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‘लाभ और गरीबी: जबरन श्रम का अर्थशास्त्र’

Lokesh Pal March 21, 2024 06:20 303 0

संदर्भ

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation- ILO) द्वारा जारी लाभ और गरीबी: जबरन श्रम का अर्थशास्त्र‘  (Profits and Poverty: The Economics of Forced Labour) नामक शोध पत्र के अनुसार, जबरन श्रम से प्रत्येक वर्ष 36 अरब डॉलर की अवैध कमाई होती है।

बंधुआ मजदूरी (Bonded Labour) के बारे में

  • परिभाषा: एक व्यक्ति बंधुआ मजदूर बन जाता है, जब उसके श्रम की माँग ऋण के पुनर्भुगतान के साधन के रूप में की जाती है।
    • फिर व्यक्ति को बहुत कम या बिना वेतन पर काम करने के लिए धोखा दिया जाता है या फँसा दिया जाता है।
  • संवैधानिक प्रावधान: भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 और 23 के तहत भारत में बंधुआ मजदूरी कानून द्वारा निषिद्ध है।
  • बंधुआ मजदूरी को नियंत्रित करने वाले कानून: बंधुआ मजदूरी एक प्रकार की समकालीन गुलामी है, जिसे वर्ष 1976 से भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है, जब बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 लागू किया गया था।
  • भारत में बंधुआ मजदूरी पर डेटा: केंद्र सरकार के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 1978 और जनवरी 2023 के बीच 3,15,302 लोगों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया गया, जिनमें से 94% का पुनर्वास किया गया।

शोध के मुख्य निष्कर्ष

  • तस्करों की कमाई का अनुमान: तस्कर और अपराधी प्रति पीड़ित लगभग $10,000 कमाते हैं, जो एक दशक पहले $8,269 (मुद्रास्फीति के लिए समायोजित) से अधिक है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के बारे में

  • परिचय: वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना हुई और वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया।
  • लक्ष्य: सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानव और श्रम अधिकारों को बढ़ावा देना।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
  • सदस्य राज्य: ILO में 187 सदस्य देश हैं।
    • ILO में भारत की स्थिति: भारत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का संस्थापक सदस्य था और वर्ष 1922 से इसके शासी निकाय के स्थायी सदस्य के रूप में कार्य कर रहा है।
  • फ्लैगशिप रिपोर्ट
    • वैश्विक वेतन रिपोर्ट (Global Wage Report)
    • कार्य की दुनिया की रिपोर्ट (World of Work Report)

  • जबरन वाणिज्यिक यौन शोषण का योगदान: सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि निजी तौर पर लगाए गए काम में सभी पीड़ितों का केवल 27% योगदान होने के बावजूद, जबरन वाणिज्यिक यौन शोषण कुल अवैध मुनाफे में दो-तिहाई (73%) से अधिक का योगदान देता है।
  • जबरन श्रम पर डेटा: वर्ष 2021 में 27.6 मिलियन व्यक्ति जबरन श्रम में शामिल थे अर्थात दुनिया भर में प्रत्येक 1,000 लोगों पर 3.5 लोग जबरन श्रम में शामिल थे।
  • प्रवर्तन उपायों में बढ़ा हुआ निवेश: यह रिपोर्ट गैर-कानूनी लाभ प्रवाह को रोकने के लिए प्रवर्तन उपायों में निवेश बढ़ाने की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता पर भी जोर देती है।

सिफारिश

  • कानूनी ढाँचे को मजबूत करना: इसने मजबूत कानूनी ढाँचे, प्रवर्तन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में श्रम निरीक्षण का विस्तार और श्रम एवं आपराधिक कानून प्रवर्तन के बीच समन्वय में सुधार की वकालत की है।
  • प्रवर्तन कार्रवाइयाँ: प्रवर्तन कार्रवाइयाँ एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा होनी चाहिए, जो मूल कारणों को संबोधित करने और पीड़ितों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।
  • श्रमिक स्वतंत्रता और सामूहिक सौदेबाजी को बढ़ावा देना: जबरन श्रम के जोखिमों के प्रति लचीलापन बनाने के लिए श्रमिकों की सामूहिक रूप से जुड़ने और सौदेबाजी करने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।

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