100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

SEZ नियमों में संशोधन

Lokesh Pal June 17, 2025 03:25 13 0

संदर्भ

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नियम, 2006 के प्रमुख प्रावधानों में ढील दी है।

SEZ नियमों में परिवर्तन

  • न्यूनतम भूमि आवश्यकता में कमी
    • पुराना नियम: सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में कम-से -कम 50 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी।
    • नया नियम: अब इसे घटाकर 10 हेक्टेयर कर दिया गया है, जिससे कंपनियों के लिए छोटी, लागत प्रभावी इकाइयाँ स्थापित करना आसान हो गया है।
  • भूमि शर्त में शिथिलता
    • पुराना नियम: SEZ भूमि कानूनी विवादों या स्वामित्व दावों से मुक्त होनी चाहिए।
    • नया नियम: अनुमोदन बोर्ड अब इस शर्त में ढील दे सकता है, जिससे भूमि अधिग्रहण में तेजी आएगी और देरी कम होगी।
  • SEZ से घरेलू बिक्री की अनुमति
    • पुराना नियम: प्रारंभ में SEZ केवल निर्यात के लिए थे।
    • नया नियम: सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता अब भारत में बिक्री कर सकते हैं।
  • इन परिवर्तनों का उद्देश्य अधिक निवेश आकर्षित करना, भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और विदेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भरता कम करना है।

विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) देश के भीतर निर्दिष्ट क्षेत्र हैं, जिनका व्यापार और संबंधित कानून देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं।
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) अधिनियम, 2005 और SEZ नियम, 2006 भारत में निर्यात को बढ़ावा देने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तुत किए गए थे।
  • SEZ के उद्देश्य
    • निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं) को बढ़ावा देना।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना।
    • रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।
    • बुनियादी ढाँचे का विकास करना।
    • व्यापार-अनुकूल माहौल के माध्यम से आर्थिक विकास को सुगम बनाना।
  • SEZ के प्रकार
    • बहु-उत्पाद आधारित SEZ (बड़े, विविध उद्योग)।
    • क्षेत्र-विशिष्ट SEZ (जैसे- IT, बायोटेक, रत्न और आभूषण)।
    • लॉजिस्टिक्स के लिए मुक्त व्यापार और भंडारण क्षेत्र (FTWZ)।
  • SEZ अधिनियम, 2005 और SEZ नियम 2006 की मुख्य विशेषताएँ
    • कानूनी ढाँचा: SEZ के लिए एक स्थिर नीतिगत वातावरण प्रदान करता है।
    • सिंगल-विंडो क्लीयरेंस: SEZ डेवलपर्स और इकाइयों के लिए सरलीकृत अनुमोदन।
    • कर लाभ
      • आयकर छूट: पहले 5 वर्षों के लिए 100% कर छूट, अगले 5 वर्षों के लिए 50% और उसके बाद के 5 वर्षों के लिए 50% पुनर्निवेश छूट।
      • शुल्क-मुक्त आयात/निर्यात: SEZ के विकास, संचालन और रखरखाव के लिए आयात या घरेलू खरीद पर कोई सीमा शुल्क नहीं।
      • GST और अप्रत्यक्ष कर लाभ: GST के तहत छूट (केंद्रीय उत्पाद शुल्क, वैट आदि के तहत पहले की छूट)।
    • विदेशी निवेश: अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% FDI की अनुमति है।

विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ

  • सनसेट क्लॉज (वर्ष 2020): अप्रैल 2020 के बाद स्वीकृत नई SEZ इकाइयों को अब आयकर छूट नहीं मिलेगी (मौजूदा इकाइयों को वर्ष 2027 तक लाभ मिलेगा)। इससे निवेशकों के लिए आकर्षण कम हो जाता है।
  • न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) और लाभांश वितरण कर (DDT): वर्ष 2011 में आरोपित किया गया गया, जिससे SEZ डेवलपर्स और इकाइयों के लिए कर लाभ कम हो गए।
  • उच्च भूमि लागत: न्यूनतम क्षेत्र की आवश्यकताएँ (जैसे- बहु-उत्पाद SEZ के लिए 50+ हेक्टेयर) परियोजनाओं को महंगा बनाती हैं।
  • भूमि अधिग्रहण में देरी: विरोध, मुकदमेबाजी और मुआवजा विवाद परियोजनाओं को रोकते हैं।
  • वैश्विक मंदी और प्रतिस्पर्द्धा: वियतनाम, बांग्लादेश और चीन जैसे सस्ते विनिर्माण केंद्र अधिक FDI आकर्षित करते हैं जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धा में कमी आती है
  • सीमित मूल्य संवर्द्धन: कई SEZ उच्च तकनीक विनिर्माण के बजाय कम मूल्य आधारित असेंबलिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

SEZ नीति सुधार पर बाबा कल्याणी समिति

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नीति की समीक्षा के लिए वर्ष 2018 में बाबा कल्याणी समिति का गठन किया गया था।
  • समिति ने नवंबर 2018 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें निर्यात, रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव दिया गया।

बाबा कल्याणी समिति की प्रमुख सिफारिशें

  • SEZ को “रोजगार और आर्थिक एन्क्लेव (3E)” के रूप में ब्रांड के रूप में पुनः स्तःपित करना: केवल निर्यात से ध्यान हटाकर घरेलू बिक्री सहित व्यापक आर्थिक गतिविधि पर ध्यान केंद्रित करना।
    • दोहरे उपयोग की सुविधाओं (निर्यात और घरेलू उत्पादन दोनों) की अनुमति देंना।
  • SEZ नियमों में ढील: न्यूनतम भूमि आवश्यकता को हटाना (पहले बहु-उत्पाद SEZ के लिए 50  हेक्टेयर से अधिक)।
    • छोटे क्षेत्रों में क्षेत्र-विशिष्ट SEZ की अनुमति प्रदान करना (जैसे, शहरी ऊँची इमारतों में IT SEZ)।
  • GST और कर सुधारों के साथ एकीकरण: नए SEZ के लिए सनसेट क्लॉज (वर्ष 2020) से परे आयकर लाभ बढ़ाना।
    • SEZ इकाइयों पर MAT (न्यूनतम वैकल्पिक कर) और DDT (लाभांश वितरण कर) हटाना।
    • GST के तहत SEZ इकाइयों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की अनुमति देंना।
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 
    • SEZ अनुमोदन (केंद्र एवं राज्य दोनों) के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस
    • शीघ्र मंजूरी के लिए ऑनलाइन अनुपालन पोर्टल।
    • लचीले श्रम कानून (जैसे- अनुपालन के लिए स्व-प्रमाणन)।
  • राज्यों की अधिक भूमिका
    • राज्य सरकारों को केंद्र को SEZ प्रस्तावों की सिफारिश करने देना।
    • राज्य-विशिष्ट SEZ नीतियों को प्रोत्साहित करना (उदाहरण के लिए, बंदरगाह-आधारित SEZ के लिए तटीय राज्य)।
  • बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी में सुधार
    • SEZ के पास मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित करना।
    • SEZ इकाइयों के लिए सस्ती बिजली और जल उपलब्ध कराना।

अर्द्धचालक (सेमीकंडक्टर) क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

  • सेमीकंडक्टर आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स का आधार हैं, जो स्मार्टफोन, कंप्यूटर, कार और AI सिस्टम जैसे उपकरणों को शक्ति प्रदान करते हैं।
  • वैश्विक सेमीकंडक्टर उत्पादन का 35% से अधिक हिस्सा चीन से आता है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाएँ कमजोर हो जाती हैं।
  • कोविड-19 के बाद, भारत जैसे देश आयात पर निर्भरता कम करने के लिए चिप निर्माण में आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहे हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.