हाल ही में भारतीय सेना ने ‘प्रोजेक्ट नमन’ (Project NAMAN) के पहले चरण का शुभारंभ किया।
संबंधित तथ्य
परिचय
भारतीय सेना ने पूरे भारत में स्पर्श-केंद्रित कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) स्थापित करके रक्षा पेंशनभोगियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की सहायता के लिए प्रोजेक्ट नमन की शुरुआत की है।
पेंशन, ई-गवर्नेंस और बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिए शुरुआत में 14 CSCs स्थापित किए गए हैं, जिन्हें 200 केंद्रों तक विस्तारित करने की योजना है।
परियोजना का लक्ष्य
प्रोजेक्ट नमन स्पर्श (सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा) डिजिटल पेंशन सिस्टम पर केंद्रित है, जिसे रक्षा पेंशनभोगियों के लिए पेंशन से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह पहल देश भर में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सुलभ सुविधा बिंदुओं की आवश्यकता को संबोधित करती है, जिसका लक्ष्य इन सेवाओं को देश भर में विस्तारित करना है।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) की स्थापना
पहले चरण में, भारत भर में प्रमुख स्थानों पर 14 कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) स्थापित किए गए हैं, जिनमें नई दिल्ली, जालंधर, लेह, देहरादून, लखनऊ आदि शामिल हैं।
सेना के दिग्गजों, पेंशनभोगियों, युद्ध विधवाओं और नवागंतुकों को समर्पित ये सीएससी एक ही स्थान पर स्पर्श-सक्षम पेंशन सेवाएँ, सरकार से नागरिक (G2C) सेवाएँ और व्यवसाय से उपभोक्ता (B2C) सेवाएँ प्रदान करते हैं।
समझौता ज्ञापन और बुनियादी ढाँचा
यह परियोजना भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों का निदेशालय, कॉमन सर्विस सेंटर, ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के बीच सितंबर 2023 में हस्ताक्षरित एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) द्वारा सक्षम है।
एचडीएफसी बैंक ने आवश्यक आईटी बुनियादी ढाँचा प्रदान किया है, जबकि स्थानीय सैन्य स्टेशनों ने आवश्यक भौतिक बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं का योगदान दिया है।
उद्यमशीलता के अवसर और सहायता
प्रत्येक CSC का प्रबंधन एक ग्राम स्तरीय उद्यमी (VLE) द्वारा किया जाता है, जिसे संबंधित स्थानीयसैन्य अधिकारियों (LMAs) द्वारा पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों में से चुना जाता है।
इन VLE को CSC ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड से प्रशिक्षण मिलता है और केंद्रों को स्थिर और बनाए रखने के लिए पहले 12 महीनों हेतु एचडीएफसी बैंक द्वारा ₹ 20,000 के मासिक अनुदान के साथ सहायता दी जाती है।
भावी विस्तार और प्रभाव
प्रोजेक्ट नमन का अभी विस्तार किया जाना है, अगले 2-3 वर्षों में देश भर में लगभग 200 केंद्र स्थापित करने की योजना है।
यह पहल न केवल पूर्व सैनिकों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करती है, बल्कि सैन्य स्टेशनों और आस-पास के इलाकों की पूरी आबादी तक भी पहुँचती है।
यह भारतीय सेना की अपने पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देता है।
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