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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

Lokesh Pal December 27, 2025 03:53 23 0

संदर्भ

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) का शुभारंभ 25 दिसंबर, 2000 को हुआ था और यह योजना अपनी 25वीं वर्षगाँठ पूर्ण कर रही है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बारे में

  • शुभारंभ: वर्ष 2000 (चरण–I)।
  • पात्रता मानदंड
    • मैदानी क्षेत्र: जनसंख्या ≥ 500
    • पर्वतीय/पूर्वोत्तर राज्य/जनजातीय क्षेत्र: जनसंख्या ≥ 250
    • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र: जनसंख्या ≥ 100।
  • वित्तपोषण स्वरूप
    • प्रारंभिक चरण: 100% केंद्रीय वित्तपोषण।
    • वर्ष 2015–16 से
      • केंद्र : राज्य = 60 : 40
      • पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्य = 90 : 10 (केंद्र : राज्य)।
  • नोडल मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी (NRIDA) इसके कार्यान्वयन की निगरानी करती है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रमुख उद्देश्य

  • सभी मौसमों में ग्रामीण संपर्क: असंबद्ध ग्रामीण आबादी को हर मौसम में आवागमन योग्य सड़कों से सबद्ध करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों को बाजार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ना।
  • ग्रामीण अवसंरचना को सुदृढ़ करना: बेहतर बाजार पहुँच के माध्यम से कृषि उत्पादकता, रोजगार अवसर और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।

चरणबद्ध प्रगति

  • चरण–I (वर्ष 2000): ग्रामीण संपर्क की स्थापना
    • वर्ष 2000 में शुरू किए गए PMGSY के पहले चरण का उद्देश्य उन ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में उपयोग योग्य सड़कें उपलब्ध कराना था, जो पहले आपस में जुड़ी हुई नहीं थीं।
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना  कार्यक्रम ने ग्रामीण क्षेत्रों को बाजारों, स्कूलों और अस्पतालों पहुच प्रदान कर, सभी के लिए सुलभ रूप से ग्रामीण क्षेत्रों तक जोड़ दिया है।
    • इस चरण के तहत कुल 1,63,339 ग्रामीण बस्तियों को सड़क संपर्क के लिए मंजूरी दी गई थी।
  • चरण–II (वर्ष 2013): मौजूदा सड़कों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन
    • वर्ष 2013 में शुरू किए गए दूसरे चरण का मुख्य उद्देश्य मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क को उन्नत और मजबूत बनाना था, विशेष रूप से विकास केंद्रों, बाजारों और सेवा केंद्रों को जोड़ने वाले नेटवर्क को, ताकि परिवहन दक्षता में सुधार हो सके तथा  ग्रामीण आर्थिक विकास में तेजी आ सके।
    • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क: वर्ष 2016 में शुरू की गई RCPLWEA परियोजना का लक्ष्य वामपंथी उग्रवाद (LWE) से प्रभावित 44 जिलों में सड़क संपर्क को बेहतर बनाना था, ताकि सुरक्षा अभियानों को बढ़ावा दिया जा सके और इन संवेदनशील क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति दी जा सके।
  • चरण–III (वर्ष 2019): प्रमुख ग्रामीण संपर्कों का उन्नयन
    • वर्ष 2019 में शुरू की गई PMGSY परियोजना के तीसरे चरण का लक्ष्य स्कूलों, स्वास्थ्य सुविधाओं और कृषि बाजारों जैसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक संस्थानों को जोड़ने वाली 1,25,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का उन्नयन करना है।
  • चरण–IV (वर्ष 2024): संपर्क का विस्तार
    • वर्ष 2024 से वर्ष 2029 की अवधि के लिए शुरू किए गए चौथे चरण में 62,500 किलोमीटर सड़कों के निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें 70,125 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उन बस्तियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो अभी तक सड़कों से जुड़ी हुई नहीं हैं।

ग्रामीण सड़क विकास में उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग

  • ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी एवं लेखा प्रणाली (OMMAS)
    • यह प्लेटफॉर्म प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सभी कार्यों की रियल टाइम निगरानी को सक्षम बनाता है, जिससे परियोजनाओं की भौतिक तथा वित्तीय दोनों स्तरों पर समयानुसार प्रगति का निरीक्षण किया जा सकता है।
    • यह प्रभावी निर्माण प्रबंधन हेतु परियोजना प्रबंधन सूचना प्रणाली का एकीकरण करता है तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय गुणवत्ता निरीक्षकों के इनपुट के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन को सुदृढ़ बनाता है।
  • e-MARG ग्रामीण सड़कों का इलेक्ट्रॉनिक रखरखाव मंच
    • यह प्लेटफॉर्म निर्माण पूर्ण होने के बाद 5 वर्षों तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के रखरखाव की निगरानी के लिए उपयोग किया जाता है। इससे सड़क रखरखाव में उच्च मानक सुनिश्चित होते हैं तथा ठेकेदारों के भुगतान को प्रदर्शन परिणामों आधारित किया जाता है।
  • पारदर्शिता के लिए GPS एकीकरण
    • मई 2022 में सभी उपकरणों के लिए वैश्विक स्थिति निर्धारण आधारित वाहन ट्रैकिंग प्रणाली को अनिवार्य किया गया। इससे वाहनों की तैनाती में पारदर्शिता और निर्माण प्रक्रियाओं के अनुपालन को सुनिश्चित किया जाता है।
  • पर्यावरणीय रूप से सतत् सामग्री
    • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत फ्लाई ऐश, स्लैग, अपशिष्ट प्लास्टिक, भू-संश्लेषित सामग्री और जैव-बिटुमेन जैसी पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों के उपयोग को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया गया है। इससे ग्रामीण सड़क निर्माण के पर्यावरणीय प्रभाव में कमी आती है।
  • निर्माण प्रौद्योगिकियों में नवाचार
    • शीत मिश्रण तकनीक (Cold Mix Technology), अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग तथा पूर्ण भूजल पुनर्भरण ( Deep Aquifer Recharge) जैसी नवीन विधियाँ 1,24,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों में अपनाई गई हैं।
    • ये विधियाँ पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम रखते हुए अधिक स्थाई सड़कों का निर्माण सुनिश्चित करती हैं।

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