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भारत सरकार द्वारा नीति आयोग का पुनर्गठन

Lokesh Pal July 19, 2024 03:26 152 0

संदर्भ

भारत सरकार ने हाल ही में नेशनल इंस्टिट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया  (National Institution for Transforming India- NITI Aayog) का पुनर्गठन किया है, जिसमें चार पूर्णकालिक सदस्य और 15 केंद्रीय मंत्री, जिनमें भाजपा के सहयोगी दल भी शामिल हैं, को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। 

नीति आयोग के बारे में

  • परिचय: यह एक सरकारी थिंक-टैंक है, जिसका गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव के माध्यम से किया गया है तथा इसने  पूर्ववर्ती योजना आयोग का स्थान लिया।
  • नीति आयोग की स्थापना: वर्ष 1950 में स्थापित योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को नीति आयोग (नेशनल इंस्टिट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।
  • अध्यक्षता: नीति आयोग प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कार्य करता है।
  • भूमिका: यह विकास प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण दिशात्मक और रणनीतिक इनपुट प्रदान करता है।
    • योजना आयोग के विपरीत, नीति आयोग एक सलाहकार निकाय है, जिसके पास राज्यों की ओर से धन देने या निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
  • प्रमुख सिद्धांत: नीति आयोग का मूल सिद्धांत ‘सहकारी संघवाद’ (cooperative federalism) है, साथ ही ‘बॉटम अप अप्रोच’ (‘Bottom –Up’ approach) पर जोर दिया गया है।
  • नीति आयोग के प्रमुख हब
    • टीम इंडिया हब: राज्यों और केंद्र के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करता है।
    • ज्ञान और नवाचार हब: नीति आयोग के थिंक-टैंक एवं कौशल निर्माण का कार्य करता है।

नीति आयोग की संरचना

  • अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
  • उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया गया कोई व्यक्ति।
  • गवर्निंग काउंसिल: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
  • क्षेत्रीय परिषद: मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री या उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति द्वारा की जाती हैं। 
  • पूर्णकालिक संगठनात्मक सदस्य
    • उपाध्यक्ष (प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त)
    • पूर्णकालिक सदस्य: इन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
    • अंशकालिक सदस्य: प्रमुख विश्वविद्यालयों, शोध संगठनों और अन्य प्रासंगिक संगठनों से अधिकतम 2 पदेन सदस्य (Ex-Officio), जो रोटेशन के आधार पर कार्य करेंगे। 
  • पदेन सदस्यता (Ex-Officio membership): केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अधिकतम चार सदस्य, जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा नामित किया जाएगा। 
  • मुख्य कार्यकारी अधिकारी: भारत सरकार के सचिव स्तर का, एक निश्चित कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त अधिकारी। 
  • विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विशेषज्ञ, क्षेत्र विशेष का ज्ञान रखने वाले विषय विशेषज्ञ  सदस्य।

नीति आयोग की भूमिका

  • सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism): नीति आयोग की स्थापना भारत में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और सुशासन की स्थापना  करने के लिए की गई थी। 
    • यह भारत सरकार के लिए एक प्रमुख प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जो राष्ट्रीय विकास एजेंडे की दिशा में सहयोगात्मक रूप से कार्य करने के लिए राज्यों को ‘टीम इंडिया’ के रूप में एकीकृत करता है। 
    • नीति आयोग ने बुनियादी ढाँचे के विकास और निजी-सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विकास सहायता सेवाएँ (DSSS) और मानव पूँजी परिवर्तन के लिए सतत् कार्रवाई (SATH) कार्यक्रम जैसे मॉडल स्थापित किए हैं। 
  • प्रतिस्पर्द्धी संघवाद: नीति आयोग राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन को सुगम बनाकर प्रतिस्पर्द्धी संघवाद को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। 
    • यह विभिन्न क्षेत्रों में पारदर्शी रैंकिंग के साथ-साथ सहायक दृष्टिकोण के माध्यम से राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करता है। 
  • आकांक्षी जिलों की रैंकिंग: नीति आयोग प्रत्येक-माह आकांक्षी जिलों के प्रदर्शन के लिए डेल्टा रैंकिंग भी जारी करता है। 
    • मात्रात्मक वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में राज्यों की रैंकिंग, राज्यों एवं उनके  जिलों को भी अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करती है।  
  • नीति आयोग और सतत् विकास लक्ष्य: नीति आयोग देश में सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नोडल संस्था है, जो सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के साथ 2030 एजेंडा का नेतृत्व कर रहा है। 
    • यह SDG इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड, बहुआयामी गरीबी सूचकांक: प्रगति समीक्षा 2023, पूर्वोत्तर क्षेत्र सूचकांक और डैशबोर्ड आदि विभिन्न तंत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर की प्रगति की निगरानी करता है। 
  • नीति आयोग का सहयोगात्मक दृष्टिकोण: नीति आयोग संकेतक रूपरेखा, समीक्षा तंत्र और क्षमता निर्माण के विकास में राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों, संबंधित मंत्रालयों/विभागों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर कार्य करता है। 
  • नीति आयोग द्वारा जारी सूचकांक
    • स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक (School Education Quality Index)
    • राज्य स्वास्थ्य सूचकांक (State Health Index)
    • समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (Composite Water Management Index)
    • सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक (Sustainable Development Goals Index)
    • कृषि विपणन और किसान हितैषी सुधार सूचकांक (Agriculture Marketing And Farmer Friendly Reforms Index)
    • भारत नवाचार सूचकांक (India Innovation Index) 
    • निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक (Export Competitiveness Index)। 

नीति आयोग की पहल

  • इंडियाचेन: इंडियाचेन एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है, जिसे सार्वजनिक डेटा के लिए नीति आयोग द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जो देश का सबसे बड़ा ब्लॉकचेन नेटवर्क होगा।
  • ई-अमृत (E-AMRIT): E-AMRIT नीति आयोग द्वारा विकसित एक व्यापक पोर्टल है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में मिथकों, खरीद, निवेश, नीतियों और सब्सिडी आदि की जानकारी प्रदान करता है। 
    • यह यूनाइटेड-किंगडम (UK)  सरकार के सहयोग से बनाए गए UK-भारत संयुक्त रोडमैप 2030 का हिस्सा है।
  • SATH-E परियोजना: ‘मानव पूँजी परिवर्तन के लिए सतत् कार्रवाई’ (Sustainable Action for Transforming Human Capital) शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में परिवर्तन आरंभ करने के लिए नीति आयोग का एक कार्यक्रम है। 
  • महिला उद्यमिता मंच (Women Entrepreneurship Platform-WEP): महिला उद्यमियों को समर्थन और मान्यता देने के लिए इसकी प्रमुख पहल। 
  • ‘मेथनॉल अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम (‘Methanol Economy’ programme): यह भारत की  एक रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करना है।  
  • अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission-AIM): यह देश में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ की गई एक प्रमुख पहल है। 
  • महिला परिवर्तनकारी भारत पुरस्कार (Women Transforming India Awards): महिला परिवर्तनकारी भारत पुरस्कार नीति आयोग की वार्षिक पहल है, जो भारत की महिला नेताओं और परिवर्तनकर्ताओं के सराहनीय तथा अभूतपूर्व प्रयासों को उजागर करती है। 
  • एनजीओ दर्पण (NGO Darpan): एनजीओ दर्पण भारत में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों (VO) और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) का डेटाबेस बनाने के लिए नीति आयोग द्वारा शुरू किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। 

पिछले कुछ वर्षों में नीति आयोग की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ

  • कृषि में सुधार
    • भूमि उपयोग को बढ़ाने तथा काश्तकारों और भूस्वामियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आदर्श कृषि भूमि पट्टा अधिनियम, 2016 प्रस्तुत किया गया। 
    • कृषि विपणन में सुधार और कृषि-व्यवसाय वातावरण को बढ़ावा देने के लिए संशोधित मॉडल APMC अधिनियम। 
    • राज्य स्तरीय सुधारों की समीक्षा के लिए कृषि विपणन और किसान हितैषी सुधार सूचकांक की शुरुआत की गई। 
  • डिजिटल भुगतान अभियान
    • जागरूकता अभियान, प्रोत्साहन और साझेदारी के माध्यम से देश भर में डिजिटल भुगतान की सिफारिश एवं प्रचार किया। 
    • डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भीम (BHIM) ऐप और लकी ग्राहक योजना/डिजी धन व्यापार योजना जैसी योजनाएँ लागू की गईं। 
  • अटल नवाचार मिशन (AIM)
    • नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स ( Atal Tinkering Labs-ATL) और अटल इनक्यूबेशन सेंटर (Atal Incubation Centres-AIC) की स्थापना की गई।
  • स्वच्छ भारत अभियान और कौशल विकास: केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने और राज्यों में कौशल विकास पहलों को बढ़ाने के लिए उप-समूहों का नेतृत्व किया। 
  • भारत परिवर्तन व्याख्यान शृंखला: भारतीय नीति निर्माताओं और जनता के बीच अत्याधुनिक विकास विचारों और नीतियों का प्रसार करने के लिए शुरू की गई। 
  • स्वास्थ्य, शिक्षा और जल प्रबंधन में राज्यों के प्रदर्शन का मापन करने वाले सूचकांक: नीति आयोग ने स्वास्थ्य, शिक्षा और जल जैसे महत्त्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में वृद्धिशील वार्षिक परिणामों के मापन के लिए सूचकांक जारी किए हैं। 

आलोचना

  • सलाहकार निकाय: नीति आयोग अपने विचारों की प्रवर्तनीयता सुनिश्चित किए बिना नीति-निर्माण में केवल एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है।
  • विवेकाधीन वित्तपोषण: इसके पास राज्यों को विवेकाधीन वित्तपोषण देने का अधिकार नहीं है, जिससे यह परिवर्तनकारी हस्तक्षेप करने में असमर्थ है।
  • असमानता का मुकाबला करना: यह असमानता का मुकाबला करने में असमर्थ रहा है, जो भारतीय समाज में लगातार बढ़ती जा रही है। 
  • शक्तियों का अभाव: इसे एक गौरवशाली अनुशंसात्मक निकाय का दर्जा दिया गया है, जिसके पास सरकार के कार्यों में सकारात्मक परिवर्तन लाने की शक्ति नहीं है। 

नीति आयोग और योजना आयोग की तुलना

पहलू (Aspect)  

नीति आयोग (NITI Aayog)

योजना आयोग (Planning Commission)       

भूमिका          सलाहकार थिंक टैंक संविधानेतर निकाय (Extra-constitutional body)  
विशेषज्ञता व्यापक विशेषज्ञता

सीमित विशेषज्ञता         

संघवाद (Federalism) सहकारी संघवाद में कार्य करता है। वार्षिक योजना बैठकों में राज्य केवल दर्शक की भूमिका में।
सचिव की नियुक्ति (Secretary Appointment) सचिवों को CEO कहा जाएगा और उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी। सचिवों की नियुक्ति सामान्य प्रक्रिया के तहत की जाती थी। 
योजना दृष्टिकोण (Planning Approach)   ‘बॉटम अप अप्रोच’ दृष्टिकोण ‘अप डाउन अप्रोच’दृष्टिकोण
नीति अधिदेश (Policy Mandate)  नीतियाँ लागू करने का कोई अधिदेश नहीं।  राज्यों पर थोपी गई नीतियाँ। 
निधि आवंटन (Fund Allocation)  धन आवंटन की कोई शक्ति नहीं। इस घटक का निर्णय वित्त आयोग (कर हस्तांतरण और अनुदान) और वित्त मंत्रालय (योजनाओं के लिए आवंटन) द्वारा किया जाता है।

मंत्रालयों और राज्य सरकारों को धन आवंटित करने की शक्ति।

आगे की राह 

  • संसाधन आवंटन: नीति आयोग को प्रभावी सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। 
  • जवाबदेही: नीति आयोग को अपने लक्ष्य पूरा न कर पाने के लिए विधायिका के प्रति विधिक रूप से जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

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