100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

वर्ष 2025 में भारत में पर्यावरण की स्थिति के आँकड़े

Lokesh Pal June 06, 2025 05:28 34 0

संदर्भ

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, ‘विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र’ (CSE) तथा ‘डाउन टू अर्थ’ (DTE) ने वर्ष 2025 में भारत में पर्यावरण की स्थिति पर आँकड़े प्रकाशित किए हैं।

रिपोर्ट के बारे में

  • इस रिपोर्ट में भारत के पर्यावरण क्षरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों और आर्थिक विषमताओं की गंभीर तस्वीर प्रस्तुत की गई है, जो नीतिगत हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
  • चार श्रेणियों में 48 संकेतकों के आधार पर: पर्यावरण, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, मानव विकास।
  • कोई भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट नहीं है, प्रदर्शन असमान और चिंताजनक है।
  • प्रगति का आकलन करने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी डेटा का उपयोग करने पर बल दिया गया है।

पर्यावरण संकट

  • वर्ष 2024 भारत का अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा, जिसमें 25 राज्यों में अभूतपूर्व वर्षा हुई।
  • जलवायु प्रवास: वर्ष 2024 में 88% दिनों में चरम मौसम की घटनाएँ घटित हुई, जिसके कारण 5.4 मिलियन आंतरिक विस्थापन हुए, जिनमें से लगभग आधे केवल असम राज्य में हैं।
    • बाढ़ के कारण दो-तिहाई विस्थापन हुआ, जो वर्ष 2013 के बाद से जलवायु से संबंधित सबसे अधिक प्रवासन है।
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: वैश्विक उत्सर्जन में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2023 में 7.8% तक पहुँच गई, जो वर्ष 1970 के बाद सर्वाधिक है।
    • उत्सर्जन की वृद्धि दर में तेजी आई है, जो वर्ष 2020 से 2023 के बीच लगभग 1 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
  • वनोन्मूलन: वर्ष 2023-24 में 29,000 हेक्टेयर वन भूमि समाप्त हुई, जो एक दशक में सबसे अधिक है, मुख्यतः झारखंड और उत्तर प्रदेश में।
  • वन्य-जीव संकट: मानव-पशु संघर्ष में वृद्धि हुई, हाथियों के हमलों के कारण 36% अधिक मौतें हुईं (वर्ष 2020-23 बनाम वर्ष 2023-24) और बाघों के हमलों में 82 लोग मारे गए।
  • निगरानी में शामिल नदी स्थलों में से लगभग 50% में जहरीली भारी धातुएँ पाई गईं (वर्ष 2022)।
  • ई-कचरा 7 वर्षों में 147% बढ़ा; प्लास्टिक कचरा 4.14 मिलियन टन (वर्ष 2022-23) तक पहुँच गया।

कृषि और भूमि उपयोग

  • सिक्किम जैविक कृषि और सतत् भूमि उपयोग प्रथाओं में सबसे आगे है।
    • लेकिन यह किसान कल्याण में पिछड़ा हुआ है, जो विकास में असंतुलन को दर्शाता है।
  • भूजल की कमी: 135 जिले 40 मीटर से अधिक गहराई से भूजल निकालते हैं, जो वर्ष 2014 से लगभग दोगुना है।
    • अस्थायी जल उपयोग और बढ़ते जल संकट को दर्शाता है।

प्रदूषण और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट

  • वायु प्रदूषण संकट: दिल्ली समेत 13 राजधानियों में रहने वाले लोग वर्ष 2021 से प्रत्येक तीसरे दिन में एक बार अस्वच्छ वायु में साँस ले रहे हैं।
    • खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली में जीवन प्रत्याशा 8 वर्ष और लखनऊ में 6 वर्ष कम हो गई है।
  • स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर अत्यधिक भार: भारत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की 36% कमी और विशेषज्ञों की 80% कमी है।
    • स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च बढ़कर 45% हो गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला दो-तिहाई खर्च व्यक्तियों द्वारा वहन किया जा रहा है।
  • भारत में वर्ष 2020-21 में 3.06 मिलियन अतिरिक्त मौतें हुईं, जो आधिकारिक कोविड-19 महामारी से होने वाली मौतों से छह गुना अधिक है।

आर्थिक और सामाजिक कमजोरियाँ

  • मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किए जाने पर वेतनभोगी और स्व-नियोजित श्रमिकों (वर्ष 2017-2023) की आय में गिरावट आई है।
  • भारत का 73% कार्यबल अनौपचारिक है, जिसमें से आधे से अधिक के पास बुनियादी रोजगार सुरक्षा का अभाव है।
  • लैंगिक असमानता: केवल 20% महिलाएँ पूर्णकालिक कार्यरत हैं, जबकि 60% पुरुष पूर्णकालिक कार्यरत हैं।

अनुशंसाएँ और सुझाए गए उपाय

  • विस्थापन और चरम मौसम प्रभावों को कम करने के लिए जलवायु अनुकूलन रणनीतियों को मजबूत करना।
    • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) में उत्सर्जन को कम करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए 8 मिशन (जैसे- सौर मिशन, ग्रीन इंडिया मिशन) शामिल हैं।
  • अपशिष्ट प्रबंधन कानूनों के सख्त प्रवर्तन सहित प्रदूषण नियंत्रण उपायों को बढ़ाना।
    • रवांडा में नॉन-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर प्रतिबंध (वर्ष 2008) के कारण शहर स्वच्छ हुए और इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिला।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना और जेब से होने वाले खर्च को कम करना।
    • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) 500 मिलियन गरीबों को अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे जेब से होने वाले खर्च में 60% तक की कमी आती है।
  • कार्यबल को औपचारिक बनाना और अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • सामाजिक सुरक्षा संहिता (वर्ष 2020) के माध्यम से गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना, डिजिटल वेतन भुगतान को बढ़ावा देना (जैसे- मनरेगा के लिए DBT)।
  • साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को सक्षम करने के लिए डेटा पारदर्शिता में सुधार करना।

विश्व पर्यावरण दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान की गई थी।
  • वर्ष 1973 में पहला विश्व पर्यावरण दिवस ‘केवल एक पृथ्वी’ (Only One Earth) थीम के साथ मनाया गया था।
  • इसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा किया जाता है।
  • थीम: विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का विषय है:- ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराना’ (Beat Plastic Pollution)
  • मेजबानी: वर्ष 2025 में विश्व पर्यावरण दिवस का मेजबान कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) है। 

निष्कर्ष

वर्ष 2025 के आँकड़ों में भारत के पर्यावरण की स्थिति एक महत्त्वपूर्ण चेतावनी है। हालाँकि भारत ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है, लेकिन खराब होती जलवायु, स्वास्थ्य और आर्थिक संकेतक तत्काल कार्रवाई की माँग करते हैं। नीति निर्माताओं को राष्ट्र के लिए एक अनुकूलित भविष्य को सुनिश्चित करने हेतु सतत् विकास, समान विकास और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.