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विश्व पशु स्वास्थ्य स्थिति रिपोर्ट, 2025

Lokesh Pal May 26, 2025 04:19 36 0

संदर्भ

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) द्वारा जारी विश्व पशु स्वास्थ्य रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि तत्काल उपाय नहीं किए गए, तो रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) और जूनोटिक रोग वर्ष 2050 तक वैश्विक खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं।

विश्व पशु स्वास्थ्य रिपोर्ट के बारे में

  • विश्व पशु स्वास्थ्य रिपोर्ट एक नई लॉन्च की गई वार्षिक वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट है, जो संपूर्ण विश्व में पशु स्वास्थ्य की स्थिति का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
  • प्रकाशन कर्ता: विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH)
  • उद्देश्य
    • उभरते पशु स्वास्थ्य जोखिमों और खतरों को प्रदर्शित करना, जिसमें जूनोटिक रोग भी शामिल हैं।
    • बेहतर निगरानी, ​​तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना।
    • पशु स्वास्थ्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता के साथ जोड़ना, जो ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण को दर्शाता है।
  • प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र
    • पशुओं में होने वाली बीमारियों का नए क्षेत्रों में स्थानांतरण
    • रोगों की जूनोटिक क्षमता
    • टीके तक पहुँच और चुनौतियाँ
    • रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) और एंटीबायोटिक उपयोग
    • उन्मूलन और रोकथाम की दिशा में वैश्विक प्रयास।
  • महत्त्व: यह रिपोर्ट नीति-निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है तथा सरकारों और हितधारकों को समन्वित, साक्ष्य आधारित तरीके से पशु एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों का समाधान करने में मदद करती है।

विश्व पशु स्वास्थ्य रिपोर्ट (वर्ष 2025) के मुख्य निष्कर्ष

  • AMR खतरा: वर्ष 2050 तक, रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) 2 बिलियन लोगों की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है और यदि तत्काल इसका समाधान नहीं किया गया तो वैश्विक आर्थिक नुकसान $100 ट्रिलियन हो सकता है।
  • जूनोटिक वृद्धि: वर्ष 2005 से वर्ष 2023 के बीच रिपोर्ट किए गए लगभग 47% पशु रोग जूनोटिक थे, जो जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने में सक्षम थे, जिससे भविष्य में महामारी का खतरा बढ़ गया।
  • जलीय कृषि जोखिम: जलीय कृषि में उपयोग किए जाने वाले 15.8% रोगाणुरोधी ‘फ्लोरोक्विनोलोन’ थे, जो मानव चिकित्सा के लिए महत्त्वपूर्ण वर्ग है, जिससे जलीय वातावरण में प्रतिरोध के संबंध में चिंताएँ बढ़ रही हैं।
  • वृद्धि संवर्द्धक: लगभग 20% देशों ने पशुओं में वृद्धि संवर्द्धक के लिए रोगाणुरोधी दवाओं का उपयोग करने की सूचना दी, जिनमें से 7% ने कोलिस्टिन और एनरोफ्लोक्सासिन जैसी उच्च प्राथमिकता वाली दवाओं का उपयोग किया।

विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) के बारे में

  • परिचय: WOAH पशु स्वास्थ्य पर वैश्विक प्राधिकरण है, जो संपूर्ण विश्व में पशु रोगों की निगरानी, ​​नियंत्रण और रिपोर्टिंग के लिए समर्पित है।
  • स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 1924 में ऑफिस इंटरनेशनल डेस एपिजूटीज (OIE) के रूप में एक ‘रिंडरपेस्ट’ प्रकोप के प्रत्युत्तर में की गई थी।
  • सदस्य: WOAH के भारत सहित 183 सदस्य देश हैं, और यह एक अंतर-सरकारी संगठन के रूप में कार्य करता है।
  • उद्देश्य: यह पशु रोग डेटा के पारदर्शी प्रसार को बढ़ावा देता है और एक सुरक्षित, स्वस्थ एवं सतत् विश्व के लिए पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कार्य करता है।

  • उपयोग में कमी: वर्ष 2020 और वर्ष 2022 के बीच पशुओं में वैश्विक एंटीबायोटिक उपयोग में 5% की गिरावट आई है, जिसमें यूरोप (23%) और अफ्रीका (20%) में सबसे अधिक कमी देखी गई है।
  • रोग प्रसार: जलवायु परिवर्तन, वैश्विक व्यापार और वन्यजीवों के परस्पर संपर्क के कारण ASF, एवियन इन्फ्लूएंजा और FMD जैसी बीमारियाँ नए क्षेत्रों में प्रसारित हो रही हैं। 
  • आर्थिक प्रभाव: अनियंत्रित रोग प्रकोप और AMR कृषि आजीविका, व्यापार और खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं को खतरे में डालते हैं, जिसका सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है।
  • टीकाकरण को बढ़ावा: निवारक उपाय, विशेष रूप से पशु टीकाकरण, एंटीबायोटिक निर्भरता को कम करने और जूनोटिक एवं सीमापार रोग प्रसार को सीमित करने के लिए आवश्यक हैं।

जूनोटिक रोगों के बारे में

  • जूनोटिक रोग बैक्टीरिया, वायरस या परजीवियों के कारण होने वाले संक्रामक रोग हैं, जो जानवरों और मनुष्यों के बीच प्रसारित होते हैं। WOAH को रिपोर्ट की गई सभी पशु बीमारियों में से लगभग 47% के लिए जूनोटिक रोग जिम्मेदार हैं।
  • बढ़ते जूनोटिक रोग के कारक
    • जलवायु परिवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र को परिवर्तित कर रहा है, जिससे रोगजनकों का नए भौगोलिक क्षेत्रों और प्रजातियों में प्रसार हो रहा है।
    • जानवरों और पशु उत्पादों का वैश्विक व्यापार और आवागमन, रोग संचरण को बढ़ाता है।
    • मानव और वन्यजीवों के मध्य संपर्क बिंदु विकसित हुए हैं।
    • कम आय वाले क्षेत्रों में कमजोर पशु चिकित्सा बुनियादी ढाँचा और कम वैक्सीन पहुँच संवेदनशीलता को बढ़ाती है।

जूनोटिक रोग के उदाहरण

रोग 

प्रभावित प्रजातियाँ

रोग का कारण

एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza- HPAI) पक्षी, स्तनधारी 

(बिल्लियाँ, कुत्ते)

वायरस 

(इन्फ्लूएंजा A वायरस)

अफ्रीकन स्वाइन फीवर (African Swine Fever- ASF) सूअर, जंगली सूअर वायरस 

(एस्फारविरिडे परिवार)

खुरपका और मुँहपका रोग (FMD) दो खुर वाले जानवर वायरस 

(एफथोवायरस जीनस)

पेटिट्स डेस पेस्टे रुमिनेंट्स (Peste des Petits Ruminants) भेड़, बकरी वायरस 

(मोर्बिलीवायरस जीनस)

लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) पशु वायरस [कैप्रिपोक्सवायरस (Capripoxvirus) जीनस]
ब्लूटंग वायरस (Bluetongue Virus) भेड़, गाय, बकरी वायरस (ऑर्बिवायरस जीनस)
न्यू वर्ल्ड स्क्रूवॉर्म (New World Screwworm) पशु परजीवी मक्खी (कोचलीओमिया होमिनिवोरैक्स लार्वा)।

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) क्या है?

  • AMR तब होता है, जब रोगाणु एंटीबायोटिक दवाओं सहित रोगाणुरोधी दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं, जिससे उपचार अप्रभावी हो जाता है।
  • AMR मानव और पशु स्वास्थ्य क्षेत्रों में रोगाणुरोधी दवाओं के अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग से प्रेरित है।
  • WOAH ने AMR को वैश्विक स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक घोषित कर दिया है।

AMR के प्रसार के कारण

  • पशुधन, जलीय कृषि और कृषि में एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग।
  • विकास को बढ़ावा देने वाले कारक के रूप में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग, WOAH के 20% सदस्य अभी भी इस प्रथा का पालन करते हैं।
  • जानवरों में कोलिस्टिन और एनरोफ्लोक्सासिन जैसी उच्च प्राथमिकता युक्त मानव एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग।
  • अस्वच्छता, अपर्याप्त टीकाकरण कवरेज और कमजोर जैव सुरक्षा उपाय।

AMR से निपटने के लिए उठाए गए कदम

वैश्विक पहल

  • WOAH दिशा-निर्देश वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रोगाणुरोधी दवाओं के उपयोग को हतोत्साहित करते हैं और पशु चिकित्सा निरीक्षण को बढ़ावा देते हैं।
  • WHO, FAO और WOAH द्वारा AMR पर वैश्विक कार्य योजना सभी क्षेत्रों में जिम्मेदार रोगाणुरोधी उपयोग का आह्वान करती है।
  • यूरोपीय संघ के नियमों के कारण वर्ष 2020 और वर्ष 2022 के बीच यूरोप में एंटीबायोटिक के उपयोग में 23% की कमी आई है।

भारतीय पहल

  • AMR पर राष्ट्रीय कार्य योजना (वर्ष 2017-2021) जागरूकता, निगरानी, ​​संक्रमण की रोकथाम और अनुसंधान एवं विकास पर केंद्रित है।
  • FSSAI दिशा-निर्देश पशु आधारित खाद्य उत्पादों में एंटीबायोटिक अवशेषों को विनियमित करते हैं।
  • राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) का उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से प्रमुख जूनोटिक रोगों को नियंत्रित करना है।

निष्कर्ष

WOAH की पहली रिपोर्ट में इस बात पर बल दिया गया है कि AMR और जूनोटिक रोग दोनों आपस में जुड़े हुए हैं और मानव एवं पशु स्वास्थ्य के लिए चुनौतियों को बढ़ा रहे हैं। हालाँकि कुछ प्रगति हुई है, लेकिन भविष्य के संकटों को टालने के लिए तत्काल वैश्विक सहयोग, वैक्सीन तक समान पहुँच और कठोर रोगाणुरोधी विनियमन महत्त्वपूर्ण हैं।

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