यह लेख रंग पर प्रकाश डालता है और यह समझने में इसका महत्त्व है कि जीवित प्राणी दुनिया को कैसे देखते हैं।
संबंधित तथ्य
लाल, हरा और नीला प्राथमिक रंग हैं।
पीला, मैजेंटा और हरित नील (Cyan) द्वितीयक रंग हैं।
रंग
रंग एक प्रकार की सूचना होती है, जिसे हमारी आँखें विद्युत चुंबकीय विकिरण के आधार पर प्राप्त करती हैं और संसाधित करती हैं।
अवशोषण, परावर्तन और प्रकीर्णन: किसी वस्तु का स्वाभाविक रूप से कोई रंग नहीं होता है।
जब प्रकाश किसी वस्तु से टकराता है, तो वह वस्तु की सतह से संपर्क करता है।
फिर, यह दृश्य-प्रकाश विकिरण की विभिन्न आवृत्तियों को अवशोषित, प्रतिबिंबित और/या प्रकीर्णित करता है।
रंग के प्रति हमारी धारणा इन अंतःक्रियाओं से उत्पन्न होती है।
रंग के गुण
वर्ण: इसे उस डिग्री के रूप में परिभाषित किया गया है, जिससे कोई रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला या बैंगनी के समान या उससे भिन्न माना जाता है।
वर्णिकता: यह प्रकाश की स्थिति की परवाह किए बिना, मनुष्यों द्वारा समझे जाने वाले रंग की गुणवत्ता से संबंधित है।
हल्कापन: यह दर्शाता है कि एक अच्छी तरह से प्रकाशित सफेद वस्तु की तुलना में एक रंगीन वस्तु कितनी हल्की दिखाई देती है।
चमक: यह किसी वस्तु की चमक से संबंधित है।
मानव नेत्रों द्वारा रंगों को संसाधित करना
‘रॉड’ और ‘कोन’ सेल्स’: मानव नेत्र में ‘रॉड’ और ‘कोन’ सेल्स होती हैं, जो प्रकाश सूचना को संसाधित करती हैं।
‘रॉड’ सेल्स चमक का पता लगाती हैं।
‘कोन’ सेल्स’ तरंगदैर्ध्य का पता लगाती हैं, जिसे मस्तिष्क रंग के रूप में वर्णित करता है।
मनुष्य में तीन प्रकार की ‘कोन’ सेल्स होती हैं, जिनमें से प्रत्येक विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रति संवेदनशील होती हैं।
यह हमें रंगों की एक शृंखला देखने की अनुमति देती हैं।
ट्राइक्रोमैट्स: तीन तरंगदैर्ध्य देखने की इस क्षमता के कारण मनुष्य को ‘ट्राइक्रोमैट्स’ कहा जाता है।
अन्य प्रजातियों में दृश्य क्षमता
टेट्राक्रोमैट्स: कई पक्षी और सरीसृप टेट्राक्रोमैट्स होते हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें चार प्रकार की ‘कोन’ सेल्स होती हैं।
दृश्य तरंगदैर्ध्य: मनुष्य के नेत्र की 400nm से 700 nm तरंगदैर्ध्य तक की दृश्य क्षमता होती है, जिन्हें दृश्य प्रकाश के रूप में जाना जाता है।
पराबैंगनी प्रकाश: कुछ जानवर, जैसे मधुमक्खियाँ, पराबैंगनी प्रकाश देख सकते हैं।
अवरक्त विकिरण: मच्छर और कुछ कीट अवरक्त विकिरण को महसूस कर सकते हैं, जिसे मनुष्य ऊष्मा के रूप में महसूस करते हैं।
खगोलीय छवियाँ देखने की सीमाएँ और संवर्द्धन
दृश्यमान स्पेक्ट्रम: मानव दृष्टि सीमाओं का आशय है कि हम दृश्य प्रकाश से परे नहीं देख सकते हैं।
असत्य रंग (फाल्स कलर्स): अंतरिक्ष दूरबीन की छवियाँ अक्सर रेडियो तरंगों, एक्स-रे, गामा किरणों और पराबैंगनी प्रकाश में जानकारी को उजागर करने के लिए ‘फाल्स कलर्स’ का उपयोग करती हैं।
इन संवर्द्धनों के बिना, खगोलीय छवियाँ अकेले दृश्य प्रकाश में बहुत कम विवरण दर्शाएँगी।
रंग सिद्धांत
रंग सिद्धांत
विवरण
पारंपरिक
पारंपरिक रंग सिद्धांत रंगों, रंगों और स्याही के मिश्रण की तकनीक पर केंद्रित हैं।
यह प्रणाली तीन प्राथमिक रंगों पर निर्भर थी: लाल, पीला और नीला।
इन प्राथमिक रंगों के संयोजन से मानव नेत्र को दिखाई देने वाले सभी रंग उत्पन्न हो सकते हैं।
आधुनिक (रंग विज्ञान)
आधुनिक रंग सिद्धांत, जिसे रंग विज्ञान भी कहा जाता है, तीन निश्चित प्राथमिक रंगों की अवधारणा को खारिज करता है।
इसके बजाय, यह उन तीन रंगों के ‘सरगम’ के अलावा’ विभिन्न तरीकों से किन्हीं तीन रंगों को मिलाकर बनाए गए सभी रंगों को परिभाषित करता है।
सरगम में प्रत्येक रंग एक विशिष्ट रंग स्थान में उचित बैठता है।
सभी रंग स्थान मानव नेत्रों को दिखाई देने वाले रंगों के पूरे स्पेक्ट्रम से छोटे होते हैं।
रंग प्रस्तुत करने की विधियाँ
योजक रंग
योजक रंग में, एक नए रंग के निर्माण के लिए प्रकाश की विभिन्न तरंगदैर्ध्य को संयोजित किया जाता है।
इस पद्धति का उपयोग स्मार्टफोन स्क्रीन और टेलीविजन जैसे उपकरणों में किया जाता है।
RGB कलर स्पेस एक सामान्य उदाहरण है:
अन्य रंग बनाने के लिए लाल, हरे और नीले प्रकाश को अलग-अलग मात्रा में मिलाया जाता है।
वियोजक रंग
वियोजक रंग में सफेद प्रकाश को एक माध्यम से गुजारना शामिल होता है, जो कुछ तरंगदैर्ध्य को अवशोषित करता है और बाकी को एक विशिष्ट रंग बनाने के लिए छोड़ देता है।
उदाहरण: रंग, रंगद्रव्य और स्याही।
रंग के प्रभाव के उदाहरण
गेरू का प्रागैतिहासिक उपयोग
प्राचीन काल में मनुष्य गेरू का प्रयोग करते थे।
गेरू के लिए मिश्रण: गेरू के निर्माण में फेरिक ऑक्साइड, मिट्टी और रेत को सही ढंग से मिलाना शामिल होता है।
ब्लू LEDs का विकास (Development of Blue LEDs)
1970 के दशक में लाल और हरी एलईडी मौजूद थीं, लेकिन नीली नहीं थीं।
सफेद प्रकाश के बिना (घरों और उद्योगों के लिए आदर्श) नीला नहीं बनाया जा सकता।
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