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सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार, 2024 (Subhash Chandra Bose Disaster Management Award, 2024)

Samsul Ansari January 23, 2024 04:36 417 0

संदर्भ

आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2024 की संस्थागत श्रेणी के लिए 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश को सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार, 2024 के लिए चुना गया है।

संबंधित तथ्य

  • नामांकन सीमा: वर्ष 2024 के पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2023 से ऑनलाइन नामांकन माँगे गए थे। 
  • कुल नामांकन: पुरस्कार योजना हेतु संस्थानों और व्यक्तियों से 245 वैध नामांकन प्राप्त हुए।
  • वर्ष 2024 विजेता: आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2024 की संस्थागत श्रेणी के लिए 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश

60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश

  • 60 पैराशूट फील्ड हॉस्पिटल, उत्तर प्रदेश की स्थापना वर्ष 1942 में हुई थी। 
  • यह भारतीय सशस्त्र बलों का एकमात्र हवाई चिकित्सा प्रतिष्ठान है, जिसे विभिन्न वैश्विक संकटों में अपनी असाधारण सेवा के लिए पहचाना जाता है। 
    • इसने उत्तराखंड बाढ़ (2013), ऑपरेशन ‘मैत्री’ (2015) के तहत नेपाल भूकंप और इंडोनेशियाई सुनामी के दौरान ऑपरेशन समुद्र मैत्री (2018) के अंतर्गत चिकित्सा सहायता प्रदान की थी।

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार

  • परिचय 
  • भारत सरकार ने रोकथाम, शमन, तैयारी, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान/नवाचार या प्रारंभिक चेतावनी जैसे आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिए एक पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया। 
  • इस पुरस्कार को “सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार पुरस्कार” के रूप में नामित किया जाएगा।

सुभाष चंद्र बोस

परिचय

  • सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। 
  • उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस (Prabhavati Dutt Bose) और पिता का नाम जानकीनाथ बोस (Janakinath Bose) था।

शिक्षा

  • अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने रेवेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल (Ravenshaw Collegiate School) में प्रवेश लिया। 
  • उसके बाद उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज (Presidency College) कोलकाता में प्रवेश लिया, परंतु उनकी उग्र राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण उन्हें वहाँ से निष्कासित कर दिया गया। 
  • इसके बाद वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (University of Cambridge) चले गए।
  • वर्ष 1919 में बोस भारतीय सिविल सेवा (Indian Civil Services- ICS) परीक्षा की तैयारी करने के लिए लंदन चले गए और वहाँ उनका चयन भी हो गया। 
  • बोस ने सिविल सेवा से त्यागपत्र दे दिया क्योंकि उनका मानना था कि वह अंग्रेजों के साथ कार्य नहीं कर सकते।

आध्यात्मिक गुरु

  • सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे। 

राजनीतिक गुरु

  • चितरंजन दास (Chittaranjan Das) उनके राजनीतिक गुरु थे।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

  • वर्ष 1921 में बोस ने चितरंजन दास की स्वराज पार्टी द्वारा प्रकाशित समाचार-पत्र ‘फॉरवर्ड’ के संपादन का कार्यभार सँभाला।
  • वर्ष 1923 में बोस को अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष और साथ ही बंगाल राज्य कांग्रेस का सचिव चुना गया।
  • वर्ष 1925 में क्रांतिकारी आंदोलनों से संबंधित होने के कारण उन्हें माण्डले (Mandalay) कारागार में भेज दिया गया। जहाँ वह तपेदिक की बीमारी से ग्रसित हो गए।
  • बोस ने वर्ष 1938 (हरिपुरा) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रस का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद राष्ट्रीय योजना आयोग का गठन किया। यह नीति गांधीवादी विचारों के अनुकूल नहीं थी।
  • वर्ष 1939 (त्रिपुरी) में बोस फिर से अध्यक्ष चुने गए लेकिन जल्द ही उन्होंने अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और कांग्रेस के भीतर एक गुट ‘ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक’ का गठन किया, जिसका उद्देश्य राजनीतिक तौर पर वामपंथी विचारधारा को मजबूत करना था।

साहित्यिक कार्य

वर्ष 1930 के दशक के मध्य में बोस ने यूरोप की यात्रा की। उन्होंने पहले शोध किया तत्पश्चात् ‘द इंडियन स्ट्रगल’ नामक पुस्तक का पहला भाग लिखा, जिसमें उन्होंने वर्ष 1920-1934 के दौरान होने वाले देश के सभी स्वतंत्रता आंदोलनों को कवर किया।

मृत्यु संबंधी अवधारणा

  • 18 अगस्त, 1945 को जापान शासित फॉर्मोसा (Japanese ruled Formosa) (अब ताइवान) में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। परंतु उनके मृत्यु संबंधी तथ्य आज भी प्रमाणित नहीं हैं।

  • अर्हता: केवल भारतीय नागरिक और भारतीय संस्थान ही पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
  • पुरस्कार
    • विजेता संस्था होने की स्थिति में उसे एक प्रमाण-पत्र और 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस नकद पुरस्कार का उपयोग विजेता संस्था द्वारा केवल आपदा प्रबंधन संबंधी गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
    • विजेता के व्यक्तिगत होने की स्थिति में, विजेता को एक प्रमाण-पत्र और 5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • घोषणा: इस पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाएगी।

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