की एक संस्था के रूप में कार्य करना चाहिए, जिसमें भाईचारे के संवैधानिक मूल्य समाहित हों।
भारत में खेलों को अभिजात वर्ग के विशेषाधिकार से विकसित होकर प्रत्येक नागरिक का अधिकार बनना होगा। समावेशीपन, पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों को अपनाकर, भारत खेलों को भाईचारे, उत्कृष्ट शासन और सॉफ्ट पॉवर कूटनीति की एक शक्ति में बदल सकता है। ऐसा करके, यह सर्वोच्च न्यायालय के उस दृष्टिकोण को साकार करता है कि खेल राष्ट्रीय जीवन की एक संस्था और समग्र राष्ट्र-निर्माण के उत्प्रेरक हैं।
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