100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

स्पेसएक्स का फाल्कन-9 तथा भारत का जीसैट 20 (SpaceX’s Falcon ­9 to launch India’s GSAT­ 20)

Samsul Ansari January 04, 2024 06:24 259 0

संदर्भ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) पहली बार स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट पर एक संचार उपग्रह, GSAT-20 (जिसका नाम बदलकर GSAT-N2 रखा गया है) लॉन्च करेगी।

माँग संचालित ‘सैटेलाइट मोड’: 

  • इसका अर्थ है कि जब उपग्रह लॉन्च किया जाएगा, उसी समय यह पता चल जाएगा कि अंतिम उपयोगकर्त्ता कौन होंगे और उपयोग और प्रतिबद्धता किस प्रकार की होगी ताकि कक्षा में जाने के बाद इस उपग्रह क्षमता का बहुत प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सके।

संबंधित तथ्य 

  • जीसैट-20 NSIL द्वारा सक्षम दूसरा “माँग संचालित” उपग्रह प्रक्षेपण होगा।
    • जून 2022 में NSIL ने GSAT-24 के रूप में पहला माँग संचालित उपग्रह मिशन लॉन्च किया, जिसकी पूरी क्षमता टाटा प्ले, एक डायरेक्ट-टू-होम ब्रॉडकास्टर द्वारा खरीदी गई थी।

जीसैट 20 (GSAT-20)

  • एक उच्च प्रवाह क्षमता युक्त उपग्रह (हाई-थ्रूपुट सैटेलाइट) : यह एक उच्च प्रवाह क्षमता (का-बैंड) युक्त उपग्रह है, जो उच्च गति ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल वीडियो और ऑडियो ट्रांसमिशन प्रदान करता है।
  • वित्तीयन:  न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL)।

  • हाई-थ्रूपुट सैटेलाइट (HTS): यह एक संचार उपग्रह है, जो आवंटित कक्षीय स्पेक्ट्रम की समान मात्रा के लिए पारंपरिक ‘फिक्स्ड सैटेलाइट सर्विस’ (FSS) की तुलना में अधिक प्रवाह क्षमता प्रदान करता है, जिससे प्रति बिट लागत में काफी कमी आती है।
  • का-बैंड: यह 27 गीगाहर्ट्ज से 40 गीगाहर्ट्ज तक की आवृत्तियों की शृंखला को संदर्भित करता है। ‘का-बैंड’ का मुख्य उपयोग उपग्रहों से संचार करना है।

  • विशिष्टताएँ: यह लगभग 48 gbps की HTS क्षमता प्रदान करता है।
  • उद्देश्य: देश की ब्रॉडबैंड संचार आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • महत्त्व
    • यह अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह एवं लक्षद्वीप सहित पूरे देश में उच्च डेटा ट्रांसमिशन क्षमता प्रदान करेगा।
    • इसे पूरे भारत में वायुमंडलीय और समुद्री कनेक्टिविटी (IFMC) एवं ‘सेलुलर बैकहॉल’ सेवाओं का समर्थन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
    • इसका उद्देश्य दूरदराज और पहले से असंबद्ध क्षेत्रों की चुनौतीपूर्ण सेवा आवश्यकताओं को पूरा करना, डिजिटल विभाजन को पाटना और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।

फाल्कन-9 (Falcon-9)

  • एक पुन: प्रयोज्य रॉकेट: यह दुनिया का पहला कक्षीय वर्ग पुन: प्रयोज्य, दो चरणीय रॉकेट है, जिसे पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे लोगों और पेलोड के विश्वसनीय और सुरक्षित परिवहन के लिए स्पेसएक्स द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
    • यह जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में 8,300 किलोग्राम (दोगुना वजन) ले जा सकता है।
  • महत्त्व: पुन: प्रयोज्यता संबंधी गुण स्पेसएक्स को रॉकेट के सबसे महंगे हिस्सों को फिर से उड़ाने की अनुमति प्रदान करती है, जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष पहुँच की लागत कम हो जाती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.