हाल ही में, भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan-occupied Kashmir) में शक्सगाम घाटी में चीनी सड़क निर्माण का विरोध किया।
संबंधित तथ्य
हाल की उपग्रह छवियों से पता चला है कि चीनी सड़क का निर्माण अघिल दर्रे की तरफ हो रहा था, जिसका निर्माण इस महीने सियाचिन ग्लेशियर के उत्तर के क्षेत्रों की ओर फिर से शुरू हो रहा है।
वर्ष 2018 में यह बताया गया था कि चीन ने सितंबर 2017 और फरवरी 2018 के बीच शक्सगाम घाटी में लगभग 5,163 वर्ग किमी. में लगभग 70 किमी. पक्की सड़क का निर्माण किया था।
अघिल दर्रा
यह काराकोरम में माउंट गॉडविन-ऑस्टेन के उत्तर में स्थित है।
यह लद्दाख को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है।
शक्सगाम घाटी (Shaksgam Valley)
अवस्थिति: शक्सगाम घाटी, एक ‘ट्रांस-काराकोरम’ पथ, रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का हिस्सा है। भारत-चीन युद्ध के एक वर्ष बाद वर्ष 1963 में पाकिस्तान ने इसे चीन को सौंप दिया था।
भारत का रुख: यह भारत के क्षेत्र का एक हिस्सा है और भारत ने वर्ष 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया, जिसके माध्यम से पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस क्षेत्र को चीन को सौंपने का प्रयास किया और लगातार अपनी अस्वीकृति व्यक्त की है।
सियाचिन ग्लेशियर
अवस्थिति: यह चीन और पाकिस्तान के बीच स्थित भारतीय क्षेत्र का एक भाग है। यह हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में पॉइंट NJ9842 के ठीक उत्तर-पूर्व में स्थित है, जहाँ भारत और पाकिस्तान के बीच LOC समाप्त होती है।
यह उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर स्थित है। इसका उद्गम 6,115 मीटर की ऊँचाई पर, इंदिरा रिज पर स्थित एक कोल (निम्न बिंदु) इंदिरा कोल वेस्ट के आधार पर होता है।
यह महान जल निकासी विभाजन के ठीक दक्षिण में स्थित है, जो काराकोरम के बड़े पैमाने पर हिमाच्छादित हिस्से में यूरेशियन प्लेट को भारतीय उपमहाद्वीप से अलग करता है जिसे कभी-कभी “तीसरा ध्रुव” भी कहा जाता है।
यह नुब्रा नदी का उद्गम स्थल है।
द्वारा प्रशासित: यह वर्ष 1984 (ऑपरेशन मेघदूत) से भारत के प्रशासन के अधीन है।
महत्त्व
यह विश्व का सबसे ऊँचा युद्धक्षेत्र है।
ताजिकिस्तान में फेडचेंको ग्लेशियर के बाद यह दुनिया के गैर-ध्रुवीय क्षेत्रों में दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर है।
पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच वर्ष 2020 के गतिरोध ने सियाचिन पर नियंत्रण को भारत के लिए और भी महत्त्वपूर्ण बना दिया है।
बढ़ती चिंता: चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर, विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर निर्माण और तैनाती की है, जिससे देपसांग और दौलत बेग ओल्डी में भारतीय चौकियों को खतरा है।
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