//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
March 18, 2025 03:05
47
0
हाल ही में भारत में भाषायी नीतियों, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के संदर्भ में, पर बहस तेज हो गई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने भाषायी धर्मनिरपेक्षता के विचार को बार-बार बरकरार रखा है, तथा इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी वर्ग पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जानी चाहिए। जबकि हिंदी को बढ़ावा देने के लिए संवैधानिक आदेश है, क्षेत्रीय भाषाओं को समान संरक्षण प्राप्त है। शिक्षा की भाषा चुनने की स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है, जो भारत के बहुलवादी और लोकतांत्रिक लोकाचार को मजबूत करता है।
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments