हाल ही में ताइवान में आए 25 वर्षों में सबसे बड़े भूकंप की चपेट में आने से नौ लोगों की मौत हो गई और 800 से अधिक घायल हो गए।
संबंधित तथ्य
ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने भूकंप की तीव्रता 7.2 बताई, वहीं अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इसे 7.4 तीव्रता का बताया।
ताइवान की भूकंप संबंधी संवेदनशीलता
ताइवान विशेष रूप से भूकंप के प्रति संवेदनशील है क्योंकि यह प्रशांत “रिंग ऑफ फायर” के साथ स्थित है – जहाँ दुनिया के 90% भूकंप आते हैं।
इस द्वीप और इसके आसपास के जल क्षेत्र में वर्ष 1980 के बाद से 4.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले लगभग 2,000 भूकंप और 5.5 से अधिक तीव्रता वाले 100 से अधिक भूकंप दर्ज किए गए हैं।
ताइवान में दो विवर्तनिकी प्लेटों (फिलीपीन सी प्लेट और यूरेशियन प्लेट) के परस्पर टकराने के कारण भूकंप आते हैं।
रिंग ऑफ फायर
‘रिंग ऑफ फायर’ मूल रूप से सैकड़ों ज्वालामुखियों और भूकंप-स्थलों की एक शृंखला है, जो प्रशांत महासागर के समानांतर स्थित है।
यह आकार में अर्द्धवृत्ताकार या घोड़े की नाल के समान है और लगभग 40,250 किलोमीटर तक विस्तृत है।
‘रिंग ऑफ फायर’ यूरेशियाई, उत्तरी अमेरिकी, जुआन डे फूका, कोकोज, कैरेबियन, नजका, अंटार्कटिक, भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई, फिलीपीन और अन्य छोटी प्लेटों सहित कई विवर्तनिकी प्लेटों के मिलन बिंदुओं से संबंधित है, ये सभी छोटी प्लेट बड़ी प्रशांत प्लेट को घेरती हैं।
संबंधित देश: यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, मैक्सिको, जापान, कनाडा, ग्वाटेमाला, रूस, चिली, पेरू और फिलीपींस सहित 15 और देशों से होकर गुजरती है।
‘रिंग ऑफ फायर’ का भूकंप के प्रति संवेदनशील होने का कारण
‘रिंग ऑफ फायर’ में विवर्तनिकी प्लेटों के लगातार खिसकने, टकराने या एक-दूसरे के ऊपर या नीचे जाने के कारण इतने सारे भूकंप आते हैं।
चूँकि इन प्लेटों के किनारे काफी असममित होते हैं, इसलिए ये एक-दूसरे से मिल जाते हैं जबकि प्लेट का बाकी हिस्सा हिलता रहता है। भूकंप की उत्पत्ति तब होती है जब प्लेट काफी दूर चली जाती है और किनारे किसी एक ‘फॉल्ट’ पर मिल जाते हैं।
‘रिंग ऑफ फायर’ में ज्वालामुखी की अधिकता का कारण
‘रिंग ऑफ फायर’ में ज्वालामुखियों का अस्तित्व टेक्टॉनिक प्लेटों की गति के कारण है।
कई ज्वालामुखी ‘सबडक्शन’ (Subduction) नामक प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं।
यह प्रक्रिया तब होती है जब दो प्लेटें आपस में टकराती हैं और भारी प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे दब जाती है, जिससे गहरे रिक्त स्थान का निर्माण होता है।
मूल रूप से, जब एक ‘डाउनगोइंग’ समुद्री प्लेट [जैसे प्रशांत प्लेट] एक गर्म मेंटल प्लेट में चली जाती है, तो यह गर्म हो जाती है और इसमें अस्थिर तत्त्व मिश्रित हो जाते हैं तथा इससे मैग्मा बनता है।
मैग्मा ऊपरी प्लेट के माध्यम से ऊपर उठता है और सतह पर फैल जाता है, जिससे ज्वालामुखी का निर्माण होता है।
ताइवान
ताइवान फिलीपींस और दक्षिण चीन सागर के उत्तर में स्थित है।
यह चीन के दक्षिण-पूर्वी तट से लगभग 180 किमी. दूर है।
यह ताइवान जलडमरूमध्य द्वारा मुख्य भूमि से अलग होता है।
Latest Comments