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बाघ अभयारण्यों से गाँवों के स्थानांतरण पर NTCA की रिपोर्ट

Lokesh Pal November 06, 2024 01:59 45 0

संदर्भ

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes- NCST) ने बाघ अभयारण्यों से गाँवों को स्थानांतरित करने के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority-NTCA) के निर्देश की समीक्षा शुरू कर दी है।

स्थानांतरण की वर्तमान स्थिति

  • कोर क्षेत्रों में स्थित गाँव: NTCA के अनुसार, 19 राज्यों के 54 बाघ अभयारण्यों में 64,801 परिवारों वाले 591 गाँव महत्त्वपूर्ण बाघ आवासों के भीतर अवस्थित हैं।
  • अब तक हुए पुनर्वास: अब तक 25,007 परिवारों वाले 251 गाँवों को स्थानांतरित किया जा चुका है।

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के बारे में 

  • गठन: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की स्थापना दिसंबर 2005 में एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
  • कानूनी आधार: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत बनाया गया, जिसे बाघ संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिए वर्ष 2006 में संशोधित किया गया।
  • उद्देश्य एवं अधिदेश
    • प्राथमिक लक्ष्य: पूरे भारत में बाघ संरक्षण को मजबूत करना।
    • कार्य: बाघ की स्थिति के आकलन, संरक्षण गतिविधियों और विशेषज्ञ समितियों की सिफारिशों के आधार पर सलाह, दिशा-निर्देश तथा निर्देश प्रदान करना।
    • प्राधिकरण: बाघ संरक्षण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों या प्राधिकारियों को निर्देश देने की शक्ति रखता है, जिन्हें इन निर्देशों का पालन करना होगा।

गाँवों के स्थानांतरण पर वर्ष 2018 की सिफारिशें

  • भूमि अधिनियम के आधार पर मुआवजा: NCST ने वर्ष 2018 में सिफारिश की थी कि मुआवजा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 (Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act, 2013) के आधार पर दिया जाना चाहिए।
  • संशोधित मुआवजा: वर्ष 2021 मे, NTCA ने मुआवजे को 10 लाख रुपये से संशोधित कर 15 लाख रुपये प्रति परिवार कर दिया।

स्थानांतरण के लिए कानूनी ढाँचा

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत बाघ अभयारण्यों के मुख्य क्षेत्रों को मानव बस्तियों से मुक्त किया जा सकता है, लेकिन केवल प्रमुख शर्तों को पूरा करने के बाद:
    • वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिए।
    • स्थानीय ग्राम सभा (ग्राम परिषद) से सूचित सहमति आवश्यक है।
    • पुनर्वास तभी हो सकता है, जब पारिस्थितिकी एवं सामाजिक विशेषज्ञ यह निष्कर्ष निकालें कि समुदायों की उपस्थिति बाघों के लिए एक महत्त्वपूर्ण खतरा है और सह-अस्तित्व संभव नहीं है।
  • पुनर्वास प्रावधान और अधिकार
    • स्वैच्छिक स्थानांतरण का विकल्प चुनने वाले परिवारों को निम्नलिखित का अधिकार हैं :
      • प्रति परिवार 15 लाख रुपये का मुआवजा।
      • पुनर्वास पैकेज जिसमें शामिल हैं:
        • दो हेक्टेयर भूमि, वासभूमि, आवास सहायता, एकमुश्त वित्तीय सहायता तथा जल, स्वच्छता, विद्युत एवं दूरसंचार जैसी बुनियादी सुविधाएँ।

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