//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
September 22, 2025 02:45
8
0
स्वयं सहायता समूह (Self-Help Groups- SHGs) वित्तीय समावेशन, महिला नेतृत्व और ईंधन खुदरा, परिवहन और सौर ऊर्जा जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में प्रवेश के माध्यम से ग्रामीण सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, जैसा कि तेलंगाना की इंदिरा महिला शक्ति (Indira Mahila Shakti- IMS) में देखा गया है।
स्वयं सहायता समूह न्याय, समानता और गरिमा के संवैधानिक दृष्टिकोण को मूर्त रूप देते हैं और सतत् विकास लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन), सतत् विकास लक्ष्य 5 (लैंगिक समानता), और सतत् विकास लक्ष्य 8 (सभ्य कार्य एवं आर्थिक विकास) की प्राप्ति को सुगम बनाते हैं। वर्ष 2047 तक एक समावेशी और सुदृढ़ विकसित भारत के निर्माण के लिए इन्हें मजबूत करना न केवल एक नीतिगत आवश्यकता है, बल्कि एक नैतिक अनिवार्यता भी है।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments