तीसरे सुंदरबन पक्षी महोत्सव के दौरान पक्षियों की लगभग 154 प्रजातियाँ देखी गईं।
सुंदरबन पक्षी महोत्सव
यह एक ऐसी घटना है, जो सुंदरबन बायोस्फीयर रिजर्व में पक्षियों की प्रजातियों को दर्ज करती है।
यह महोत्सव पश्चिम बंगाल वन विभाग के सुंदरबन टाइगर रिजर्व (STR) प्रभाग द्वारा आयोजित किया जाता है।
उद्देश्य: यह महोत्सव सुंदरबन में पक्षी प्रजातियों की विविधता पर आधारभूत डेटा प्रदान करता है।
यह पक्षी संरक्षण एवं उनके आवासों को संरक्षित करने के महत्त्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
सुंदरबन के बारे में
स्थान: बंगाल की खाड़ी पर गंगा, ब्रह्मपुत्र एवं मेघना नदियों के डेल्टा पर स्थित है।
भारत (40%) एवं बांग्लादेश (60%) तक फैला हुआ है।
विशिष्ट पारिस्थितिकी तंत्र: विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन।
उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भूमि तथा समुद्र के बीच एक विशेष वातावरण।
वनस्पतियाँ एवं जीव
वनस्पतियाँ
प्रमुख प्रजातियाँ: प्रमुख वृक्ष प्रजाति सुंदरी वृक्ष है, जिससे इस क्षेत्र का नाम पड़ा।
वनस्पतियों में नम उष्णकटिबंधीय एवं ज्वारीय वन शामिल हैं।
उल्लेखनीय प्रजातियाँ
दुर्लभ एवं संकटग्रस्त: रॉयल बंगाल टाइगर, एस्टुरीन मगरमच्छ, गंगा डॉल्फिन, ओलिव रिडले कछुआ, वाटर मॉनिटर लिजार्ड।
यह लगभग 100 बाघों की महत्त्वपूर्ण आबादी वाला एकमात्र मैंग्रोव वन है।
सुरक्षा एवं संरक्षण
बायोस्फीयर कार्यक्रम: यूनेस्को (UNESCO) द्वारा वर्ष 2001 में मैन एंड बायोस्फीयर (Man and Biosphere- MAB) कार्यक्रम (नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व के बाद भारत का दूसरा बायोस्फीयर रिजर्व)।
यूनेस्को वैश्विक धरोहर स्थल
भारत: वर्ष 1987
बांग्लादेश: वर्ष 1997
अंतरराष्ट्रीय महत्त्व का रामसर वेटलैंड: सुंदरबन वेटलैंड (भारत): वर्ष 2019 में।
प्रोजेक्ट टाइगर: वर्ष 1973 में शामिल; रॉयल बंगाल टाइगर एवं पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करता है।
सुंदरवन बायोस्फीयर रिजर्व: वर्ष 1989 में राष्ट्रीय MAB कार्यक्रम में शामिल किया गया।
इसमें सुंदरबन टाइगर रिजर्व, सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान, हॉलिडे द्वीप, लोथियन द्वीप एवं सजनाखाली वन्यजीव अभयारण्य (बफर जोन) शामिल हैं।
भारत-बांग्लादेश सहयोग: सुंदरबन की संयुक्त रूप से निगरानी एवं संरक्षण के लिए समझौता ज्ञापन (2011) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
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