हाल ही में विभिन्न देशों में भारतीय मसाला शिपमेंट की अस्वीकृति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
संबंधित तथ्य
एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड: बढ़ी हुई अस्वीकृतियाँ
पिछले छह महीनों में, महाशियान दी हट्टी (MDH) प्राइवेट लिमिटेड के अमेरिका में शिपमेंट का लगभग एक-तिहाई साल्मोनेला संदूषण (Salmonella Contamination) के कारण वापस कर दिया गया था।
इसके अतिरिक्त, सिंगापुर एवं हांगकांग ने MDH तथा एवरेस्ट फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड दोनों के कई उत्पादों की बिक्री को उनके उत्पादों में कथित तौर पर कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक (एथिलीन ऑक्साइड) पाए जाने के कारण निलंबित कर दिया है।
कैंसर पर अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी (IARC) एथिलीन ऑक्साइड (रासायनिक) को समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत करती है।
साल्मोनेला (Salmonella) के बारे में
साल्मोनेला एक प्रकार का बैक्टीरिया है।
यह लोगों को बीमार कर सकता है, जिससे डायरिया जैसी बीमारी हो सकती है।
यह मुख्य रूप से पेट एवं आँतों को प्रभावित करता है।
आमतौर पर लोगों को साल्मोनेला संक्रमण उन खाद्य पदार्थों को खाने से होता है, जिनमें बैक्टीरिया होते हैं, जैसे- अधपका या दूषित भोजन, या दूषित पेयजल से।
संचरण: साल्मोनेला अत्यधिक संक्रामक है एवं विभिन्न तरीकों से फैल सकता है:
भोजन-से-व्यक्ति में
जानवरों से सीधे लोगों तक या भोजन के माध्यम से
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक
साल्मोनेला संक्रमण के लक्षण
US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, साल्मोनेला संक्रमण के लक्षणों में शामिल हैं।
दस्त
पेट में ऐंठन
बुखार
जी मिचलाना
कभी-कभी उल्टी होना
भारत में मसाला बाजार
भारत को दुनिया भर में मसालों के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
यह अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) द्वारा सूचीबद्ध 109 किस्मों में से 75 किस्मों का उत्पादन करता है।
प्रमुख निर्यातित मसाले हैं:-
काली मिर्च, इलायची, मिर्च, अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, अजवाइन, सौंफ, मेथी, लहसुन, जायफल एवं जावित्री, करी पाउडर, मसाला तेल तथा ओलियोरेसिन।
वर्ष 2023 एवं वर्ष 2024 के लिए आँकड़े
वर्ष 2023 में, भारत का मसालों का निर्यात लगभग 3.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
वर्ष 2023-2024 (फरवरी तक) में भारत का मसालों का निर्यात लगभग 3.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
भारत में सबसे बड़े मसाला उत्पादक राज्य
मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक।
महाराष्ट्र, असम, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु एवं केरल।
साल्मोनेला के खतरनाक होने का कारण
साल्मोनेला कई कारणों से खतरनाक है:
असाध्य बीमारी: यह बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं एवं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों जैसे संवेदनशील समूहों में असाध्य बीमारी का कारण बन सकता है।
इन समूहों को अस्पताल में भर्ती एवं अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
गर्मियों में, ऐसे संक्रमण सर्दियों की तुलना में अधिक सामान्य होते हैं।
हालाँकि अधिकांश स्वस्थ वयस्क चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाते हैं।
एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी (Antibiotic-Resistant): साल्मोनेला के कुछ प्रकार एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी होते जा रहे हैं, जिससे पारंपरिक दवा से उनका इलाज करना कठिन हो जाता है।
इससे गंभीर जटिलताएँ पैदा हो सकती हैं।
मसाला उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु सरकारी पहल
मसालों का निर्यात विकास एवं संवर्द्धन: यह पहल भारतीय मसाला बोर्ड द्वारा की गई थी।
यह पहल भारतीय ब्रांड के मसालों को बढ़ावा देती है, मसाला उगाने वाले क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे की स्थापना करती है।
उद्देश्य: निर्यातकों को उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सहायता करना।
उद्योग के विकास के लिए मौजूदा प्रौद्योगिकी का उन्नयन किया जा रहा है।
मसाला पार्कों की स्थापना: बोर्ड ने प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों एवं बाजार केंद्रों में आठ फसल-विशिष्ट मसाला पार्क स्थापित करना शुरू किया।
उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर मूल्य एवं व्यापक बाजार पहुँच प्राप्त करने में मदद करना है।
उपरोक्त के अलावा, इसका उद्देश्य मसालों की खेती, कटाई के बाद, प्रसंस्करण, मूल्य संस्करण एवं मसालों के भंडारण के लिए एक व्यापक प्रणाली विकसित करना है।
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