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क्विक कॉमर्स: लाभ एवं नैतिक निहितार्थ

Lokesh Pal April 23, 2025 03:06 58 0

संदर्भ 

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT), अखिल भारतीय मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) और अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक महासंघ (AICPDF) द्वारा संयुक्त रूप से “द क्रूअल फेस ऑफ क्विक कॉमर्स (The Cruel Face of Quick Commerce) शीर्षक से एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।

संबंधित तथ्य

  • छोटे व्यापारियों को नुकसान: अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के महासचिव के अनुसार, क्विक-कॉमर्स करने वाले लोग “ट्रैड किलिंग एटीट्यूड” अपना रहे हैं, जिससे पारंपरिक व्यापार कमजोर हो रहा है।
  • 10-मिनट की डिलीवरी अमानवीय है: 10 मिनट की डिलीवरी का जुनून ‘अमानवीय’ है, उनका तर्क है कि डिलीवरी करने वाले लोगों को प्रायः अवास्तविक लक्ष्यों और असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे ‘हाइपर-स्पीड सुविधा’ के चलते अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा को जोखिम में डालते हैं।

क्विक-कॉमर्स के बारे में 

  • क्विक कॉमर्स (Q-commerce) ई-कॉमर्स का एक तेजी से बढ़ता हुआ सेगमेंट है, जो सामान की ‘अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी’ पर ध्यान केंद्रित करता है, आमतौर पर 10 से 30 मिनट के भीतर डोर स्टेप डिलेवरी पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के उदाहरण
    • भारत: जेप्टो (Zepto), ब्लिंकिट (Blinkit), इंस्टामार्ट (Instamart) स्विगी (Swiggy), BB अब (BigBasket)।
    • वैश्विक: गोपफ (Gopuff) (USA), गेटिर (Getir) (तुर्की), गोरिल्ला (Gorillas) (जर्मनी)।
  • भारतीय क्विक कॉमर्स बाजार: वर्तमान में $3.34 बिलियन का मूल्य, वर्ष 2029 तक $9.95 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है, यह वित्त वर्ष 2024 में 76% वार्षिक दर से बढ़ रहा है।

क्विक कॉमर्स के लाभ

  • ब्रांड की बेहतर दृश्यता: क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लगातार उपभोक्ता जुड़ाव से ब्रांडिंग और जागरूकता बढ़ती है।
  • रियल-टाइम उपभोक्ता अंतर्दृष्टि तक पहुँच: प्लेटफॉर्म खरीदारी की आदतों पर डेटा एकत्र करते हैं, जिससे ब्रांड को मार्केटिंग और उत्पाद रणनीतियों को तैयार करने में मदद मिलती है।
  • लागत-प्रभावी आपूर्ति शृंखला: ब्रांड को साझा लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर से लाभ होता है, विशेषतः तापमान-संवेदनशील उत्पादों जैसे जमे हुए खाद्य पदार्थों के संदर्भ में, जिससे कई खुदरा दुकानों में उपकरण (जैसे, फ्रीजर) रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • व्यापक बाजार पहुँच: क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म डिजिटल रूप से सक्रिय, समय-संवेदनशील खरीदारों सहित बड़े शहरी उपभोक्ता आधार तक पहुँच प्रदान करते हैं।
  • कम लागत वाली जनशक्ति के माध्यम से कुशल अंतिम-प्राप्तकर्ता डिलीवरी: कम लागत वाले, युवा कार्यबल की उपलब्धता कुशल, स्केलेबल डिलीवरी संचालन सुनिश्चित करती है।
  • व्यापक उत्पाद विकल्प: ग्राहक एक सामान्य किराना स्टोर की तुलना में उत्पादों की व्यापक रेंज तक पहुँच सकते हैं।
  • समय की बचत: क्विक कॉमर्स यात्रा करने या कतार में खड़े होने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे कामकाजी पेशेवरों तथा व्यस्त परिवारों के लिए समय की बचत होती है।

पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं पर त्वरित वाणिज्य का प्रभाव

  • बाजार हिस्सेदारी और लाभ मार्जिन का नुकसान: क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म (Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart) द्वारा अत्यधिक मूल्य निर्धारण और भारी छूट के कारण पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के लिए कीमतों का मिलान करना मुश्किल हो जाता है।
    • PwC की रिपोर्ट (मार्च 2025) के अनुसार: शहरी क्षेत्रों में 52% भौतिक स्टोर खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री में गिरावट की सूचना दी।
  • विस्थापन और व्यवसाय बंद होना: अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरण संघ (AICPDF) के अनुसार, लाखों खुदरा दुकानें और वितरक घाटे का सामना कर रहे हैं।
  • पूँजी शक्ति के माध्यम से अनुचित प्रतिस्पर्द्धात्मक लाभ: क्विक कॉमर्स फर्मों को उद्यम पूँजी और FDI का समर्थन प्राप्त है, जिससे उन्हें घाटे को सहन करने और बाजार पर हावी होने के लिए पूँजी प्राप्त हो जाती है।
  • डेटा-संचालित विभेदक मूल्य निर्धारण: प्लेटफॉर्म गतिशील मूल्य निर्धारण की पेशकश करने के लिए ऐप गतिविधि से उपभोक्ता डेटा का उपयोग करते हैं, जिसे पारंपरिक स्टोर लागू नहीं कर सकते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है। 
  • आजीविका और रोजगार के लिए खतरा: पारंपरिक खुदरा व्यापार करोड़ों लोगों की आजीविका का समर्थन करता है, जिनमें से कई डिजिटल रूप से साक्षर नहीं हो सकते हैं या कहीं और आसानी से रोजगार पाने योग्य नहीं हो सकते हैं, जिससे उनकी बेरोजगारी की संभावना बढ़ जाती है।

त्वरित वाणिज्य में नैतिक मुद्दे

  • गिग अर्थव्यवस्था की कमजोरियाँ
    • शोषणकारी श्रम प्रथाएँ: क्विक कॉमर्स गिग श्रमिकों पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जिनके पास नौकरी की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा लाभ और उचित वेतन की कमी होती है।
    • अनिश्चित रोजगार: श्रमिकों को स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में कार्य पर रखा जाता है, जिससे उन्हें भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा और ग्रेच्युटी जैसे कर्मचारी लाभ से वंचित रखा जाता है।
  • अवास्तविक डिलीवरी लक्ष्य और एल्गोरिदम नियंत्रण: AI-संचालित एल्गोरिदम तीव्र डिलीवरी समय-सीमा निर्धारित करते हैं, जिससे कर्मचारियों पर दबाव पड़ता है और दुर्घटनाएँ होने का जोखिम रहता है।
    • GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) ट्रैकिंग, ग्राहक रेटिंग और दंड उच्च-तनावपूर्ण कार्य वातावरण बनाते हैं।
  • कम वेतन और प्रोत्साहन संरचना: कर्मचारी प्रति डिलीवरी कमाते हैं, जो अक्सर न्यूनतम वेतन मानकों से कम होता है, गतिशील वेतन कटौती के साथ, जहाँ कंपनियाँ माँग बढ़ने पर प्रति-ऑर्डर भुगतान कम करती हैं, श्रम आपूर्ति का शोषण करती हैं।
    • फेयर वर्क इंडिया रेटिंग्स 2024 रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कोई भी प्लेटफॉर्म गिग श्रमिकों को जीविका-योग्य वेतन प्रदान नहीं करता है।
  • सड़क दुर्घटनाएँ और व्यावसायिक जोखिम: डिलीवरी कर्मियों को गति के दबाव के कारण उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है, जिससे दुर्घटनाएँ होती हैं और बीमा कवरेज की कमी होती है। 
  • कार्यस्थल सुरक्षा की कमी: कोई विनियमित कार्य घंटे नहीं, जिससे अधिक काम और थकान होती है, और कोई शिकायत निवारण तंत्र नहीं है। 
  • स्थिरता संबंधी चिंताएँ: त्वरित वाणिज्य उच्च गति, उच्च आवृत्ति वाली डिलीवरी को प्रोत्साहित करता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन, पैकेजिंग अपशिष्ट और परिवहन तथा श्रम संसाधनों का असंतुलित उपयोग बढ़ जाता है। 
  • डेटा गोपनीयता और एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह: ग्राहक डेटा संग्रह गोपनीयता संबंधी चिंताओं को बढ़ाता है, तथा एल्गोरिदमिक भेदभाव श्रमिकों के बीच ऑर्डर आवंटन को प्रभावित कर सकता है। 
  • निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा की चिंता: अच्छी तरह से वित्त पोषित प्लेटफॉर्मों द्वारा भारी छूट और मूल्य निर्धारण निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को विकृत करते हैं, छोटे खुदरा विक्रेताओं को हाशिए पर रखते हैं और समावेशी बाजार विकास को कमजोर करते हैं। 
  • मौजूदा श्रम कानून और अंतराल
    • सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020: गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है, लेकिन इसमें प्रवर्तन तंत्र का अभाव है।
      • उदाहरण: कई कंपनियाँ गिग वर्कर्स को ‘कर्मचारी’ के बजाय ‘भागीदार’ के रूप में वर्गीकृत करती हैं, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने जैसे दायित्वों से बचने की अनुमति मिलती है।
    • व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020: यह संहिता गिग वर्कर्स की सुरक्षा को पर्याप्त रूप से कवर नहीं करती है।

भारत में क्विक कॉमर्स विकास के लिए सरकारी पहल

  • B-2-B मॉडल में 100% FDI: B-2-B संस्थाओं में स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% FDI की अनुमति दी गई, जिससे भारत के क्विक कॉमर्स क्षेत्र में विदेशी निवेशको की भागीदारी को बढ़ावा मिला।
  • भारतनेट: कम सेवा वाले क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड की बेहतर पहुँच, त्वरित वाणिज्य और ई-कॉमर्स के विकास और विस्तार को सक्षम बनाना।
  • डिजिटल वाणिज्य के लिए खुला नेटवर्क (ONDC): छोटे विक्रेताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म  पर शामिल करके त्वरित वाणिज्य की पहुँच में वृद्धि, उद्योग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना।
    • यह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य डिजिटल वाणिज्य का लोकतंत्रीकरण करना है।
  • यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और RuPay: सरलीकृत भुगतान और ग्राहकों की ‘ऑन-टिप’ पर सुविधाजनक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना, क्विक कॉमर्स में सुगम लेन-देन की सुविधा प्रदान करना।
  • तेलंगाना गिग वर्कर्स बिल 2025: इस बिल में राज्य में गिग वर्कर्स के लिए कार्यस्थल सुरक्षा की कमी को दूर करने के लिए नोटिस अवधि और कल्याण निधि जैसी सुरक्षा का प्रस्ताव है।
    • यह कानून ‘गिग वर्कर्स’ के लिए एक समर्पित बोर्ड और कल्याण निधि स्थापित करेगा।

आगे की राह

  • गिग वर्कर सुरक्षा को मजबूत करना: प्लेटफॉर्म कंपनियों को गिग वर्कर्स के PF, ESI और पेंशन योजनाओं में योगदान को अनिवार्य करने के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता (वर्ष 2020) में संशोधन करने की आवश्यकता होती है।
    • इसके अलावा, सरकार को सभी डिलीवरी कर्मियों के लिए दुर्घटना और जीवन बीमा कवरेज अनिवार्य करना चाहिए ताकि उन्हें व्यावसायिक खतरों से बचाया जा सके।
  • उचित वेतन संरचना: त्वरित वाणिज्य कंपनियों को ऐसे भुगतान मॉडल अपनाने चाहिए, जिसमें प्रति डिलीवरी भुगतान पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय निश्चित और परिवर्तनीय दोनों घटक शामिल हों।
    • लापरवाही से वाहन चलाने को हतोत्साहित करने और बुनियादी आय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रति डिलीवरी न्यूनतम आधार वेतन की गारंटी दी जानी चाहिए।
    • सुरक्षित ड्राइविंग के लिए अतिरिक्त बोनस प्रदान करना (उदाहरण के लिए, कोई ट्रैफिक उल्लंघन नहीं, कोई दुर्घटना नहीं)।
  • स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को सशक्त बनाना: समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए, पड़ोस के किराना स्टोरों को डिजिटल रूप से ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया जाना चाहिए।
  • गिग वर्कर्स का संघीकरण: सामूहिक सौदेबाजी को सक्षम बनाने के लिए सरकार और उद्योग निकायों को गिग वर्कर्स के संघीकरण को बढ़ावा देना चाहिए।
  • ऑडिट के माध्यम से अनुपालन लागू करना: श्रम कानूनों और कार्यस्थल सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन की निगरानी के लिए क्विक कॉमर्स फर्मों का नियमित ऑडिट होना चाहिए।
    • अवैतनिक और कम मजदूरी, अवास्तविक डिलीवरी लक्ष्य और असुरक्षित कार्य स्थितियों आदि जैसे उल्लंघनों के लिए दंड लगाया जाना चाहिए।
  • उपभोक्ता डेटा संरक्षण: डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 में क्विक कॉमर्स फर्मों को अनुचित मूल्य निर्धारण प्रथाओं के लिए उपभोक्ता डेटा का शोषण करने से रोकने हेतु प्रावधान किए जाने चाहिए।

निष्कर्ष 

क्विक कॉमर्स संबंधी नैतिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए, गिग श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना और निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना आवश्यक है।

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