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मेजर्स लिस्ट: प्रमुख अवैध नशीली दवाओं के उत्पादक देशों की सूची

Lokesh Pal September 19, 2025 02:53 28 0

संदर्भ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित 23 देशों को प्रमुख ड्रग तस्करी या अवैध ड्रग उत्पादन करने वाले देशों की सूची में शामिल किया।

‘मेजर्स लिस्ट’ (Major’s List) में उन देशों को शामिल किया जाता है, जो अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी के मुख्य स्रोत या मार्ग के रूप में कार्य करते हैं।

वर्ष 2025 की ‘मेजर्स सूची’

  • कुल देश: इस सूची में 23 देशों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें अफगानिस्तान, बहामास, बेलीज, बोलीविया, बर्मा, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, भारत, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पाकिस्तान, पनामा, पेरू और वेनेजुएला शामिल हैं।
  • विफल राष्ट्र: अफगानिस्तान, बोलीविया, बर्मा, कोलंबिया और वेनेजुएला को मादक पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई में पर्याप्त प्रयास करने में ‘स्पष्ट रूप से विफल’ (Failed Demonstrably) बताया गया।
  • स्पष्टीकरण: अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि सूची में शामिल करना आवश्यक रूप से किसी सरकार के सहयोग को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भौगोलिक, वाणिज्यिक और आर्थिक कारकों पर आधारित है, जो मादक पदार्थों के परिवहन या उत्पादन को संभव बनाते हैं।

महत्त्व

  • भू-राजनीतिक प्रभाव: भारत को चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ शामिल करने से, नशीले पदार्थों के खिलाफ घरेलू प्रयासों के बावजूद भारत की वैश्विक छवि पर दबाव पड़ता है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime- UNODC) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) जैसे ढाँचे के तहत नशीली दवाओं के नियंत्रण में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समन्वय के निरंतर महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।
  • देश में प्रभाव: इस सूची में भारत की उपस्थिति से उसके मादक पदार्थ नियंत्रण प्रवर्तन की जाँच तेज हो सकती है, विशेष रूप से मादक पदार्थों की तस्करी से प्रभावित क्षेत्रों (गोल्डन ट्रायंगल, गोल्डन क्रीसेंट) में।
  • वैश्विक दृष्टिकोण: यह अमेरिका के इस दृष्टिकोण को पुष्ट करता है कि अवैध दवाएँ और सिंथेटिक प्रीकर्सर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और सुरक्षा चुनौती दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

गोल्डन क्रिसेंट (Golden Crescent)

  • भूगोल: इस क्षेत्र के अंतर्गत अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान आते हैं।
  • महत्त्व: यह दुनिया के सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्रों में से एक है और ऐतिहासिक रूप से हेरोइन ड्रग तस्करी का वैश्विक केंद्र रहा है।
  • भारत की चिंता: पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान की निकटता के कारण भारत हेरोइन तस्करी और सीमा पार ड्रग कार्टेल के खतरे के प्रति संवेदनशील हो जाता है।

गोल्डन ट्रायंगल (Golden Triangle)

  • भूगोल: म्याँमार, लाओस और थाईलैंड का सीमावर्ती क्षेत्र।
  • महत्त्व: यह दूसरा सबसे बड़ा अफीम और हेरोइन उत्पादक क्षेत्र है, जो अब सिंथेटिक ड्रग्स (मेथाफेटामाइन) की ओर बढ़ रहा है।
  • भारत की चिंता: उत्तर-पूर्वी राज्य (मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड) में खुली सीमाओं और विद्रोहियों के नेटवर्क के कारण ड्रग्स की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है।

भारत का नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के लिए घरेलू ढाँचा

स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (NDPS अधिनियम)

  • अवलोकन: यह स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों से संबंधित कार्यों को विनियमित करने वाला प्राथमिक कानून है। यह अपराधों पर नियंत्रण, विनियमन और दंड का प्रावधान करता है।
  • संशोधन: हालिया सुधारों में सिंथेटिक दवाओं के लिए जुर्माने में बढोतरी, संपत्ति जब्त करने का प्रावधान और बार-बार अपराध करने वालों के लिए सख्त नियम शामिल हैं।
  • प्रीकर्सर विनियमन: भारत, NDPS अधिनियम के तहत पूर्ववर्ती रसायनों (जैसे- इफेड्रिन और स्यूडोइफेड्रिन) के उत्पादन एवं व्यापार पर निगरानी रखता है, ताकि इनका दुरुपयोग रोका जा सके।

संस्थागत तंत्र 

  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau- NCB): केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत शीर्ष प्रवर्तन एजेंसी, जो राज्यों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करती है।
  • केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (Central Bureau of Narcotics- CBN): वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत, यह अफीम के कानूनी उत्पादन का प्रबंधन करता है और इसके अवैध उपयोग को रोकता है।
  • राज्य पुलिस और DRI: राज्य प्रवर्तन एजेंसियाँ ​​और राजस्व आसूचना निदेशालय, नशीली दवाओं की तस्करी रोकने और उन्हें जब्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएँ

  • UN कन्वेंशन: भारत वर्ष 1961 के नशीले पदार्थों पर एकल अभिसमय (Single Convention on Narcotic Drugs), वर्ष 1971 के साइकोट्रोपिक पदार्थों पर अभिसमय (Psychotropic Substances Convention) और वर्ष 1988 के अवैध व्यापार के विरुद्ध अभिसमय (Convention against Illicit Traffic) का हस्ताक्षरकर्ता है।
  • FATF और UNODC सहयोग: भारत वैश्विक मनी लॉण्ड्रिंग रोधी और नशीले पदार्थों की तस्करी रोधी पहलों में सहयोग करता है।
  • द्विपक्षीय समझौते: भारत ने अमेरिका, म्याँमार और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ सूचना साझा करने और संयुक्त ऑपरेशन के लिए समझौते किए हैं।

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