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Samsul Ansari
January 02, 2024 04:33
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संदर्भ
हाल ही में भारत ने रूस के साथ पुनर्संतुलन (Rebalancing) के महत्त्व और बहुध्रुवीयता (Multipolarity) के उद्भव के बारे में चर्चा की।
संबंधित तथ्य
बहुपक्षवाद (Multilateralism) क्या है?
बहुपक्षवाद में परामर्श, समावेशन और एकजुटता जैसे संस्थापक सिद्धांतों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं मंचों के माध्यम से कई देशों को शामिल करना ही बहुपक्षवाद है।
बहुपक्षवाद को पुनः संतुलित करने की आवश्यकता
बहुपक्षवाद से संबंधित चिंताएँ
भारत की बहुपक्षवाद नीति
द्वि-पक्षीयवाद का उदय और नए क्षेत्रीय गुटों का गठन
द्विपक्षीयवाद से जुड़े मुद्दे
आगे की राह
निष्कर्ष
बहुपक्षवाद को पुनर्संतुलित करने में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका है और इसमें अपार संभावनाएँ हैं। सुधार की वकालत करके, रणनीतिक साझेदारी बनाकर और अपनी आंतरिक चुनौतियों का समाधान करके, भारत एक अधिक न्यायसंगत और समावेशी वैश्विक शासन प्रणाली में योगदान दे सकता है जो ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ के भारतीय लोकाचार को प्रतिबिंबित करता है।
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