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हिमालयी क्षेत्र में पिघलते हिम आवरण में ब्लैक कार्बन की भूमिका

Lokesh Pal June 07, 2025 03:00 14 0

संदर्भ

क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि हिमालय में ब्लैक कार्बन (Black Carbon-BC) का स्तर बढ़ने से बर्फ की सतह के तापमान में वृद्धि हो रही है, जिससे ग्लेशियर पिघलने और जल अनुप्रवाह संबंधी सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

  • हिमालय, जिसे प्रायः ‘तीसरा ध्रुव’ कहा जाता है, दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा, हिमनद स्थिरता एवं जलवायु संतुलन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  • बर्फ की सतह का गर्म होना: बर्फ की सतह का तापमान -11.27°C (वर्ष 2000-2009) से बढ़कर -7.13°C (वर्ष 2020-2023) हो गया।
    • पूर्वी हिमालय में बर्फ की सतहें सर्वाधिक गर्म रहीं हैं, उसके बाद मध्य एवं पश्चिमी हिमालय का स्थान रहा है।
  • ग्लेशियर एवं जल सुरक्षा प्रभाव: ग्लेशियर पिघलने की गति तेज होने से अनुप्रवाह क्षेत्र से संबंधित लगभग 2 बिलियन लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति पर खतरा बना हुआ है।
    • बर्फ पिघलने की प्रक्रिया तीव्र हो रही है और बर्फ के मौसम की अवधि कम होती जा रही है, जिससे नदियों, कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ रहा है।
  • बर्फ की गहराई का विरोधाभास: बढ़ते तापमान के बावजूद, हिम आवरण की मोटाई (गहराई) 0.059 मीटर (2000-2009) से बढ़कर 0.117 मीटर (2020-2023) हो गई।
    • इसके कारणों में शामिल हैं:-
      • बर्फबारी में वृद्धि
      • मौसमी वर्षा में बदलाव
      • बर्फ का पवन पुनर्वितरण
    • पश्चिमी हिमालय में बर्फ की गहराई सबसे अधिक है, क्योंकि यह अधिक ऊँचाई पर स्थित है तथा पश्चिमी विक्षोभों के संपर्क में अधिक रहता है, जो सर्दियों में वर्षा लाते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के उत्प्रेरक के रूप में ब्लैक कार्बन

  • ब्लैक कार्बन (BC): यह एक अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक है, जो मुख्य रूप से बायोमास दहन, वाहन उत्सर्जन, स्टोव और खुली क्षेत्र में आग से उत्पन्न होता है।
  • सूर्य के प्रकाश को विक्षेपित करने वाले अन्य एरोसोल के विपरीत, ब्लैक कार्बन (BC) सौर विकिरण को अवशोषित करता है एवं बर्फ की एल्बिडो को कम करता है, जिसके परिणामस्वरूप निम्नलिखित स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं:-  
    • बर्फ पिघलने में वृद्धि
    • सतह का गर्म होना
    • जल विज्ञान संबंधी व्यवधान।

ब्लैक कार्बन के स्रोत

  • भारत-गंगा का मैदान ब्लैक कार्बन उत्सर्जन का एक हॉटस्पॉट क्षेत्र है।
  • प्रमुख स्रोत
    • बायोमास दहन।
    • जीवाश्म ईंधन का दहन।
    • वनाग्नि एवं कृषि अपशिष्ट को जलाया जाना। 
  • भारत के ब्लैक कार्बन उत्सर्जन में अकेले जैव ईंधन लगभग 42% योगदान देता है।

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