76वीं गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें सैन्य कौशल और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का सम्मिश्रण देखने को मिला।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
अतिथि एवं गणमान्य व्यक्ति: इस दौरानराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो मुख्य अतिथि थे।
रक्षा एवं सैन्य प्रदर्शन: प्रमुख मिसाइल प्रणालियों, युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली, संजय और प्रथम ‘त्रि-सेवा’ झाँकी का प्रदर्शन।
विदेशी दल: वर्ष 2016 में फ्राँसीसी सेना दल के साथ शुरू की गई परंपरा को जारी रखते हुए, इस वर्ष इंडोनेशियाई दलों ने भाग लिया।
इसमें पहली बार इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय ‘मार्चिंग और बैंड दल’ (सबसे बड़ा विदेशी दल) शामिल हुआ।
पारंपरिक बग्गी में राष्ट्रपति का आगमन: राष्ट्रपति मुर्मू और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति को राष्ट्रपति के अंगरक्षक द्वारा सोने की परत चढ़ी, घोड़े से खींची जाने वाली बग्गी में ले जाया गया।
वर्ष 1984 में बंद किया गया यह पारंपरिक परिवहन साधन वर्ष 2024 में पुनः शुरू किया गया।
संजय: युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली (BSS)
संजय (SANJAY) एक स्वचालित युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली है, जो जमीन और हवाई सेंसर से इनपुट को एकीकृत करती है, सटीकता को सत्यापित करने के लिए उन्हें संसाधित करती है, दोहराव को समाप्त करती है और एक सुरक्षित डेटा और सैटेलाइट संचार नेटवर्क संबंधी सामान्य निगरानी चित्र (CSP) बनाती है।
विकास: इसे भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा ‘खरीद’ (भारतीय) श्रेणी के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
विशेषताएँ
अत्याधुनिक सेंसर और उन्नत एनालिटिक्स से युक्त।
भूमि सीमाओं की निगरानी करने, घुसपैठ को रोकने और उच्च सटीकता के साथ युद्ध के मैदान की स्थितियों का आकलन करने में सक्षम।
कमांड और सेना मुख्यालय के लिए एक सुरक्षित वेब एप्लिकेशन के माध्यम से सुलभ CSP प्रदान करता है।
महत्त्व
युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता को बढ़ाता है और पारंपरिक तथा उप-पारंपरिक अभियानों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को बदलता है।
खुफिया जानकारी, निगरानी एवं टोही क्षमताओं को मजबूत करता है, तथा गुणक प्रभाव के रूप में कार्य करता है।
प्रेरण: संजय को अक्टूबर 2025 तक तीन चरणों में सेना के सभी परिचालन ब्रिगेड, डिवीजनों और कोर में पेश किया जाएगा, जिसे रक्षा मंत्रालय द्वारा ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है।
गणतंत्र दिवस झाँकी का चयन
संबंधित मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय (MoD) चयन प्रक्रिया की देखरेख करता है।
आवेदन प्रक्रिया
प्रतिभागी (राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/केंद्रीय मंत्रालय) एक निश्चित समय सीमा तक अवधारणा संबंधी ‘नोट और डिजाइन ब्लूप्रिंट’ प्रस्तुत करते हैं।
प्रस्तावों का मूल्यांकन कला, संस्कृति और डिजाइन के विशेषज्ञों की रक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा किया जाता है।
समिति के पास अंतिम अधिकार होता है।
चयन चरण
चरण 1: प्रस्तावों और रेखाचित्रों का मूल्यांकन; सुझाए गए या अस्वीकृत किए गए संशोधन।
चरण 2: 3D मॉडल का मूल्यांकन; अंतिम स्वीकृति से पहले अनुशंसित परिवर्तन।
चयन मानदंड: दृश्य अपील, विषय से प्रासंगिकता, सार्वजनिक प्रभाव, विवरण, संगीत और स्थानीय कलाकारों का समावेश।
विषय: रक्षा मंत्रालय प्रत्येक वर्ष एक थीम प्रदान करता है, जैसे “विकसित भारत।”
वर्ष 2025 की परेड की झाँकी
इस वर्ष की झाँकी का विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत एवं विकास’ है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 16 झाँकियाँ एवं केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों एवं संगठनों की 15 झाँकियाँ परेड का हिस्सा थीं।
प्रथम ‘त्रि-सेवा’ झाँकी
थीम: सशक्त और सुरक्षित भारत (Sashakt aur Surakshit Bharat)।
भूमि, जल और वायु में समकालिक युद्धक्षेत्र परिदृश्य प्रदर्शित किया गया।
उल्लेखनीय राज्य झाँकी
उत्तर प्रदेश: साधुओं के साथ वर्तमान कुंभ मेले और समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) का चित्रण किया गया।
मध्य प्रदेश: कुनो वन्यजीव अभयारण्य में चीतों के पुनःप्रवर्तन पर प्रकाश डाला गया।
आंध्र प्रदेश: इस क्षेत्र के लिए अद्वितीय पर्यावरण-अनुकूल लकड़ी के खिलौनों, ‘एटिकोप्पाका बोम्मालु’ कला पर ध्यान केंद्रित किया गया।
प्रमुख मिसाइलें
प्रणाली
विकसितकर्ता
क्षमता
रेंज
महत्त्व
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
डीआरडीओ (भारत) और NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया (रूस)
सुपरसोनिक गति (मैक 2.8-3), सटीक निशाना, स्थल, समुद्र, वायु और पनडुब्बियों से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
500 किमी. तक (उन्नत संस्करण इससे भी आगे तक विस्तारित होते हैं)
उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों, बहुमुखी तैनाती प्लेटफॉर्मों के विरुद्ध सटीक हमला।
उन्नत पिनाका मल्टी-रॉकेट प्रक्षेपण प्रणाली
डीआरडीओ और भारतीय निजी फर्म
उच्च मात्रा क्षेत्र संतृप्ति, 44 सेकंड में 12 रॉकेट फायर करता है, उन्नत मार्गदर्शन (Mk-II और निर्देशित पिनाका वेरिएंट)।
90 किमी. तक
उन्नत सामरिक मारक क्षमता, पारंपरिक तोपखाने का पूरक है।
BM-21 ग्रैड एमआरएलएस
सोवियत प्रणाली का स्वदेशी संस्करण
20 सेकंड से भी कम समय में 40 रॉकेट दागता है, क्षेत्र को नष्ट करने के लिए सामूहिक गोलीबारी करता है।
20–40 किमी.
उच्च मात्रा में फायर सहायता के लिए प्रभावी, उन्नत संस्करण गतिशीलता और सीमा में सुधार करते हैं।
प्रलय सेमी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली
डीआरडीओ
‘सेमी-बैलिस्टिक’ प्रक्षेप पथ, सुरक्षा से बचने की गतिशीलता, 350-700 किलोग्राम की पेलोड क्षमता।
150–400 किमी.
सामरिक हमला करने की क्षमता, विवादित सीमाओं पर पारंपरिक निवारण के लिए उपयोगी।
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