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‘प्रगति- 2024’ (आयुर्ज्ञान और तकनीकी नवाचार में औषधीय अनुसंधान)

Lokesh Pal May 30, 2024 04:14 210 0

संदर्भ

हाल ही में, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने ‘प्रगति- 2024’ (आयुर्ज्ञान और तकनीकी नवाचार में औषधीय अनुसंधान) की शुरुआत की है।

प्रगति- 2024 (PRAGATI- 2024)

प्रगति-2024 का उद्देश्य CCRAS और आयुर्वेदिक औषधि उद्योग के बीच संयुक्त अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्साहित करना है तथा आयुर्वेद क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Ayurvedic Sciences- CCRAS)

  • परिचय: CCRAS भारत सरकार के आयुष मंत्रालय (AYUSH- आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) के अंतर्गत स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करता है।
  • उद्देश्य: इसकी स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी तथा इसका उद्देश्य वैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग करके आयुर्वेद और सोवा-रिग्पा (Sowa-Rigpa) चिकित्सा प्रणाली में अनुसंधान का समन्वयन, वकालत और विकास करना है।
  • उद्देश्य: आयुर्वेदिक प्रथाओं की प्रभावशीलता को वैज्ञानिक रूप से मान्य करने के लिए अध्ययन करना।
    • शोध और शैक्षिक पहलों के माध्यम से आयुर्वेदिक विज्ञान को आगे बढ़ाना और लोकप्रिय बनाना।
    • समग्र स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक दृष्टिकोणों को आधुनिक चिकित्सा के साथ जोड़ना।

CCRAS की उपलब्धियाँ

  • आयुर्वेदिक सूत्रीकरण विकास: CCRAS ने कई महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक सूत्रीकरण और प्रौद्योगिकियों का विकास किया है, जिन्हें पेटेंट भी कराया गया है तथा इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से किया जा रहा है।
  • आयुर्वेद रुग्णता संहिता: CCRAS ने आयुर्वेदिक के उयपोग में एकरूपता लाने के लिए रुग्णता संहिता और मानकीकृत शब्दावली का निर्माण किया है।
  • आयुष अनुसंधान पोर्टल: इस ऑनलाइन पोर्टल पर आयुर्वेदिक अनुसंधान से संबंधित दवाओं, चिकित्सीय ​​परीक्षणों एवं रिपोर्टों का संग्रहण किया गया है।

प्रमुख सरकारी पहल

  • गोल्डन ट्राएंगल पार्टनरशिप (Golden Triangle Partnership): आयुर्वेदिक प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन को बढ़ावा देने के लिए CSIR (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) और ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) संयुक्त रूप से कार्य कर रही है।
  • जनजातीय स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान कार्यक्रम: यह कार्यक्रम नृजातीय-चिकित्सा ज्ञान को सूचीबद्ध करने और वैज्ञानिक रूप से इसकी प्रभावकारिता को मान्य करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

आयुष चिकित्सा प्रणाली

  • परिचय: भारत में प्रचलित विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों का प्रतिनिधि के रूप में आयुष (AYUSH) की स्थापना की गई है, जिसमें आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं।
  • आयुष का विकास: वर्ष 1995 में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत ‘भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी विभाग’ की स्थापना की गई थी।
    • वर्ष 2003 में इस विभाग का नाम बदलकर आयुष विभाग कर दिया गया, जिसके तहत आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में शिक्षा और अनुसंधान पर विशेष जोर दिया जाने लगा।
    • आयुष मंत्रालय की स्थापना (2014): इसका उद्देश्य प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों के ज्ञान को पुनर्जीवित करना तथा आयुष स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के सर्वोत्तम विकास एवं प्रसार को सुविधाजनक बनाना है।

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