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Lokesh Pal June 27, 2024 04:03 121 0
तापमान में वृद्धि के कारण भारत को लगातार तीसरे वर्ष गेहूँ उत्पादन में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर भारत के प्रमुख गेहूँ उत्पादक राज्यों में “हीट स्ट्रेस” का प्रभाव अधिक स्पष्ट था, जहाँ वर्ष 2021-22 के रबी मौसम (नवंबर के मध्य में बुवाई और अप्रैल-मई में कटाई) के दौरान गेहूँ की उत्पादकता में काफी गिरावट आई थी।
गेहूँ की उपलब्धता और उत्पादन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारक निम्नलिखित हैं:
भारत में गेहूँ का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यह चावल के बाद दूसरी सबसे महत्त्वपूर्ण अनाज फसल है। यह भारत के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भाग में मुख्य खाद्यान्न फसल है।
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