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Lokesh Pal February 07, 2025 03:48 11 0
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2026-27 से प्राथमिक राजकोषीय आधार के रूप में राजकोषीय घाटे से ऋण-से-GDP अनुपात में परिवर्तन की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2031 तक ऋण-से-GDP अनुपात को 50±1% तक कम करना है।
राजकोषीय घाटे से ऋण-GDP अनुपात को प्राथमिक राजकोषीय आधार के रूप में अपनाने से भारत की राजकोषीय स्थिरता और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है। संरचित ऋण-कटौती रणनीति को अपनाकर, सरकार का लक्ष्य वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना, ऋण-योग्यता में सुधार करना और विकासोन्मुख निवेशों के लिए राजकोषीय स्थान बनाना है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक लचीलापन और जिम्मेदार ऋण प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।
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