COP-28 के दौरान ‘सैंटियागो नेटवर्क’ के ड्राफ्ट को पक्षकारों द्वारा अपनाया गया है और इसे पेरिस समझौते के लिए कार्यरत COP/CMA की बैठक में विचार हेतु भेजा गया है।
संबंधित तथ्य
‘सैंटियागो नेटवर्क ड्राफ्ट’ का उद्देश्य: इस सहयोगात्मक ढाँचे का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान और क्षति को प्रभावी ढंग से संबोधित करने और प्रबंधित करने के लिए कमज़ोर विकासशील देशों को तकनीकी सहायता और संसाधनों से जोड़ना है।
सैंटियागो नेटवर्क
मैड्रिड में आयोजित COP-25 में अधिदेशित, सैंटियागो नेटवर्क ‘लॉस एंड डेमेज’ हेतु वारसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र के तहत निर्मित एक नेटवर्क है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जुड़े नुकसान और क्षति के लिए वारसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र की स्थापना वर्ष 2013 में यूएनएफसीसीसी के COP-19 के दौरान की गई थी।
इसे ज्ञान बढ़ाने, संवाद और समन्वय को मजबूत करने और कमज़ोर विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जुड़े नुकसान और क्षति को संबोधित करने के लिए कार्रवाई बढ़ाने हेतु अनिवार्य किया गया था।
विजन: सैंटियागो नेटवर्क का दृष्टिकोण विशेष रूप से विकासशील देशों में जो जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं, में स्थानीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर ‘लॉस एंड डेमेज’ को रोकने, कम करने एवं संबोधित करने के लिए प्रासंगिक दृष्टिकोण के कार्यान्वयन हेतु प्रासंगिक संगठनों, निकायों, नेटवर्क और विशेषज्ञों की तकनीकी सहायता को उत्प्रेरित करना है।
सैंटियागो नेटवर्क कमज़ोर विकासशील देशों को तकनीकी सहायता, ज्ञान, संसाधनों के प्रदाताओं से जोड़ेगा।
‘सैंटियागो नेटवर्क ड्राफ्ट’ पर देशों का पक्ष
इक्वाडोर: इक्वाडोर ‘अनुकूलन पर वैश्विक लक्ष्य’ (GGA) पर समान विचारधारा वाले विकासशील देशों के समूह के साथ संरेखित है। लेकिन G77 और चीन ब्लॉक के साथ एकीकृत स्थिति को मज़बूत करना चुनौतीपूर्ण था।
यूरोप: यूरोपीय जलवायु कार्रवाई आयुक्त ने कहा कि COP-28 को जीवाश्म ईंधन के अंत की शुरुआत का प्रतीक होना चाहिए, उन्होंने सभी जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का आह्वान किया।
स्पेन: स्पेन के प्रतिनिधि ने कहा कि जलवायु वित्त का क्या अर्थ है, इस पर व्यापक समझ की आवश्यकता है। उन्होंने योगदानकर्ताओं का आधार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए निजी कंपनियों, बैंकों, सरकारों की इच्छा का आकलन करना महत्त्वपूर्ण है, भले ही देश जलवायु वित्त पर नए सामूहिक मात्रात्मक लक्ष्य के आँकड़े पर वार्ता कर रहे हों।
मीथेन उत्सर्जन को कम करना
मीथेन उत्सर्जन का उपग्रह मानचित्रण: वैश्विक मीथेन उत्सर्जन को कम करने के संबंध में आयोजित एक अन्य कार्यक्र में, वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों से मीथेन उत्सर्जन के उपग्रह मानचित्रण के महत्त्व के बारे में वार्ता की और इस बात पर चर्चा की गई कि देशों द्वारा बनाए गए आविष्कारों को बेहतर बनाने में कैसे मदद की जा सकती है।
LOW मीथेन पहल: अपशिष्ट क्षेत्र में LOW मीथेन की शुरूआत की गई है।
LOW मीथेन पहल:
COP-28 में, अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के एक गठबंधन ने ‘लोअरिंग ऑर्गेनिक वेस्ट मीथेन’ (LOW-मीथेन) पहल को लॉन्च किया है।
यह अपशिष्ट क्षेत्र से मीथेन उत्सर्जन में कटौती करने के लिए वैश्विक कार्रवाई हेतु कार्य को शुरू करने के लिए एक नई पहल है, जो कि वैश्विक मीथेन का लगभग 20 प्रतिशत है।
लक्ष्य: LOW-मीथेन पहल का लक्ष्य 40 उपराष्ट्रीय न्यायालयों और उनके राष्ट्रीय सरकारी समकक्षों के साथ कार्य करते हुए वर्ष 2030 से पहले अपशिष्ट क्षेत्र में कम-से-कम 1 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक मीथेन उत्सर्जन कटौती करना और सार्वजनिक एवं निजी निवेश में $10 बिलियन से अधिक प्राप्त करना है।
प्रमुख कंपनियों की सहभागिता: नेस्ले सहित कंपनियाँ ‘डेयरी मीथेन एलायंस’ में शामिल हो गई हैं, जो कि डेयरी क्षेत्र से मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए खाद्य उद्योग की कार्रवाई में तेज़ी लाने की एक वैश्विक पहल है।
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