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Lokesh Pal
April 08, 2025 02:44
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हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उज्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (IPU) की ऐतिहासिक 150वीं सभा में ‘सामाजिक विकास और न्याय के लिए संसदीय कार्रवाई’ (Parliamentary Action for Social Development and Justice) को संबोधित किया।
भारतीय संविधान की भावना न्यायपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी समाज की इसकी परिकल्पना में निहित है। इस भावना को बनाए रखने के लिए, संस्थाओं को अपनी संवैधानिक सीमाओं के भीतर काम करना चाहिए और साथ ही उन लोगों की आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी बने रहना चाहिए जिनकी वे सेवा करते हैं।
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