उद्यमी और पायलट ‘गोपी थोटाकुरा’ ब्लू ओरिजिन कंपनी के NS-25 मिशन पर एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं।
संबंधित तथ्य
अंतरिक्ष पर्यटन के लिए दूसरे भारतीय का चयन: थोटाकुरा को NS-25 मिशन के लिए छह चालक दल के सदस्यों में से एक के रूप में चुना गया है, जिसकी लॉन्च तिथि अभी घोषित नहीं की गई है।
यदि मिशन सफल रहा तो थोटाकुरा अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा थे, जिन्होंने वर्ष 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान पर ‘सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन’ के लिए उड़ान भरी थी।
अंतरिक्ष पर्यटन का विकास: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2023 में अंतरिक्ष पर्यटन बाजार का मूल्य 848.28 मिलियन डॉलर था। वर्ष 2032 तक इसके बढ़कर 27,861.99 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
अंतरिक्ष पर्यटन
कार्मन रेखा (Kármán Line): यह भूमि से लगभग 100 किलोमीटर ऊपर स्थित है और इसे पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच की सीमा माना जाता है।
परिचय: अंतरिक्ष पर्यटन विमानन क्षेत्र का एक भाग है, जो पर्यटकों को अंतरिक्ष यात्री बनने और मनोरंजन, अवकाश या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष यात्रा का सुखद अनुभव अवसर प्रदान करता है।
अंतरिक्ष पर्यटन के प्रकार
उप-कक्षीय अंतरिक्ष यान: यह यात्रियों को कार्मन रेखा से ठीक आगे ले जाता है। यात्रियों को बाहरी अंतरिक्ष में कुछ मिनट बिताने और फिर पृथ्वी पर वापस आने का मौका मिलता है।
एनएस-25 मिशन, एक उप-कक्षीय मिशन है।
थोटाकुरा और अन्य चालक दल के सदस्यों को ‘ब्लू ओरिजिन’ द्वारा विशेष रूप से अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विकसित एक पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य उप-कक्षीय प्रक्षेपण यान ‘न्यू शेपर्ड’ के माध्यम से बाहरी अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
कक्षीय अंतरिक्ष यान: यह यात्रियों को कार्मन रेखा से कहीं अधिक आगे ले जाता है। आमतौर पर, यात्री लगभग 1.3 मिलियन फीट की ऊँचाई पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह से अधिक समय बिता सकते हैं।
सितंबर 2021 में, स्पेस एक्स फाल्कन-9, चार यात्रियों को 160 किमी. की ऊँचाई पर ले गया जहाँ उन्होंने पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए तीन दिन बिताए।
अंतरिक्ष पर्यटन में चुनौतियाँ
उच्च लागत: वर्तमान में, अंतरिक्ष पर्यटन महंगा है। एक यात्री को आम तौर पर बाहरी अंतरिक्ष तक पहुँचने के लिए कम-से-कम दस लाख डॉलर का भुगतान करना पड़ता है, जो लगभग हर किसी की पहुँच से बाहर है।
पर्यावरणीय चिंताएँ: अंतरिक्ष पर्यटन से पर्यावरणीय क्षति हो सकती है क्योंकि रॉकेट गैसीय और ठोस रसायनों को सीधे ऊपरी वायुमंडल में उत्सर्जित करते हैं।
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) द्वारा किए गए वर्ष 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, रॉकेट प्रक्षेपण से निकलने वाला कार्बन अन्य स्रोतों की तुलना में वातावरण को गर्म करने में कहीं अधिक प्रभावी है।
सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: एस्ट्रोनॉमी मैगजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च सुरक्षा मानकों के बावजूद, नवंबर 2023 तक कुल 676 लोग अंतरिक्ष में गए हैं और उनमें से 19 की मृत्यु हो गई है।
इसका अर्थ यह है कि लगभग 3% अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष उड़ान के दौरान मृत्यु हो गई, जो काफी अधिक मृत्यु दर है।
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