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 राज्यसभा ने PVTGs को ST सूची में शामिल करने के लिए विधेयक पारित किया

Lokesh Pal February 08, 2024 05:43 116 0

संदर्भ

हाल ही में राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2024 एवं संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश संशोधन विधेयक, 2024 पारित किया।

संबंधित तथ्य

  • ओडिशा की अनुसूचित जनजातियों (STs) की सूची में कई नए समुदायों को जोड़ा गया और आंध्र प्रदेश और ओडिशा दोनों की ST सूचियों में मौजूदा जनजातियों के समानार्थक शब्द और ध्वन्यात्मक विविधताओं (Synonyms and Phonetic Variations ) को शामिल किया गया।

राज्य

समानार्थी/उप-जनजाति जोड़ा गया

मौजूदा जनजाति

ओडिशा पौरी भुइयाँ और पौड़ी भुइयाँ भुइयाँ जनजाति
चुकटिया भुंजिया (Chuktia Bhunjia) भुंजिया जनजाति
बोंडो (Bondo) बोंडो पोराजा जनजाति 
मांकिडिया (Mankidia) मैनकिर्डिया (Mankirdia) जनजाति 
आंध्र प्रदेश बोंडो पोरजा (Bondo Porja)

खोंड पोरजा (Khond Porja)

पोरजा जनजाति 

(Porja Tribe)

कोंडा सवारस (Konda Savaras) सावरस जनजाति

विधेयक के मुख्य बिंदु

    • PVTGs को जोड़ना: ओडिशा में चार एवं आंध्र प्रदेश में तीन PVTG समूहों के नाम विशेष रूप से इन राज्यों की ST सूची में पहले से ही समुदायों के समानार्थी या उप-जनजातियों के रूप में जोड़े गए थे।
  • नयी प्रविष्टियाँ
  • ओडिशा के तमाड़िया (Tamadia) और तमुड़िया (Tamudia) समुदायों को अब अनुसूचित जाति की सूची से हटाकर अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर दिया गया है।
  • ओडिशा की ST सूची का विस्तार: ओडिशा के मुका डोरा समुदाय (Muka Dora Community) और कोंडा रेड्डी समुदाय (Konda Reddy Community) को भी ओडिशा की ST सूची में जोड़ा गया है।
    • इस विधेयक में राज्य की ST सूची में कम-से-कम आठ मौजूदा समुदायों के समानार्थक शब्द, ध्वन्यात्मक विविधताएँ एवं उप-जनजातियाँ भी जोड़ी गई हैं।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के बारे में

    • वर्ष 1973 में ढेबर आयोग की सिफारिश के अनुसार, भारत सरकार ने जनजातियों की एक अलग श्रेणी बनाई। आदिम जनजातीय समूह (PTGs), जो वर्ष 1975 में जनजातीय समूहों में कम विकसित थे।
      • वर्ष 2006 में, भारत सरकार ने PTGs का नाम बदलकर विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) कर दिया।
  • पहचान के लिए मापदंड
    • तकनीकी का पूर्व-कृषि स्तर
    • साक्षरता का निम्न स्तर
    • आर्थिक पिछड़ापन
    • घटती या स्थिर जनसंख्या
  • PVTGs जनसंख्या: इनकी आबादी बिखरी हुई है और वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार, यह संख्या लगभग 27,68,322 है।
    • 12 PVTGs की जनसंख्या 50,000 से अधिक है एवं शेष समूहों की जनसंख्या 1,000 या उससे कम है।
    • PVTG में सहरिया (Sahariyas) जनजाति की आबादी सबसे अधिक है, जबकि सेंटिनल (Sentinel) और अंडमानीज (Andamanese) की आबादी सबसे कम है।
  • कुल: 17 राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश (UT) में फैले 75 PVTGs, जिनमें ओडिशा 13 PVTG समूहों का समर्थन करता है, पंजाब एवं हरियाणा में कोई PVTG नहीं पाए गए हैं।

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