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स्मार्ट सिटी मिशन की स्थिति

Lokesh Pal January 25, 2025 02:14 211 0

संदर्भ

हाल ही में शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के कार्यान्वयन के खिलाफ मुद्दे उठाए गए थे क्योंकि इसमें स्थानीय सरकारों को दरकिनार कर निजी संस्थाओं के रूप में प्रबंधित विशेष प्रयोज्य वाहनों (SPV) का प्रयोग किया गया था, जिससे शासन एवं निर्णय लेने में नगर परिषदों को दरकिनार कर दिया गया था।

स्मार्ट सिटी 

  • स्मार्ट सिटी एक अत्याधुनिक शहर है, जो अपने नेटवर्क, सेवाओं और बुनियादी ढाँचे में डिजिटल तकनीकों को एकीकृत करता है, जिससे यह अपने निवासियों एवं व्यवसाय के लाभ के लिए अधिक कुशल एवं रहने योग्य बन जाता है।
  • यूरोपीय आयोग के अनुसार, स्मार्ट सिटी का अर्थ है:
    • स्मार्ट शहरी परिवहन नेटवर्क।
    • उन्नत जल आपूर्ति और अपशिष्ट निपटान सुविधाएँ।
    • भवनों को प्रकाशित करने और गर्म रखने के अधिक कुशल तरीके।
    • अधिक संवादात्मक और उत्तरदायी नगर प्रशासन।
    • सुरक्षित सार्वजनिक स्थान

स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) 

  • लॉन्च: शहरी विकास के मॉडल के रूप में 100 स्मार्ट शहरों को विकसित करने के लिए भारत सरकार द्वारा जून 2015 में SCM की शुरुआत की गई थी।
  • उद्देश्य: जीवन की गुणवत्ता में सुधार, सतत विकास को बढ़ावा देना और कुशल शहरी शासन के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना।
  • नोडल मंत्रालय: आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (भारत सरकार)
  • उद्देश्य: स्मार्ट शहरों की पहल ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (IoT) पर आधारित थी, जिसके उद्देश्य थे:
    • कोर इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाना और स्वच्छ, सतत शहरी वातावरण सुनिश्चित करना।
    • शासन एवं सेवा वितरण के लिए स्मार्ट समाधानों के उपयोग को बढ़ावा देना।
    • गतिशीलता, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना।
  • घटक
    • क्षेत्र-आधारित विकास (ABD): विशिष्ट शहरी क्षेत्रों में रेट्रोफिटिंग, पुनर्विकास और ग्रीनफील्ड परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • अखिल शहर पहल: शहरों में IT-सक्षम सेवाओं को लागू करना, जैसे कि आधुनिक यातायात प्रबंधन और एकीकृत शासन प्रणाली। 
    • विशेष प्रयोज्य वाहन (SPV): कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में कार्य करते हैं, जिससे कुशल परियोजना निष्पादन सुनिश्चित होता है।
  • वित्तपोषण तंत्र
    • केंद्र सरकार से कुल 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन, राज्य सरकारों और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को प्रदान किया गया।
    • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP), नगरपालिका बांड और अन्य नवीन वित्तपोषण तंत्रों के माध्यम से अतिरिक्त धनराशि जुटाई गई।
  • विस्तार: शुरू में इसे वर्ष 2020 तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन मिशन को मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया।
  • वर्तमान स्थिति: वर्ष 2024 तक ₹1.64 लाख करोड़ की लागत वाली 8,016 स्वीकृत परियोजनाओं में से 7,218 परियोजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं।
    • सभी 100 शहरों में एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केन्द्र (ICCC) प्रारंभ कर दिए गए हैं, जिससे कुशल निगरानी एवं प्रशासन संभव हो पाया है।

विशेष प्रयोज्य वाहन (SPV)

  • विशेष प्रयोज्य वाहन (SPV) किसी संगठन द्वारा बनाई गई एक अलग कानूनी इकाई है।
  • SPV एक अलग कंपनी है जिसकी अपनी संपत्ति एवं देनदारियाँ होती हैं, साथ ही इसकी स्वयं की कानूनी स्थिति भी होती है।
  • इन्हें एक विशेष उद्देश्य विशेषतः वित्तीय जोखिम को अलग करने के लिए के लिए बनाया जाता है। चूँकि यह एक अलग कानूनी इकाई है, इसलिए अगर मूल कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो विशेष प्रयोज्य वाहन (SPV) कार्य करना जारी रख सकता है।

SCM का प्रभाव

  • डिजिटल परिवर्तन: ICCC ने यातायात प्रबंधन, आपदा प्रतिक्रिया और शहरी नियोजन के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण के माध्यम से शासन को बढ़ाया है।
    • उदाहरण: अहमदाबाद में, सेंसर-आधारित जल निगरानी ने रिसाव को कम किया और आपूर्ति में 50 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) की वृद्धि हुई।
  • बुनियादी ढाँचे का विकास: सड़कों, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे बुनियादी ढाँचे के विकास ने शहरी जीवन स्तर में सुधार किया है।
    • उदाहरण: इंदौर के गुरुत्वाकर्षण आधारित सीवेज नेटवर्क ने 205 MLD अनुपचारित सीवेज को स्थानीय नदियों को प्रदूषित करने से रोका।
  • अक्षय ऊर्जा एकीकरण: विशाखापत्तनम में मुदासरलोवा जलाशय फ्लोटिंग सोलर प्लांट जैसी परियोजनाओं के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देता है, जो वार्षिक रूप से 3,613 मेगावाट विद्युत उत्पन्न करता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 3,000 टन की कमी आती है।
  • आर्थिक विकास: स्मार्ट शहर भारत को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में भी स्थापित करते हैं। प्रतिस्पर्द्धी, समावेशी और सतत् शहरी स्थान का निर्माण कर, वे घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को आकर्षित करते हैं।
    • प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, SCM ने सूरत जैसे शहरों को वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित किया है, जिससे कपड़ा एवं हीरे जैसे उद्योगों को बढ़ावा मिला है।
  • SDG के साथ संरेखण: SCM परियोजनाएँ, 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से 15 लक्ष्यों में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं, जिनमें SDG 11 (स्थायी शहर) और SDG 6 (स्वच्छ जल) शामिल हैं।

कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

  • मिशन की समय-सीमा का विस्तार: परियोजना के पूरा होने में देरी के कारण इसे जून 2024 तक बढ़ाना आवश्यक हो गया।
  • वित्त पोषण की कमी: कई शहर PPP या ऋण के माध्यम से पर्याप्त धन जुटाने में विफल रहे।
    • उदाहरण: अनुशंसित 21% के बजाय केवल 6% परियोजनाओं को PPP के माध्यम से वित्त पोषित किया गया।
    • लक्षद्वीप और दमन एवं दीव को आवंटित केंद्रीय निधियों का 50% से भी कम प्राप्त हुआ।
  • प्रशासन संबंधी मुद्दे: SPV, CEO के बार-बार तबादले से परियोजना क्रियान्वयन बाधित होता है।
    • राज्य स्तरीय सलाहकार मंच अनियमित थे, इम्फाल और अमरावती जैसे कुछ शहरों में कोई बैठक नहीं हुई।
  • मास्टर प्लान का अभाव: 65% शहरी निकायों के पास भूमि और बुनियादी ढाँचे की आवश्यकताओं को निर्धारित करने के लिए आवश्यक मास्टर प्लान का अभाव है।
  • कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियाँ: अपर्याप्त नागरिक सहभागिता और सार्वजनिक भागीदारी ने प्रभावी कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न की।
    • उदाहरण के लिए शिमला की पुनर्विकास परियोजनाओं में न्यूनतम प्रगति देखी गई, और फूलों के गमलों जैसी गैर-आवश्यक वस्तुओं के लिए धन का गलत आवंटन किया गया।

आगे की राह

  • SCM का अधिक शहरों तक विस्तार: शहरी विकास के लिए SPV विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, राज्य की राजधानियों के 100 किलोमीटर के अंतर्गत टियर-2 शहरों पर ध्यान केंद्रित करना।
  • ICCC की भूमिका का विस्तार करना: ICCC को शहरी लचीलापन बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य, आपदा और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्यों को एकीकृत करना चाहिए।
  • शासन को मजबूत करना: बेहतर जवाबदेही के लिए निश्चित कार्यकाल वाले समर्पित CEO नियुक्त करना। नियमित सलाहकार मंच बैठकों के माध्यम से पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
  • IT इन्फ्रास्ट्रक्चर और गोपनीयता सुरक्षा को बढ़ाना: डिजिटल प्लेटफॉर्म को साइबर हमलों से बचाना और डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करना।
    • परिसंपत्ति रखरखाव और उन्नयन के लिए एक व्यापक ढाँचा विकसित करना।
  • सतत शहरी विकास को बढ़ावा देना: एकीकृत शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिए SCM को अमृत, स्वच्छ भारत मिशन और राष्ट्रीय सतत आवास मिशन जैसी पहलों के साथ जोड़ना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भूटान के गेलेफू (Gelephu) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसे अन्य देशों के साथ SCM के सतत विकास उदाहरण साझा करना।

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