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Lokesh Pal
September 15, 2025 02:18
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सूचना का अधिकार (Right to Information-RTI) अधिनियम, 2005 को शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया था। हालाँकि, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Digital Personal Data Protection- DPDP) अधिनियम, 2023 के माध्यम से हाल की न्यायिक व्याख्याएँ और संशोधन इसके दायरे को सीमित कर रहे हैं, जो सूचना के अधिकार (RTI) को ‘सूचना देने से इनकार करने के अधिकार (Right to Deny Information- RDI) की और परिवर्तित कर रहे हैं।
सूचना का अधिकार (RTI) लोकतांत्रिक जवाबदेही और शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम है। इसकी प्रभावशीलता को पुनः बहाल करने के लिए, भारत को पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना होगा, RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और RTI प्रावधानों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना होगा। जैसा कि डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने कहा था, ‘लोकतंत्र केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है।’ इस जिम्मेदारी को पूरा करने और एक पारदर्शी, जवाबदेह सरकार सुनिश्चित करने के लिए RTI आवश्यक है।
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