हाल ही में भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री ने ‘स्वयं प्लस’ (SWAYAM Plus) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया।
संबंधित तथ्य
स्वयं प्लस : यह रोजगारपरकता और व्यावसायिक विकास केंद्रित कार्यक्रमों को उद्योग के साथ सहयोगात्मक रूप से विकसित पाठ्यक्रमों की पेशकश करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
स्वयं प्लस का उद्देश्य:कौशल उन्नयन और पुनर्कौशल प्लेटफॉर्म
संबंधित संस्थान: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) ।
केंद्र बिंदु : रोजगार और व्यावसायिक विकास।
सहयोगी संस्थान : एलएंडटी (L&T), माइक्रोसॉफ्ट (MICROSOFT) और सिस्को (CISCO) आदि।
भागीदारी की आवश्यकता: उद्योग के नेताओं और विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के विषय विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग कार्यक्षेत्रों पर पाठ्यक्रमों में योगदान , जिन्हें आईआईटी मद्रास द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
लाभ
कॉलेज के छात्रों और आजीवन शिक्षार्थियों (Lifelong learners) के लिए रोजगार क्षमता का विकास ।
उद्योग-शिक्षा जगत की साझेदारी SWAYAM के शैक्षणिक मंच को उद्योग जगत की प्रासंगिक विशेषज्ञता से जोड़ेगी।
उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम: एआई (AI) और सेमीकंडक्टर (Semiconductor) जैसे भावी विषयों को प्रोत्साहन।
स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम: विकसित भारत और समावेशी भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, स्थानीय भाषा में भी पाठ्यक्रम प्राप्त होगा।।
देश भर में व्यापक शिक्षार्थी आधार तक पहुँचना, टियर 2 और 3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।
सर्वांगीण विकास: संगीत, चित्रकला, मानविकी और स्वतंत्र कला जैसे विविध क्षेत्रों के पाठ्यक्रम युवाओं के सर्वांगीण विकास में योगदान करेंगे।
क्रेडिट हस्तांतरण: कुछ पाठ्यक्रमों से अर्जित क्रेडिट को अन्य संस्थानों द्वारा मान्यता का प्रावधान, इससे कामकाजी पेशेवरों को अपनी शिक्षा जारी रखने में आसानी होगी।
विशेषताएँ
बहुभाषी सामग्री (पाठ्यक्रम 12 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध)।
पाठ्यक्रम चयन के लिए एआई-संचालित चैटबॉट (AI-enabled chatbot)।
उद्योग द्वारा प्रस्तुत पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट मान्यता।
कौशल विकास से संबंधित अन्य सरकारी योजनाएँ
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में युवाओं को लघु अवधि प्रशिक्षण और पूर्व प्रशिक्षण की मान्यता के माध्यम से लघु अवधि कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करती है ।
जन शिक्षण संस्थान योजना
अपने क्षेत्र में बाजार की माँग के अनुरूप कौशल की पहचान करके निरक्षरों, नव-साक्षरों और स्कूल छोड़ने वालों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करती है।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्द्धन योजना
औद्योगिक प्रतिष्ठानों को वर्ष 1961 के प्रशिक्षु अधिनियम के तहत प्रशिक्षुता कार्यक्रम चलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके प्रशिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने और प्रशिक्षुओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए है।
Latest Comments