100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण घरेलू बैंक (D-SIBs)

Samsul Ansari January 01, 2024 12:51 191 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण घरेलू बैंकों (D-SIBs) की सूची जारी की है।

संबंधित तथ्य 

  • RBI का नया वर्गीकरण: RBI ने अपने नवीनतम अपडेट में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और HDFC बैंक को उच्च श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया है। वहीं ICICI बैंक पिछले साल की स्थिति के साथ बना हुआ है।
    • SBI (तीसरे से चौथे बकेट) और HDFC बैंक (पहले से दूसरे बकेट)।
  • अपडेट करने का आधार: 1 जुलाई, 2023 को पूर्ववर्ती HDFC लिमिटेड का HDFC बैंक में विलय के बाद HDFC बैंक के बढ़े हुए प्रणालीगत महत्त्व के कारण हालिया बदलाव किया गया है।
  • सामान्य इक्विटी की आवश्यकता: D-SIBs को प्राप्त अपने स्तर के आधार पर एक अतिरिक्त सामान्य इक्विटी लागू करनी चाहिए।
    • ‘कॉमन इक्विटी टियर 1’ (CET1) टियर-1 पूँजी का एक घटक है, जो मुख्य रूप से किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान द्वारा रखा गया सामान्य स्टॉक है।

प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण घरेलू बैंकों (D-SIBs)

  • रिजर्व बैंक ने वर्ष 2014 में प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण घरेलू बैंकों (D-SIBs) के लिए कार्यप्रणाली जारी की।
  • D-SIBs ढाँचे के तहत रिजर्व बैंक को वर्ष 2015 के बाद D-SIBs के रूप में नामित बैंकों के नामों का खुलासा करने तथा उन्हें उनके प्रणालीगत महत्त्व के आधार पर उचित बकेट में रखने की आवश्यकता है।
  • उस बकेट के आधार पर जिसमें D-SIBs को रखा गया है, एक अतिरिक्त सामान्य इक्विटी आवश्यकता लागू की जानी चाहिए।

  • बकेट 1 के बैंकों को अप्रैल 2018 से 0.15% अतिरिक्त टियर-I पूँजी बनाए रखनी होगी।
  • बकेट 3 के बैंकों को ‘अतिरिक्त 0.45% पूँजी’ बनाए रखना होगा।

प्रमुख विशेषताऐं

  • ‘विफल नहीं हो सकता’: D-SIBs का मतलब है कि इन बैंकों का कार्यक्षेत्र इतना बड़ा है कि विफल नहीं हो सकता है।
    • विफलता के संभावित प्रभाव: यदि कोई बैंक विफल हो जाता है, तो बैंकिंग प्रणाली और अर्थव्यवस्था से संबंधित आवश्यक सेवाओं में महत्त्वपूर्ण व्यवधान आएगा।
    • सरकारी समर्थन: ‘टू-बिग-टू-फेल’ टैग का तात्पर्य है कि संकट की स्थिति में सरकार इन बैंकों का समर्थन करेगी।
  • वर्गीकरण: RBI महत्त्व के आधार पर बैंकों को पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत करता है।
  • प्रणालीगत महत्त्व में योगदान देने वाले कारक: ये बैंक अपने आर्थिक-आकार, अंतर-क्षेत्राधिकार गतिविधियों, जटिलता और अन्य बैंकों की विकल्पहीनता के कारण बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं।
  • मात्रात्मक मानदंड: जिन बैंकों की संपत्ति ‘सकल घरेलू उत्पाद’ के 2% से अधिक है उन्हें इस समूह में रखा जाता है।
  • ज्यादा पूँजी की आवश्यकताएँ: अपने आर्थिक और राष्ट्रीय महत्त्व के कारण, इन बैंकों को टियर-I इक्विटी के रूप में जोखिम-युक्त ऐसेट का एक बड़ा हिस्सा रखना पड़ता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.