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वैश्विक जलवायु की स्थिति 2023: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)

Lokesh Pal March 21, 2024 05:45 299 0

संदर्भ

हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization-WMO) ने ‘स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट- 2023’ (जलवायु रिपोर्ट की वार्षिक स्थिति) जारी की।

संबंधित तथ्य 

  • इससे पहले, WMO ने वैश्विक जलवायु रिपोर्ट, 2023 की अनंतिम स्थिति जारी की।
  • मुख्य संकेतक: रिपोर्ट जलवायु प्रणाली के प्रमुख संकेतकों पर केंद्रित है, जिसमें ग्रीनहाउस गैस (GreenHouse Gas- GHG) स्तर, सतह का तापमान, समुद्र की गर्मी, समुद्र के स्तर में वृद्धि, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ का आवरण, ग्लेशियर का पीछे हटना/सिकुड़ना आदि शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • सबसे गर्म वर्ष: रिपोर्ट में पाया गया कि वर्ष 2023 सबसे गर्म वर्ष था। इस वर्ष (2023) जलवायु प्रणाली संकेतकों के कई रिकॉर्ड टूट गए।
  • चरम घटनाएँ: वर्ष 2023 में दुनिया के कई हिस्सों में चरम मौसम की घटनाओं ने पानी, खाद्य सुरक्षा और मानव कल्याण को प्रभावित किया। इनमें महत्त्वपूर्ण बाढ़, अत्यधिक गर्मी के कारण सूखा और संबंधित वनाग्नि शामिल हैं।
  • जलवायु वित्त पर: वर्ष 2021-2022 में, वैश्विक जलवायु प्रवाह लगभग 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो कि वर्ष 2019-2020 की तुलना में लगभग दोगुना है।
    • जलवायु वित्त में इस बढ़ती गति के बावजूद, ट्रैक किया गया प्रवाह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1% ही दर्शाता है।
    • एक उच्च वित्तपोषण अंतर: अनुमानित जलवायु वित्त आवश्यकताओं के साथ ट्रैक किए गए जलवायु वित्त प्रवाह की तुलना करने से एक महत्त्वपूर्ण वित्तपोषण अंतर स्पष्ट होता है।
      • 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक आने के लिए एक औसत परिदृश्य में, वार्षिक जलवायु वित्त निवेश को छह गुना से अधिक बढ़ाने की जरूरत है, वर्ष 2030 तक लगभग 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2050 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचाना होगा।

    • निष्क्रियता की लागत (Cost of Inaction): यह लागत वित्तपोषण अंतर से भी अधिक है। वर्ष  2025-2100 की अवधि को मिलाकर, निष्क्रियता की कुल लागत 1,266 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।
      • यह वास्तविक लागत के कम होने की संभावना है, क्योंकि इसमें प्रकृति, जैव विविधता और संघर्ष तथा प्रवासन से होने वाले नुकसान को शामिल नहीं किया गया है।
  • जलवायु निगरानी और नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि
    • उच्च वृद्धि: वर्ष 2023 में, नवीकरणीय क्षमता में वृद्धि वर्ष 2022 से लगभग 50% बढ़कर 510 गीगावाट हो गई, जो पिछले दो दशकों में देखी गई उच्चतम दर है।
    • सामूहिक कार्रवाई: हाल ही में कोपेनहेगन जलवायु मंत्रिस्तरीय बैठक में, वैश्विक नेता एवं मंत्री त्वरित जलवायु कार्रवाई पर ध्यान देने के लिए दुबई में COP-28 के बाद पहली बार एकसाथ  एक मंच पर आए
    • कार्य योजनाएँ: फरवरी 2025 की समय सीमा से पहले देशों के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions – NDC) को बढ़ाना, साथ ही राष्ट्रीय योजनाओं को कार्रवाई में बदलने के लिCOP-29 में वित्तपोषण पर एक महत्त्वाकांक्षी समझौता करना भी शामिल है।

    • चुनौती: विशेषकर विकासशील देशों में राष्ट्रीय शमन और अनुकूलन योजनाओं को सूचित करने के लिए जलवायु सेवाओं को वितरित करने तथा उपयोग करने की क्षमता की कमी के कारण जलवायु कार्रवाई में बाधा आ रही है।

प्रमुख संकेतकों में स्थिति और भिन्नता के बारे में

  • ग्रीन हाउस गैसें (GHGs)
    • ग्लोबल वार्मिंग का कारण: वायुमंडल में GHGs का अभूतपूर्व स्तर पृथ्वी के तेजी से गर्म होने का मुख्य कारण है।
      • कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसें वायुमंडल में आने वाले सौर विकिरण को रोकती हैं और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती हैं।
    • वर्ष 2022 में चरम सांद्रता: उपरोक्त ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता वर्ष 2022 में रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर पहुँच गई।
      • नाइट्रस ऑक्साइड की वृद्धि दर सबसे ऊँची थी और इसके बाद मेथेन का स्थान था।
      • हालाँकि, कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि दर 10 वर्ष के औसत से थोड़ी कम थी।
  • सतह का तापमान
    • उच्च वृद्धि: वर्ष 2023 के लिए वैश्विक औसत सतह के पास का तापमान 1.45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जो अब तक के रिकॉर्ड (पूर्व-औद्योगिक स्तर से ऊपर) में सबसे अधिक है।

    • जिम्मेदार कारक: वायुमंडल में GHG सांद्रता में वृद्धि (प्राथमिक कारण), ला नीना से बदलाव और पिछले वर्ष अल नीनो   की शुरुआत

  • अल नीनो और ला नीना: ये उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में आवर्ती जलवायु पैटर्न के गर्म और ठंडे चरण हैं।
    • अल नीनो भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से गर्म होने को संदर्भित करता है।

  • महासागर की ऊष्मा सामग्री
    • गर्म होना: चूँकि महासागरों ने वर्ष 1971 के बाद से GHG द्वारा उत्पन्न लगभग 90% अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लिया है, वे लगातार गर्म होते जा रहे हैं और उनकी ऊष्मा की मात्रा में वृद्धि हुई है।
    • उच्चतम स्तर: वर्ष 2023 में, महासागरीय ऊष्मा सामग्री (Ocean Heat Content-OHC), महासागरों द्वारा संगृहीत ऊष्मा की कुल मात्रा, 65-वर्षीय अवलोकन रिकॉर्ड में अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई।

      • उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत ऋतु के अंत और वर्ष के अंत के बीच वैश्विक औसत समुद्र-सतह तापमान भी रिकॉर्ड स्तर पर था।
    • गैर-एकरूपता: ग्लोबल वार्मिंग की दर प्रत्येक जगह समान नहीं है। वर्ष 2023 में उत्तरी एवं दक्षिण अटलांटिक महासागर में सबसे तीव्र गर्मी दर्ज की गई।
      • प्रशांत महासागर के गर्म होने के अलावा, भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर असामान्य रूप से गर्म रहे।
  • महासागरीय लवणता
    • लवणता में वृद्धि: समुद्र की अम्लता में भी वृद्धि हो रही है। महासागर वायुमंडल में वार्षिक मानवजनित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का लगभग 25% अवशोषित करता है।
    • महासागरीय अम्लीकरण: GHGs समुद्री जल के साथ प्रतिक्रिया करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप अम्ल के स्तर में कमी आती है जिसे ‘महासागरीय अम्लीकरण’ कहा जाता है।
    • नकारात्मक परिणाम: जैव विविधता में कमी, समुद्री जीवों के आवासों को नुकसान और मत्स्यपालन एवं जलीय कृषि को खतरे में डालकर खाद्य सुरक्षा सहित जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का बाधित होना।
  • समुद्री हीट वेव
    • औसत दैनिक समुद्री हीटवेव (Marine Heatwave- MHW) अनुभव: गर्म तापमान के कारण, वैश्विक महासागर में औसत दैनिक MHW कवरेज 32% का अनुभव किया गया है।

    • घटना: MHW तब होता है, जब समुद्र के किसी विशेष क्षेत्र की सतह का तापमान कम-से-कम पाँच दिनों के लिए औसत तापमान से 3 या 4 डिग्री सेल्सियस ऊपर बढ़ जाता है।
  • आर्कटिक और अंटार्कटिक समुद्री-बर्फ विस्तार
    • फरवरी 2023 में अंटार्कटिक समुद्री बर्फ की सीमा घटकर 1.79 मिलियन वर्ग किमी.  रह गई
      • वर्ष 2023 के जून से नवंबर की शुरुआत तक यह सीमा रिकॉर्ड निचले स्तर पर रही।

      • सितंबर में वार्षिक अधिकतम 16.96 मिलियन वर्ग किमी. (वर्ष 1991-2020 के औसत से लगभग 1.5 मिलियन वर्ग किमी. कम) और पिछले रिकॉर्ड न्यूनतम अधिकतम से एक मिलियन वर्ग किमी. कम था।
    • आर्कटिक सागर-बर्फ का विस्तार: यह वर्ष 2023 में सामान्य से नीचे रहा, वार्षिक अधिकतम और वार्षिक न्यूनतम विस्तार 45 साल के उपग्रह रिकॉर्ड में क्रमशः पाँचवाँ और छठा सबसे कम था।

  • ग्लेशियर
    • सबसे अधिक नुकसान: वर्ष 2022-2023 में, ग्लेशियरों के वैश्विक समूह के रिकॉर्ड पर सबसे अधिक बर्फ नुकसान को दर्ज किया गया।
    • वार्षिक द्रव्यमान संतुलन (Annual Mass Balance- AMB) में एक नया निम्न स्तर: AMB प्रत्येक वर्ष किसी ग्लेशियर के द्रव्यमान में होने वाली शुद्ध वृद्धि या हानि है। AMB वर्ष 2022-2023 में एक नए निम्न स्तर पर आ गया, जो -1.2 m w.e. (Meters of Water Equivalent) था।
    • विशेष रूप से प्रभावित: उत्तरी अमेरिका और यूरोप में ग्लेशियर
      • स्विट्जरलैंड में, पिछले दो वर्षों में ग्लेशियरों ने अपनी शेष मात्रा का लगभग 10% हिस्सा खो दिया है।

वर्ष 2023 मौसम और जलवायु खतरों के प्रभाव

  • विश्व द्वारा देखे गए जलवायु संबंधी खतरे: इनमें प्रमुख बाढ़, अत्यधिक गर्मी और सूखा, और संबंधित वनाग्नि शामिल हैं।
    • सूखा: सूखे के कारण 65% से अधिक नुकसान कृषि क्षेत्र में हुआ, जिसमें फसल और पशुधन उत्पादन का नुकसान भी शामिल है।
    • बाढ़, तूफान और चक्रवात: लगभग 20% नुकसान कृषि को हुआ।
      • उदाहरण: तापमान रिकॉर्ड जो चल रही अल नीनो  घटना के साथ मेल खाते हैं, भारत में सामान्य से कम मानसूनी वर्षा के साथ-साथ सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति से जुड़े थे, जिसने जनवरी और फरवरी के दौरान दक्षिणी भारत में रिकॉर्ड तोड़ने वाली गर्मी में योगदान दिया।
  • सामाजिक संकट: मौसम और जलवायु खतरों ने वर्ष 2023 में खाद्य सुरक्षा, जनसंख्या विस्थापन और संवेदनशील आबादी पर प्रभाव को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
    • उदाहरण: जुलाई 2023 में लीबिया पहले से ही खाद्य संकट का सामना कर रहा था, और सितंबर में चक्रवात डैनियल की चपेट में आ गया, जिससे भारी वर्षा हुई और लगभग 3,000 हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में आ गई, विशेष रूप से अल्मार्ज तथा डर्ना क्षेत्रों में। इसका पूर्वी भाग मुख्य फसल क्षेत्र वाला और आजीविका के प्रमुख स्रोत के रूप में जाना जाता है।

वर्ष 2023 में विस्थापन का संकट

  • एशिया में: उष्णकटिबंधीय चक्रवात मोचा बंगाल की खाड़ी में अब तक देखे गए सबसे तीव्र चक्रवातों में से एक था। बांग्लादेश का कॉक्स बाजार, दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी बस्ती, 29,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया।
  • सीरिया में: बर्फीले तूफान और बाढ़ के कारण विस्थापन हुआ जबकि ये लोग पहले से ही देश में लंबे समय से चल रहे संघर्ष से प्रभावित थे।
  • सोमालिया में: लगातार सूखे के परिणामस्वरूप वर्ष 2023 में लगभग 5,31,000 विस्थापन हुए, इसके अलावा 6,53,000 विस्थापन मुख्य रूप से संघर्ष के कारण हुए और फिर वर्षा के मौसम में बाढ़ के कारण दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए।
  • पाकिस्तान में: वर्ष 2022 की मानसूनी बाढ़ ने एक दशक में सबसे बड़ी आपदा विस्थापन घटना को जन्म दिया, जो वर्ष 2023 में भी जारी रही। जून 2023 में, कुछ जिलों में भारी वर्षा हुई और इसके परिणामस्वरूप जलजनित और वेक्टर-जनित बीमारियाँ हुईं।

  • आर्थिक नुकसान: वैश्विक स्तर पर, 21वीं सदी की शुरुआत से जलवायु और मौसम संबंधी आपदाओं से वार्षिक आर्थिक नुकसान बढ़ गया है।

खाद्य एवं पोषण संकट: वैश्विक स्तर पर-

  • तीव्र खाद्य असुरक्षा दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो कि कोविड-19 महामारी से पहले प्रभावित 149 मिलियन लोगों से बढ़कर वर्ष 2023 में 333 मिलियन हो गई है।
    • वर्तमान वैश्विक खाद्य और पोषण संकट आधुनिक मानव इतिहास में सबसे बड़ा है।
    • उच्च वैश्विक खाद्य असुरक्षा का कारण: लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष, आर्थिक मंदी और उच्च खाद्य कीमतें, दुनिया भर में चल रहे और व्यापक संघर्ष के कारण कृषि इनपुट की उच्च लागत से और भी बदतर हो गई हैं।
      • उदाहरण: चक्रवात मोचा ने संघर्ष की तीव्रता और रिकॉर्ड-उच्च खाद्य कीमतों के साथ, तीव्र खाद्य असुरक्षा को भी गंभीर रूप से बढ़ा दिया।
    • वनाग्नि: इसने हवाई, कनाडा और यूरोप के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया, जिससे जानमाल की हानि हुई, घर नष्ट हो गए और बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण हुआ।

आगे की राह

  • राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (National Meteorological and Hydrological Services- NMHS) को समर्थन: राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान की अगली पीढ़ी विज्ञान पर आधारित हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सूचना सेवाएँ प्रदान करने के लिए NMHS के लिए समर्थन बढ़ाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions-NDCs) के बारे में

  • NDCs मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और सौर, पवन तथा जलविद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन करके GHG उत्सर्जन में कटौती के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाने हेतु देशों द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को संदर्भित करता है।

राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं (National Meteorological and Hydrological Services -NMHS) के बारे में

  • NMHS आधिकारिक स्रोत हैं और अधिकांश देशों में, अपने-अपने देशों में मौसम की चेतावनियों के लिए एक प्लेटफॉर्म है और अधिकांश देशों में ये जलवायु, जल विज्ञान, वायु गुणवत्ता, भूकंपीय और सुनामी चेतावनियों तथा अंतरिक्ष मौसम के लिए भी जिम्मेदार हैं।

  • प्रभावी NDCs: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रभावी ढंग से कटौती करने और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन के लिए NDC को विज्ञान पर आधारित होने की आवश्यकता है।
  • पर्याप्त वित्तपोषण: राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए COP-29 (बाकू, अजरबैजान में आयोजित होने वाले) में पर्याप्त वित्तपोषण की उम्मीद जताई  गई है, जिसमें शमन और अनुकूलन उपायों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, क्षमता निर्माण पहल के लिए वित्तपोषण शामिल है।
  • सतत् प्रथाओं को बढ़ावा देना: सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों को स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहिए। इसमें अपशिष्ट प्रबंधन और जल संरक्षण से लेकर अपशिष्ट और अधिक खपत को कम करने वाली चक्रीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
  • जलवायु अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना: प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने और नवीन समाधान विकसित करने के लिए जलवायु विज्ञान पर अधिक निवेश और शोध करने की आवश्यकता है।
    • स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, कार्बन कैप्चर तकनीकों और जलवायु परिवर्तन को कम करने वाली अन्य सफलताओं में प्रगति को समर्थन और बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता है।
    • प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, बेहतर बुनियादी ढाँचे और जलवायु-स्मार्ट कृषि को लागू करने पर अधिक विकास और निवेश करने की तत्काल आवश्यकता है।
  • शिक्षा और जागरूकता: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और जनता को टिकाऊ जीवन पद्धतियों के बारे में शिक्षित करना वांछनीय तथा आवश्यक है।
    • व्यक्तियों को जलवायु कार्रवाई के लिए अधिक पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता है।
  • सहयोग और प्रतिबद्धता: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते के अनुरूप महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों के लिए वैश्विक सहयोग और प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
    • विकसित देशों को विकासशील देशों को निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था में अनुकूलन और परिवर्तन करने में सक्षम बनाने के लिए समर्थन देना चाहिए।

निष्कर्ष 

पृथ्वी अभूतपूर्व परिवर्तनों का अनुभव कर रही है, जिसके कारण अधिक बार और तीव्र चरम मौसम की घटनाएँ, खाद्य असुरक्षा और कमजोर आबादी का विस्थापन हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और नई वास्तविकता के अनुकूल होने के लिए, जलवायु वित्त को बढ़ाना और वित्तपोषण अंतर को कम करना महत्त्वपूर्ण है।

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