अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) के शोधकर्ताओं ने मंगल ग्रह पर तीन नए क्रेटर खोजे हैं।
संबंधित तथ्य
क्रेटरों का स्थान: ये क्रेटर ‘थारिस’ ज्वालामुखी क्षेत्र में लगभग 21.0° दक्षिण और 209° पश्चिम निर्देशांक पर स्थित हैं।
IAU अनुमोदन: ग्रह प्रणाली नामकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) कार्य समूह ने PRL की सिफारिश के आधार पर इन क्रेटरों के नामकरण को मंजूरी दे दी है।
IAU
IAU एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खगोल विज्ञान को आगे बढ़ाना है।
स्थापना: वर्ष 1919 में ब्रुसेल्स, बेल्जियम में।
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस।
उद्देश्य: यह सहयोग के माध्यम से अनुसंधान, शिक्षा और विकास को बढ़ावा देता है।
क्रेटर (Crater)
क्रेटर एक भू-आकृति है, जिसमें ग्रह की सतह पर एक छेद या गड्ढा होता है।
कारण: आमतौर पर किसी वस्तु के सतह से टकराने या उल्कापिंड, ज्वालामुखी गतिविधि या विस्फोट जैसी भू-वैज्ञानिक गतिविधियों के कारण बनते हैं।
क्रेटर के प्रकार
इंपेक्ट क्रेटर: किसी ग्रह, चंद्रमा या अन्य ठोस वस्तु पर किसी छोटे पिंड के तेज गति से टकराने से बना क्रेटर।
विशेषताएँ: आमतौर पर उभरी हुई रिम की आकृति और आस-पास के क्षेत्र की तुलना में निचली होती हैं।
ज्वालामुखी क्रेटर: ज्वालामुखी गतिविधियों के कारण बना एक कटोरे के आकार का क्रेटर, जो आमतौर पर ज्वालामुखी के वेंट के ऊपर स्थित होता है।
मंगल (Mars)
मंगल सूर्य से चौथा निकटतम ग्रह है।
उपनाम: आयरन ऑक्साइड धूल से ढकी इसकी नारंगी-लाल सतह के कारण इसे “लाल ग्रह” के रूप में जाना जाता है।
ग्रह का प्रकार: स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत।
आकार: सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह, जिसका व्यास 6,779 किमी. (4,212 मील) है।
प्राकृतिक उपग्रह
उपग्रह: मंगल ग्रह के दो छोटे, अनियमित आकार के चंद्रमा हैं, जिनके नाम फोबोस और डीमोस हैं।
गठन: विस्फोट के दौरान निर्मित, मैग्मा और गैसें जब मैग्मा कक्ष से ऊपर उठती हैं तथा वेंट के माध्यम से बाहर निकलती हैं।
विस्फोटक क्रेटर: जमीन की सतह के पास या नीचे विस्फोट से बना गड्ढा।
निर्माण: उच्च दाबयुक्त गैस और आघात तरंगों द्वारा निर्मित, जिससे भूमि का विरूपण, निष्कासन और फैलाव होता है।
पिट क्रेटर: एक शून्य या खाली कक्ष के ऊपर सतह के ढहने से बना एक क्रेटर।
अवसादन क्रेटर: एक भूमिगत विस्फोट, आमतौर पर परमाणु द्वारा निर्मित गुहा की छत के ढहने से बना एक क्रेटर।
मंगल ग्रह पर नए खोजे गए क्रेटरों के नाम
लाल क्रेटर
नाम: प्रो. देवेंद्र लाल, एक प्रतिष्ठित भारतीय भू-भौतिकीविद् और PRL के पूर्व निदेशक (1972-1983)।
अवस्थिति और आकार: -20.98° और 209.34° पर केंद्रित 65 किमी. चौड़ा क्रेटर।
वैज्ञानिक महत्त्व: थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित लाल क्रेटर का क्षेत्र पूरी तरह से लावा से ढका हुआ है।
मुरसान क्रेटर
नाम: मुरसान, उत्तर प्रदेश, भारत का एक शहर।
अवस्थिति और आकार: लाल क्रेटर के पूर्वी किनारे पर स्थित लगभग 10 किमी. चौड़ा क्रेटर।
हिलसा क्रेटर
नाम: हिलसा, बिहार, भारत का एक शहर।
अवस्थिति और आकार: लाल क्रेटर के पश्चिमी किनारे पर स्थित लगभग 10 किमी. चौड़ा क्रेटर।
मंगल ग्रह के क्रेटरों पर अतिरिक्त निष्कर्ष
लाल क्रेटर
अवसाद संबंधी साक्ष्य: भू-भौतिकीय अध्ययनों ने उपसतह रडार (SHARAD/MRO) का उपयोग करके लाल क्रेटर के नीचे 45 मीटर मोटे निक्षेप की पहचान की है।
महत्त्व: यह दर्शाता है कि जल ने बड़ी मात्रा में निक्षेप को क्रेटर में पहुँचाया।
निहितार्थ: यह पुष्टि करता है कि मंगल ग्रह पर कभी प्रवाहित जल और आर्द्र वातावरण भी था।
मुरसान और हिलसा क्रेटर
अवस्थिति: ये दो छोटे क्रेटर लाल क्रेटर के दोनों ओर स्थित हैं।
समय-रेखा संबंधी साक्ष्य: मुरसान और हिलसा क्रेटर की उपस्थिति लाल क्रेटर में निक्षेपण की समयरेखा निर्धारित करने में मदद करती है।
भरने की प्रक्रिया: यह सुझाव देता है कि लाल क्रेटर का भरना ‘एपिसोडिक घटनाओं’ के दौरान हुआ था।
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