हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization- WMO) ने ‘एशिया में जलवायु की स्थिति 2023’ रिपोर्ट प्रकाशित की है।
संबंधित तथ्य
एशिया में तापमान वृद्धि की प्रवृत्ति देखी जा रही है, जो वर्ष 1961 से 1990 की अवधि की तुलना में वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी तेज है।
एशिया में जलवायु की स्थिति के बारे में
प्रकाशन: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
उद्देश्य: पूरे एशिया में जलवायु स्थितियों एवं रुझानों की वर्तमान स्थिति का आकलन करना तथा प्रस्तुत करना।
विस्तार क्षेत्र: इसमें तापमान पैटर्न, वर्षा स्तर, चरम मौसम की घटनाएँ तथा पारिस्थितिकी तंत्र, एवं कृषि मानव आबादी पर उनके प्रभाव जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
डेटा स्रोत: रिपोर्ट मौसम स्टेशनों, उपग्रह अवलोकनों, जलवायु मॉडल एवं क्षेत्र में विशेषज्ञों द्वारा किए गए वैज्ञानिक अनुसंधान से एकत्र किए गए डेटा पर निर्भर करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
वैश्विक जलवायु
समुद्र स्तर: वर्ष 2023 में, वैश्विक औसत समुद्र स्तर निरंतर दर (जनवरी 1993 से मई 2023 की अवधि में 3.43 ± 0.3 मिमी/वर्ष) से बढ़ती रही।
हालाँकि, समुद्र के स्तर में वृद्धि सभी क्षेत्रों में एक समान नहीं है।
सर्वाधिक आपदा प्रभावित क्षेत्र: एशिया वर्ष 2023 में मौसम, जलवायु एवं जल संबंधी आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा।
हीट वेव का तीव्र होना: वर्ष2023 में एशिया में हीट वेव का प्रभाव बढ़ गया है।
प्रमुख आपदाएँ: बाढ़ एवं तूफान सबसे सामान्य आपदाएँ थीं, जिससे सबसे अधिक संख्या में जनधन का नुकसान हुआ।
आपदा संबंधी आँकड़े: वर्ष 2023 में एशिया में 79 मौसम संबंधी आपदाएँ आईं, जिनमें से 80% से अधिक घटनाएँ बाढ़ और तूफान से हुईं।
इन आपदाओं के परिणामस्वरूप 2,000 से अधिक मौतें हुईं एवं 9 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हुए।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि जलवायु परिवर्तन चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति एवं गंभीरता को बढ़ा रहा है।
समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि: वर्ष 2023 में, उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर में क्षेत्र का औसत समुद्री सतह का तापमान रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया, समुद्री हीट वेव ने आर्कटिक महासागर को भी प्रभावित किया।
उत्तर-पश्चिम अरब सागर, फिलीपींस सागर एवं जापान के पूर्व के समुद्र जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में समुद्र की ऊपरी सतह (0 मीटर-700 मीटर) काफी तेजी से गर्म हो रही है।
इन क्षेत्रों में, वैश्विक औसत से तीन गुना अधिक तेजी से तापमान बढ़ रहा है।
वर्षा: 2023 में, कई क्षेत्रों में औसत से कम वर्षा हुई
तुरान तराई क्षेत्र (तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान)
हिंदू कुश (अफगानिस्तान, पाकिस्तान)
हिमालय
गंगा के आसपास के क्षेत्र एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के निचले मार्ग (भारत तथा बांग्लादेश)
अराकान पर्वत (म्याँमार)
मेकांग नदी का निचला जल मार्ग
दक्षिण-पश्चिम चीन में सूखा: वर्ष2023 में, दक्षिण-पश्चिमी चीन में सूखे का अनुभव हुआ, पूरे वर्ष सामान्य से कम वर्षा हुई।
तापमान विसंगति: वर्ष2023 में पूरे एशिया में वार्षिक औसत सतही तापमान अब तक दर्ज किया गया दूसरा सबसे अधिक तापमान था।
यह वर्ष 1991-2020 बेसलाइन से 0.91 डिग्री सेल्सियस एवं वर्ष 1961-1990 बेसलाइन से 1.87 डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया।
भीषण हीट वेव
जापान में रिकॉर्ड गर्मी
जापान एवं कजाकिस्तान दोनों ने वर्ष 2023 में अपने अब तक के सबसे गर्म वर्षों का अनुभव किया।
पूरे देश में तापमान अविश्वसनीय रूप से उच्च स्तर पर पहुँच गया।
चीन में उच्च तापमान की घटनाएँ
चीन में गर्मियों के दौरान अत्यधिक गर्मी की 14 घटनाएँ देखी गईं।
देश के लगभग 70% मौसम केंद्रों ने तापमान 40℃ से अधिक दर्ज किया।
16 स्टेशनों ने अपने पिछले तापमान के रिकॉर्ड तोड़ दिए।
भारतीय जलवायु
चरम घटना: भारत में बाढ़ मुख्य कारण थी, जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हुई।
उत्तरी हिंद महासागर बेसिन में, अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान मोचा ने म्याँमार के रखाइन तट को प्रभावित किया।
भीषण हीट वेव: अप्रैल एवं जून में भीषण हीट वेव के कारण भारत में हीटस्ट्रोक के कारण लगभग 110 मौतें हुईं।
दक्षिण-पूर्व एशिया में व्यापक गर्मी: अप्रैल एवं मई के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया के कई क्षेत्रों में बड़ी और लंबे समय तक चलने वाली हीट वेव प्रभावित हुईं।
यह अत्यधिक उच्च तापमान के साथ बांग्लादेश तथा पूर्वी भारत से दक्षिणी चीन तक पहुँचा, इस दौरान रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई।
समुद्र स्तर: वर्ष2023 में, बंगाल की खाड़ी में समुद्र स्तर में वृद्धि क्षेत्र में दूसरी सबसे अधिक थी, जो वैश्विक औसत से 30 प्रतिशत अधिक थी।
वर्षा: भारत में ग्रीष्म-मानसून में वर्षा औसत से कम थी।
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