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AI अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन का रोडमैप

Lokesh Pal October 15, 2025 02:58 16 0

संदर्भ

नीति आयोग का ‘AI अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन का रोडमैप’ वर्ष 2035 तक भारत को विश्व की AI कार्यबल राजधानी में बदलने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना की रूपरेखा प्रस्तुत करता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

  • यह मशीनों की वह क्षमता है, जिसके तहत वे ऐसे कार्य कर सकती हैं, जिनके लिए सामान्यतः मानवीय बुद्धि की आवश्यकता होती है।
  • यह प्रणालियों को अनुभव से सीखने, नई परिस्थितियों के अनुकूल ढलने और जटिल समस्याओं को स्वतंत्र रूप से हल करने में सक्षम बनाता है।
  • AI सूचना का विश्लेषण करने, पैटर्न पहचानने और प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करने के लिए डेटासेट, एल्गोरिदम और लार्ज लैंग्वेज मॉडल का उपयोग करता है। समय के साथ, ये प्रणालियाँ अपने प्रदर्शन में सुधार करती हैं, जिससे वे मनुष्यों के समान तर्क करने, निर्णय लेने और संवाद करने में सक्षम हो जाती हैं।

रिपोर्ट के बारे में

  • विकसितकर्ता: नीति आयोग के फ्रंटियर टेक हब द्वारा नैसकॉम और BCG के सहयोग से, IBM, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, एलटीआईमाइंडट्री, टेलीपरफॉर्मेंस और अन्य उद्योग के हितधारकों की एक विशेषज्ञ परिषद के मार्गदर्शन में विकसित।
  • यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारत के तकनीकी सेवा क्षेत्र में किस प्रकार परिवर्तन कर रही है और संभावित रोजगार समाप्ति को रोजगार सृजन के अवसरों में बदलने की रणनीतियाँ प्रस्तावित करती है।

वर्तमान में भारत में AI पारिस्थितिकी तंत्र

  • आर्थिक योगदान: भारत का घरेलू AI बाजार वर्ष 2027 तक तीन गुना बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिससे यह विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती AI अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वर्ष 2035 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है।
  • रोजगार: तकनीक और AI पारिस्थितिकी तंत्र में 60 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं।
  • स्टार्ट-अप्स में AI: भारत में लगभग 1.8 लाख स्टार्ट-अप हैं, और पिछले वर्ष शुरू हुए लगभग 89% नए स्टार्ट-अप्स ने अपने उत्पादों या सेवाओं में AI का उपयोग किया।
    • नैसकॉम AI एडॉप्शन इंडेक्स: भारत को 4 में से 2.45 अंक प्राप्त हुए, जो दर्शाता है कि 87% उद्यम सक्रिय रूप से AI समाधानों का उपयोग कर रहे हैं।
  • AI अपनाने वाले अग्रणी क्षेत्र: औद्योगिक और ऑटोमोटिव, उपभोक्ता वस्तुएँ और खुदरा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और बीमा, और स्वास्थ्य सेवा।
    • ये सभी मिलकर AI के कुल मूल्य में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान करते हैं।

नौकरियों पर AI का प्रभाव

  • विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तन: AI कार्यों को स्वचालित और भूमिकाओं को पुनर्परिभाषित करके भारत के 245 अरब डॉलर के प्रौद्योगिकी क्षेत्र को नया रूप दे रहा है।
    • उदाहरण के लिए: AI पहले से ही सॉफ्टवेयर विकास जीवनचक्र को बदल रहा है, जिससे उत्पादकता में 10-20% की समग्र वृद्धि हो रही है।
  • कार्य और कार्यबल का विकास: AI कौशल, संरचनाओं और कार्यप्रवाह में बदलाव लाकर कार्य, कार्यकर्ता तथा कार्यबल को एक साथ बदल देता है।
    • संगठन कम स्तरों और तीव्र उत्पादन के साथ अधिक कुशल होते जा रहे हैं तथा दक्षता के लिए AI-मानव टीमों को एकीकृत कर रहे हैं।
  • रोजगार सुरक्षा को लेकर मतभेद: वर्ष 2031 तक, भारत में 15 लाख नौकरियाँ समाप्त हो सकती हैं या 40 लाख तक नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
  • नैतिक AI विशेषज्ञ, प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स और सेंटीमेंट एनालिसिस नई रोजगार श्रेणियाँ हैं।

भारत के लिए अवसर

  • उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि: AI सॉफ्टवेयर विकास, परीक्षण और दस्तावेजीकरण में दक्षता में 10-20% तक सुधार करता है।
    • जनरेटिव AI नियमित कोडिंग औरबग फिक्सिंग’ को स्वचालित करता है, जिससे बाजार में आने का समय कम हो जाता है।
  • नए क्षेत्र और बाजार: AI स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार कर रहा है और गैर-पारंपरिक तकनीकी नौकरियाँ उत्पन्न कर रहा है।
    • AI-संचालित दवा खोज और क्वांटम कंप्यूटिंग एकीकरण रोजगार सृजन को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • भारत का जनसांख्यिकीय लाभ: 90 लाख तकनीकी पेशेवरों और विश्व के सबसे बड़े युवा समूह के साथ, भारत के पास महत्त्वपूर्ण मानव पूँजी है।
    • AI-संचालित कौशल इस आधार को एक वैश्विक AI आधारित कार्यबल में बदल सकता है।
  • वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) का उदय: AI की माँग वैश्विक अनुसंधान एवं विकास और नवाचार केंद्रों को भारत की ओर आकर्षित कर रही है।
    • 70% से अधिक नए वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) AI/ML को शीर्ष नियुक्ति प्राथमिकताओं के रूप में सूचीबद्ध करते हैं।
    • देश में 1,800 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र हैं, जिनमें 500 से अधिक AI पर केंद्रित हैं।
  • भारत के सेवा निर्यात को बढ़ावा: AI-सक्षम ध्वनि और अनुवाद उपकरण वैश्विक ग्राहकों को दूरस्थ रूप से सेवा प्रदान करने की भारत की क्षमता को बढ़ाते हैं।
    • मेटा के सीमलेसएम4टी (SeamlessM4T) और ओपन AI व्हिस्पर जैसे उपकरणों का उपयोग भाषा संबंधी बाधाओं को कम कर रहा है।

जोखिम और चुनौतियाँ

  • रोजगार विस्थापन का जोखिम: यदि कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो वर्ष 2030 तक भारत में 60% से अधिक औपचारिक नौकरियाँ स्वचालित हो सकती हैं।
  • शैक्षिक अंतराल: जमीनी स्तर पर, भारत में कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा असमान है। भारतीय स्कूलों में कंप्यूटर विज्ञान वैकल्पिक बना हुआ है, जिससे AI साक्षरता सीमित है।
    • भारत के विपरीत, चीन और रूस ने प्राथमिक स्तर से ही कंप्यूटर विज्ञान शिक्षा अनिवार्य कर दी है।
  • कौशल: अमेरिकी स्नातक विशिष्ट शोध-गहन पाठ्यक्रमों में कुशल हैं, जबकि भारत में छात्रों की AI के मुख्य पाठ्यक्रमों तक पहुँच सीमित है।
  • कमजोर शोध परिणाम: AI नवाचार में भारत का योगदान कम है।
    • उदाहरण के लिए: AI पेटेंट 10% (वर्ष 2010) से घटकर <5% (वर्ष 2023) हो गए। AI प्रकाशन और उद्धरण अमेरिका और चीन से पीछे हैं।
  • AI प्रतिभा के लिए महत्त्वपूर्ण आपूर्ति-माँग अंतर: भारत में AI प्रतिभा की आपूर्ति अब वर्तमान माँग का 50% है, और अगले कुछ वर्षों में इसके और पिछड़ने की उम्मीद है।
  • AI प्रतिभाओं का पलायन: भारत में AI पेशेवरों का शुद्ध प्रवास नकारात्मक (-1.55/10,000) है, जो बेहतर अनुसंधान एवं विकास प्रोत्साहन प्रदान करने वाले देशों में जाते हैं।
    • उदाहरण के लिए: सिंगापुर और यू.ए.ई अब भारत की तुलना में अधिक भारतीय AI शोधकर्ताओं को आकर्षित करते हैं।
  • विखंडित नीतिगत प्रतिक्रिया: कई मंत्रालय बिना किसी समन्वय के अलग-अलग AI कौशल कार्यक्रम संचालित करते हैं।
    • उदाहरण के लिए: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY), इंडियाAI मिशन और शैक्षणिक सुधार जैसी वर्तमान पहल अलग-अलग संचालित हो रही हैं।

 इंडियाAI टैलेंट मिशन का शुभारंभ

नीति आयोग की रिपोर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर समन्वित इंडियाAI टैलेंट मिशन’ की उपयोगिता पर चर्चा की गई है।

  • उद्देश्य: भविष्य के लिए तैयार AI कार्यबल का निर्माण करना, जो ‘AI का निर्माण’ (Build AI- AI प्रणालियाँ और उपकरण बनाना) और ‘AI का उपयोग’ (Use AI- अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र में AI को एकीकृत करना) दोनों कर सके।
    • भारत के 90 लाख तकनीकी कार्यबल को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्द्धी, AI-संवर्द्धित पेशेवरों में बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • दृष्टिकोण एवं दायरा: प्रत्येक भारतीय को ‘AI का निर्माण’ और ‘AI का उपयोग’ करने के लिए सशक्त बनाकर, वर्ष 2035 तक भारत को AI प्रतिभा के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना, साथ ही यह सुनिश्चित करना कि AI-आधारित विकास समावेशी, नवीन और स्थायी हो।
  • अपेक्षित प्रभाव
    • रोजगार सृजन: IT, CX और संबद्ध क्षेत्रों में वर्ष 2031 तक 4 मिलियन तक नई AI-संचालित भूमिकाएँ।
    • प्रतिभा नेतृत्व: भारत वर्ष 2035 तक एक विश्वसनीय वैश्विक AI कार्यबल और नवाचार भागीदार के रूप में उभरेगा।
    • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: शिक्षा, अनुसंधान और उद्यम में AI क्षमताओं को शामिल करके रोजगार विस्थापन को रोकता है।
  • तीन मुख्य स्तंभ: इस मिशन के दायरे में इंडियाAI टैलेंट मिशन के नेतृत्व में तीन मुख्य स्तंभ और भारत AI मिशन के सहयोग से दो सक्षम स्तंभ शामिल हैं, जो एक समग्र राष्ट्रीय AI रणनीति तैयार करते हैं।

आगे की राह

  • शिक्षा में AI को शामिल करना: स्कूल, विश्वविद्यालय और व्यावसायिक प्रणालियों में AI साक्षरता को एकीकृत करना।
    • एक अकादमिक AI प्रणाली के निर्माण हेतु AI+X कार्यक्रमों का विस्तार करना, AI उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करना और AI में PhD फेलोशिप को वार्षिक रूप से 100 से बढ़ाकर 1,000 करना।
    • AI+X कार्यक्रम: यह एक अंतःविषय शैक्षिक दृष्टिकोण है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुख्य पाठ्यक्रम को अध्ययन के एक द्वितीयक, पूरक क्षेत्र (‘X’) के साथ जोड़ता है।
  • एक राष्ट्रीय AI कौशल इंजन का निर्माण करना: PMKVY और NAPS के माध्यम से मौजूदा कार्यबल के लिए एक पुनर्कौशल और अपस्किलिंग नेटवर्क का निर्माण करना।
    • मध्य-कॅरियर पेशेवरों के लिए AI-केंद्रित भूमिकाओं में संक्रमण के लिए मॉड्यूलर AI मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रम शुरू करना।
  • वैश्विक AI प्रतिभा को आकर्षित करना: घरेलू विशेषज्ञों को बनाए रखना और वैश्विक AI शोधकर्ताओं और उद्यमियों को आकर्षित करना।
    • एक AI टैलेंट वीजा शुरू करना, स्टार्ट-अप स्थानांतरण प्रोत्साहन प्रदान करना और यू.के. के ‘ग्लोबल टैलेंट वीजा’ और चीन की ‘थाउजेंड टैलेंट्स प्लान’ (Thousand Talents Plan) से प्रेरित अनुसंधान अनुदान प्रदान करना।
  • भारत ओपन-सोर्स AI कॉमन्स की स्थापना करना: नवाचार के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले डेटासेट, मॉडल और बेंचमार्क तक पहुँच का लोकतांत्रीकरण करना।
    • विश्वविद्यालयों और मंत्रालयों के साथ साझेदारी द्वारा संचालित एक नेशनल AI कॉमन्स पोर्टल का निर्माण करना, जिसमें योगदानकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन हों।
  • एक संघीय राष्ट्रीय कंप्यूटिंग और नवाचार ग्रिड बनाना: स्टार्ट-अप, छात्रों और शोधकर्ताओं को वहनीय, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) पहुँच प्रदान करना।
    • कंप्यूटिंग संसाधनों को समेकित करने और घरेलू अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए इंडिया AI मिशन के तहत एक स्तरीय पहुँच प्रणाली को लागू करना।

निष्कर्ष

AI अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन का रोडमैप’ कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार में समन्वित कार्रवाई के माध्यम से भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को वैश्विक AI लाभ में बदलने की परिकल्पना करता है। व्यवधान को अवसर में बदलकर, भारत वर्ष 2035 तक दुनिया की AI कार्यबल राजधानी के रूप में अपनी स्थिति सुरक्षित कर सकता है, जिससे समावेशी और प्रौद्योगिकी-आधारित आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

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