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सुखोई Su-57E

Lokesh Pal February 10, 2025 02:59 17 0

संदर्भ 

रूस का Su-57E स्टील्थ फाइटर (पाँचवीं पीढ़ी) का एक प्रोटोटाइप एयरो इंडिया 2025 में भाग लेने के लिए 6 फरवरी को बंगलूरू के येलहंका एयर बेस पर उतरा।

संबंधित तथ्य

  • भारत विश्व का दूसरा देश बन गया है, जहाँ रूस Su-57E का प्रदर्शन कर रहा है, इससे पहले वर्ष 2024 में चीन के झुहाई एयरशो में इसका प्रदर्शन किया गया था।
  • एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी, एयरो इंडिया 2025 का 15वाँ संस्करण 10 से 14 फरवरी के बीच आयोजित किया जाएगा।

रूस और भारत की संयुक्त भागीदारी

  • रूस सक्रिय रूप से Su-57E स्टील्थ फाइटर में भारत के हितों को ध्यान में रखकर इसे अपडेट करने का प्रयास कर रहा है।
  • रूस (रोसोबोरोनेक्सपोर्ट) के प्रस्ताव
    • Su-57E विमान की प्रत्यक्ष खरीद।
    • भारत में संयुक्त उत्पादन।
    • भारत को अपना 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान विकसित करने में सहायता करना।

पृष्ठभूमि: भारत की निलंबित FGFA परियोजना

  • वर्ष 2007: भारत एवं रूस ने Su-57 पर आधारित पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (Fifth-Generation Fighter Aircraft- FGFA) के सह-विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • वर्ष 2010: FGFA को IAF-विशिष्ट अनुकूलन के साथ दो सीटों वाले SU-57 संस्करण के रूप में योजनाबद्ध किया गया था।
  • वर्ष 2018 में निलंबन: भारत ने समझौते पर रोक लगा दी, जिसके निम्नलिखित कारण थे:
    • लागत संबंधी असहमति।
    • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण संबंधी चिंताएँ।
    • स्टील्थ एवं सुपरक्रूज क्षमता पर वायुसेना की चिंताएँ।

उन्नयन एवं प्रदर्शन संवर्द्धन

  • रूस ने भारतीय वायुसेना की कई चिंताओं को संबोधित किया है, विशेष रूप से इंजन प्रदर्शन एवं स्टील्थ क्षमताओं में।
  • नए AL-51 स्टेज-2 इंजन मैक 1.6 (संभावित रूप से मैक 2) पर सुपरक्रूज इनेबल करते हैं।
  • विकास में ट्विन-सीट संस्करण, जिसे भारत अतिरिक्त निवेश के बिना अपना सकता है।
  • Su-57 ने सीरिया एवं यूक्रेन में युद्ध परीक्षण में भाग लिया हैं।

भारत द्वारा नवीनीकृत संस्करण को बढ़ावा दिए जाने के प्रयास 

  • भारत के विरोधी देश (चीन एवं पाकिस्तान) तेजी से स्टील्थ विमान प्राप्त कर रहे हैं, जिससे भारतीय वायुसेना के लिए संभावित हवाई श्रेष्ठता का अंतर उत्पन्न हो रहा है।
    • चीन तेजी से अपने J-20 बेड़े (वर्ष 2030 तक लगभग 300) का विस्तार कर रहा है।
    • पाकिस्तान J-31 स्टील्थ लड़ाकू विमान प्राप्त कर रहा है एवं KAAN लड़ाकू विमान पर तुर्किए के साथ सहयोग कर रहा है।

  • भारतीय वायुसेना के बेड़े में बढ़ती स्टील्थ विमानों की कमी 2030 के दशक में भारत की वायु रक्षा क्षमता के लिए खतरा बन सकती है।
  • पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बिना, भारत को भविष्य के संघर्षों में स्टील्थ प्रौद्योगिकी से पीछे रह जाने का खतरा है।

सुखोई Su-57E के बारे में

  • सुखोई Su-57E पाँचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे रूस ने संयुक्त उत्पादन के लिए भारत को प्रस्तुत किया है। 
  • सुखोई Su-57 सुखोई द्वारा विकसित एक ट्विन इंजन वाला स्टील्थ मल्टीरोल लड़ाकू विमान है।

विशेषताएँ

  • स्टील्थ: Su-57E में नुकीला एग्जॉस्ट नोजल है, जो इसके रडार और इन्फ्रारेड सिग्नेचर को संतुलित करता है। 
  • हथियार पेलोड: Su-57E 7.4 टन तक के हथियार ले जा सकता है, जिसमें हवा-से-हवा और हवा-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं।
  • अधिकतम गति: Su-57E की अधिकतम गति लगभग मैक 1.8 है।
  • अधिकतम संचालन ऊँचाई: Su-57E की अधिकतम संचालन 54,100 फीट की ऊँचाई तक संभव है।
  • युद्ध सीमा: Su-57E की युद्ध सीमा 1,864 मील है।

जेट लड़ाकू विमानों की विभिन्न पीढ़ियाँ (इमेज देखें)

भारत का पाँचवीं पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू जेट

  • AMCA भारत का स्वदेशी पाँचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर है।
    • इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एवं DRDO की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित किया जा रहा है।

प्रमुख विशेषताएँ

  • स्टील्थ प्रौद्योगिकी
    • दुश्मन के रडार से बचने के लिए कम रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) के लिए डिजाइन किया गया।
    • रडार-अवशोषक सामग्री (Radar-Absorbent Materials-RAM) एवं कम-अवलोकन योग्य आकार का उपयोग।
  • ईंधन एवं हथियार क्षमता
    • विस्तारित रेंज के लिए बड़ा आंतरिक ईंधन टैंक (6.5 टन)।
    • आंतरिक हथियार कक्ष को गुप्त बनाए रखने और विभिन्न प्रकार के स्वदेशी और विदेशी हथियारों को समायोजित करने के लिए।
  • इंजन वेरिएंट
    • AMCA Mk1: अमेरिका निर्मित GE414 इंजन (90 kN थ्रस्ट) का उपयोग करेगा।
    • AMCA Mk2: इसमें एक अधिक शक्तिशाली 110 kN इंजन होगा, जिसे DRDO के GTRE द्वारा एक विदेशी रक्षा भागीदार [संभवतः सफ्रान (फ्राँस) या रोल्स-रॉयस (UK)] के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • अत्याधुनिक वायुगतिकी एवं डिजाइन
    • इंजन रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए ‘सर्पेन्टाइन एयर इनटेक डक्ट’ (Serpentine Air Intake Duct) का उपयोग किया गया है।
    • बेहतर प्रदर्शन एवं गोपनीयता के लिए डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट (DSI) का उपयोग किया गया है।

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