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स्पैडेक्स मिशन: ISRO ने दूसरी बार सफलतापूर्वक उपग्रहों की डॉकिंग की

Lokesh Pal April 23, 2025 02:59 55 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दो उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है, जो स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) मिशन का हिस्सा हैं।

संबंधित तथ्य

  • इस वर्ष के प्रारंभ में, अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत डॉकिंग प्रयोग करने वाला चौथा देश बन गया।

सेटेलाइट डॉकिंग (Satellite Docking)

  • यह कक्षा में दो अंतरिक्ष यानों को भौतिक रूप से जोड़ने की प्रक्रिया है। इसमें उन्हें एक ही कक्षा में लाना, उन्हें ठीक से संरेखित करना और फिर डॉकिंग तंत्र का उपयोग करके उन्हें जोड़ना शामिल है।
  • यह मैनुअल (अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा नियंत्रित) या स्वायत्त (ऑनबोर्ड सेंसर और प्रोसेसर का उपयोग करके) हो सकता है।
  • ‘सैटेलाइट अनडॉकिंग’ दो अंतरिक्ष यानों का नियंत्रित पृथक्करण है, जो पहले डॉक किए गए थे।
    • इसमें डॉकिंग तंत्र को अनलॉक करना और अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर ले जाने के लिए थ्रस्टर्स का उपयोग करना शामिल है।

स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) मिशन के बारे में

  • यह इसरो द्वारा स्वायत्त डॉकिंग तकनीक विकसित करने का एक मिशन है।
  • ‘स्पैडेक्स’ भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष अन्वेषण लक्ष्यों के लिए महत्त्वपूर्ण है, जिसमें मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान और उपग्रह रखरखाव शामिल है।
  • डॉकिंग का इतिहास
    • सोवियत संघ ने वर्ष 1967 में अंतरिक्ष में पहली सफल डॉकिंग संपन्न की।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका ने वर्ष 1975 में अपोलो-सोयुज परीक्षण परियोजना के साथ इसका अनुसरण किया।
    • तब से डॉकिंग तकनीक में काफी विकास हुआ है और यह अधिक स्वचालित तथा विश्वसनीय बन गई है।
  • स्पैडेक्स (SpaDeX) मिशन विवरण
    • ISRO ने स्पैडेक्स मिशन के लिए दो छोटे उपग्रह विकसित और तैनात किए।
      • SDX0101 (चेजर): इस उपग्रह को सक्रिय रूप से अपने समकक्ष के साथ डॉक करने के लिए डिजाइन किया गया है।
      • SDX0102 (टारगेट): यह उपग्रह अपेक्षाकृत स्थिर रहता है और डॉकिंग पोर्ट से सुसज्जित है।
    • प्रत्येक उपग्रह का वजन लगभग 400 किलोग्राम है और इन्हें स्वायत्त रूप से पूर्वनिश्चित समय एवं स्थान पर मिलन (Autonomous Rendezvous) हेतु संचालन की अनुमति देने के लिए इसे अलग कक्षाओं में लॉन्च किया गया था।
    • उपग्रह एक-दूसरे के साथ सावधानीपूर्वक संरेखित होंगे ताकि ‘स्पेस हैंडशेक’ किया जा सके और कनेक्ट किया जा सके।
  • उद्देश्य
    • स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके निम्न भू कक्षा में दो उपग्रहों के बीच स्वायत्त बिंदु संचालन, डॉकिंग और अनडॉकिंग का प्रदर्शन करना। 
    • डॉक किए गए अंतरिक्ष यान के बीच विद्युत शक्ति के हस्तांतरण को मान्य करना, जो लंबी अवधि के और सहकारी अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक है। 
    • डॉकिंग के बाद जुड़े हुए अंतरिक्ष यान प्रणाली की स्थिरता और समग्र नियंत्रण का परीक्षण करना, मॉड्यूलर अंतरिक्ष संरचनाओं के लिए स्थितियों का अनुकरण करना। 
    • अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, सैटेलाइट सर्विसिंग, पेलोड शेयरिंग और मानवयुक्त मिशन लॉजिस्टिक्स जैसी भविष्य की तकनीकों के विकास का समर्थन करना।

स्पैडेक्स (SpaDeX) की कार्यप्रणाली

  • प्रक्षेपण और तैनाती: दोनों उपग्रहों को एक रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया और पास की कक्षाओं में स्थापित किया गया।
  • स्वायत्त बिंदु संचालन युद्धाभ्यास: चेजर उपग्रह (SDX01) टारगेट (SDX02) के साथ संरेखित करने के लिए स्वायत्त अभ्यास करता है।
  • डॉकिंग: उपग्रह डॉकिंग तंत्र का उपयोग करके संपर्क करते हैं और जुड़ते हैं।
  • डॉकिंग के बाद के संचालन: तंत्र एकीकरण, स्थिरता, शक्ति हस्तांतरण और पेलोड संचालन के लिए परीक्षण।
  • अनडॉकिंग: उपग्रहों को व्यक्तिगत रूप से आगे के प्रयोगों को जारी रखने के लिए अनडॉक किया जाता है।

डॉकिंग प्रौद्योगिकी का महत्त्व

  • डॉकिंग तकनीक अंतरिक्ष स्टेशनों, मानवयुक्त मिशनों और गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण की असेंबली और संचालन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • यह अंतरिक्ष यान को जोड़ने, चालक दल के स्थानांतरण, पुनः आपूर्ति मिशन, कक्षीय क्षतिपूर्ति और अंतरिक्ष में मॉड्यूलर संरचनाओं के निर्माण को सक्षम करने की अनुमति देता है।
  • यह नमूना वापसी मिशनों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहाँ आकाशीय पिंडों से एकत्र किए गए पेलोड को मॉड्यूल के बीच स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है।

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर प्रभाव

  • यह भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान के लिए तकनीकी आधार तैयार करता है।
  • यह भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के भविष्य के विकास और संचालन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • यह मिशन भारत की इन-ऑर्बिट सर्विसिंग करने की क्षमता को मजबूत करता है, जिसमें उपग्रहों में ईंधन भरना, उनकी मरम्मत करना और उनका जीवनकाल बढ़ाना शामिल है।
  • स्पैडेक्स (SpaDeX) उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) के भारत के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित है।

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