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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कों पर QR कोड

Lokesh Pal June 23, 2025 02:22 54 0

संदर्भ

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने राज्यों से सार्वजनिक प्रतिक्रिया और पारदर्शिता के लिए सभी PMGSY सड़क रखरखाव बोर्डों पर QR कोड प्रदर्शित करने का निर्देश दिया है।

eMARG प्रणाली

  • यह ग्रामीण सड़क रखरखाव के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक ई-गवर्नेंस समाधान है।
  • ठेकेदार बिल जमा करते हैं, फील्ड इंजीनियर नियमित निरीक्षण (RI) करते हैं।
  • जियो टैग की गई तस्वीरों के साथ 12 रखरखाव मापदंडों का उपयोग करके प्रदर्शन मूल्यांकन (Performance Evaluation- PE) किया जाता है।

QR कोड प्रणाली की विशेषताएँ

  • सड़क डेटा तक पहुँच: प्रत्येक QR कोड सड़क के निर्माण और रखरखाव विवरण सहित विस्तृत जानकारी से जुड़ा होता है।
  • नागरिक प्रतिक्रिया तंत्र: नागरिक QR कोड को स्कैन करके निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:-
    • सड़क की स्थिति की तस्वीरें अपलोड करना।
    • पोर्टल के माध्यम से सीधे शिकायत दर्ज करना या रखरखाव संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट करना।
  • पारदर्शिता एवं निगरानी: eMARG प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है, जो निम्नलिखित पर नजर रखता है:-
    • निर्माण के बाद पाँच वर्ष की रखरखाव बाध्यताएँ।
    • ठेकेदारों का प्रदर्शन एवं गुणवत्ता मानकों का अनुपालन।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के बारे में

  • लॉन्च: 25 दिसंबर, 2000, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा।
  • मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय (भारत सरकार)।
  • उद्देश्य: ग्रामीण भारत में असंबद्ध बस्तियों को सभी मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करना।
  • पात्रता
    • मैदानी इलाकों में जनसंख्या >500
    • पहाड़ी, आदिवासी और दुर्गम इलाकों में जनसंख्या >250
  • वित्तपोषण पैटर्न
    • शुरू में 100% केंद्रीय स्तर पर वहन किया गया।
    • वर्ष 2015-16 से: 60:40 (केंद्र:राज्य); पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10।

PMGSY के चार चरण

  • PMGSY -I (वर्ष 2000): बुनियादी ग्रामीण सड़क संपर्क।
  • PMGSY -II (वर्ष 2013): 50,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का उन्नयन।
    • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas- RCPLWEA) (2016): वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क प्रदान करने के लिए अलग से शुरू की गई परियोजना, जो सुरक्षा एवं संचार के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण हैं।
  • PMGSY-III (वर्ष 2019): ग्रामीण कृषि बाजारों (ग्राम), स्कूलों और अस्पतालों तक बेहतर पहुँच के लिए 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों का समेकन किया गया।
  • PMGSY-IV (वर्ष 2024): 62,500 किलोमीटर सड़कें बनाने के लिए ₹70,125 करोड़ के परिव्यय के साथ 25,000 असंबद्ध बस्तियों (2024-2029) को जोड़ने के लिए मंजूरी दी गई।

PMGSY के वांछित परिणाम प्राप्त करने में चुनौतियाँ

  • निर्माण की गुणवत्ता से समझौता: कार्यात्मक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं और वास्तविक समय निरीक्षणों की कमी के कारण घटिया सड़क निर्माण होता है।
  • अकुशल निविदा प्रथाएँ: ‘कम-निविदा’ के परिणामस्वरूप लागत में कटौती, खराब सामग्री का उपयोग और ठेकेदारों द्वारा खराब निष्पादन होता है।
  • निर्माण के बाद अपर्याप्त रखरखाव: सड़क डिजाइन अवधि के 10 वर्ष होने के बावजूद रखरखाव केवल 5 वर्ष के लिए सुनिश्चित किया जाता है, जिससे सड़क जल्दी खराब हो जाती है।

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