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Lokesh Pal
December 10, 2025 03:29
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हाल के वर्षों में भारत में छात्रों की आत्महत्याओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे स्कूलों की जवाबदेही, मानसिक-स्वास्थ्य प्रणालियों और दबाव आधारित शिक्षा संस्कृति में गहरी खामियाँ उजागर हुई हैं, जो बच्चों की भावनात्मक सुरक्षा और गरिमा की अनदेखी करती रहती हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आँकड़े इस संकट की गंभीर स्थिति प्रस्तुत करते हैं:-

यह त्रासदी शैक्षणिक दबाव और प्रणालीगत असमानताओं के विषाक्त अंतर्संबंध से उत्पन्न होती है:-

भारत में संरक्षण संबंधी संस्थागत ढाँचा यद्यपि निरंतर विकसित हो रहा है, परंतु अब न्यायपालिका द्वारा इसे सशक्त रूप से सुदृढ़ किया गया है:-
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